जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के करधनी थाना इलाके में दिनदहाड़े प्रॉपर्टी व्यवसायी विजेन्द्र सिंह की हत्या से जुड़े मामले में आरोपी विजय सिंह उर्फ सन्नी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की साक्ष्य के अनुसार विजय सिंह ने घटना से पहले रैकी की थी और हत्याकांड में उसकी प्रभावी भूमिका रही है. ऐसे में मामले की प्रकृति को देखते हुए उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश विजय सिंह की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिए.
जमानत याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता 19 साल का नौजवान है और उसकी मर्डर में कोई भूमिका नहीं है. पुलिस ने उसे प्रकरण में फंसाया है. इसके अलावा वह गत 13 नवंबर से जेल में बंद है. उस पर सिर्फ रैकी करने का आरोप है. वहीं प्रकरण में पुलिस ने उसके खिलाफ जांच कर आरोप पत्र पेश कर दिया है. इसके अलावा प्रकरण की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगेगा. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.
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इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सह आरोपी बलजीत के साथ मिलकर मृतक के घर की रैकी की. जिसकी फुटेज घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है. रैकी के बाद दिनदहाड़े बीच बाजार विजेन्द्र की हत्या कर दी गई. जिसके चलते शहर में दहशत फैल गई. इसके अलावा केवल मात्र आरोप पत्र पेश होने के आधार पर उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
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गौरतलब है कि गत 9 फरवरी को करणी विहार थाना इलाके में प्रॉपर्टी व्यवसायी विजेन्द्र सिंह कार से घर जा रहा था. रास्ते में दो कार में सवार लोगों ने विजेन्द्र सिंह का रास्ता रोक लिया. जब विजेन्द्र ने कार को पीछे लेना चाहा, तो उसकी कार टक्कर मारकर रोक दिया. इसके बाद हमलावरों ने कार का शीशा तोड़कर विजेन्द्र को बाहर खींच लिया और उस पर सरिये और धारदार हथियारों से वार कर गंभीर रूप से घायल कर फरार हो गए. सूचना पर आए विजेन्द्र के परिजन उसे पास के निजी अस्पताल में ले गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.