जयपुर. राजस्थान में एक ओर लाल डायरी को लेकर जबरदस्त उत्सुकता चल रही है कि उसमें ऐसा क्या था? दूसरी ओर राजस्थान में 2 किसान नेताओं हरीश चौधरी और आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के बीच भी लंबे समय से अदावत चल रही है. बुधवार को हरीश चौधरी बजरी के मामले में बीते दिनों हनुमान बेनीवाल की ओर से किए गए आंदोलन पर सवाल करने सामने आए. उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल जो प्रदेश में विजिलेंस के जरिए बजरी की जांच के लिए जांच की बात कर रहे हैं, वे राजस्थान के किसानों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और बजरी के ठेकेदार को फायदा.
उन्होंने कहा कि जब हनुमान बेनीवाल लोकसभा के सदस्य थे और सत्ताधारी दल के अलायंस में थे, तो उन्होंने एक बार भी लोकसभा सदस्य के नाते राजस्थान के लोगों पर जो बजरी के मामले में 13 तरीके के टैक्स लग रहे हैं, उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला. यह बताता है कि वह बजरी के ठेकेदारों को फायदा पहुंचाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल जो भी विवाद कर रहे हैं उसके पीछे मामला सिर्फ एक है बजरी के ठेकेदार को फायदा.
उन्होंने कहा कि जब जुलाई-अगस्त में खनन नहीं हो सकता, तो बजरी सिवाय बजरी लीजधारक के बेच कौन रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता को सस्ती बजरी के रूप में राहत कानून और नियम में परिवर्तन से मिलेगी. इसके लिए केंद्र सरकार को नई पॉलिसी बनानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि राजस्थान के सभी किसानों को non-commercial ट्रैक्टर का कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल करने का अधिकार मिले.
पढ़ें: Beniwal Gave Ultimatum: बेनीवाल ने स्थगित किया बजरी माफिया के खिलाफ आंदोलन, 7 दिन का दिया समय
लाल डायरी के बहाने मुद्दों से भटकाने की जगह करें एजेंसी से शिकायतः हरीश चौधरी वैसे तो राजेंद्र गुढा और उनकी लाल डायरी को लेकर कोई बात रखने से बचते दिखाई दिए, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि लाल डायरी, पीली डायरी और काली डायरी में क्या है? यह मैंने नहीं देखा, ना किसी ने वह डायरी पढ़ी. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह जरूर कहा कि यह देखा जाना चाहिए कि ऐसी बातें करने के पीछे मंशा क्या है.
पढ़ें: RLP Halla Bol in Tonk : बजरी माफिया काँग्रेस-भाजपा को अपनी जेब में लेकर घूम रहा है : हनुमान बेनीवाल
उन्होंने कहा कि राजस्थान और देश के लोगों के जो अधिकार और हक हैं. उन्हें कभी लाल डायरी और कभी चोटी काटने वाली भूतनी से डाइवर्ट नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति आरोप लगा रहा है वह किसी भी एजेंसी के पास जाकर अपनी शिकायत कर सकता है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह लाल डायरी का मुद्दा नेता प्रतिपक्ष ने उठाया क्योंकि वह जातिगत जनगणना समेत अन्य संकल्प पर चर्चा नहीं करना चाहते थे.