जयपुर. शहर के आमेर में तेजा दशमी का पर्व बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर तेजाजी महाराज के मंदिर और उनकी प्रतिमाओं को फूलों के विशेष श्रंगार से सजाया गया. इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की झांकियां भी सजाई गई.
आमेर में जाजोलाई कई तलाई स्थित प्राचीन तेजाजी मंदिर में सुबह से ही आस्था का सैलाब उमड़ता नजर आया. हजारो की संख्या में भक्तो ने यहां पहुंचकर तेजाजी महाराज को प्रसाद चढ़ाकर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. मंदिर के पास भव्य मेले का भी आयोजन किया गया. वहीं इस मेले में तेजाजी महाराज के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचे.
मेले के दौरान तेजाजी महाराज की साक्षात सर्प झाकियां निकाली गई. सर्प झांकी में तेजाजी महाराज का घोड़ला अपने गले मे सर्प को विराजमान कर घोड़े पर सवार होकर भक्तो को आशीर्वाद देते हुए नजर आ रहे थे. इस तेजाजी मंदिर की यह खासियत है कि प्रतिवर्ष तेजा दशमी को सर्प देवता स्वयं प्रकट होकर तेजाजी महाराज के सेवक के गले में विराजमान होते हैं और इसके बाद तेजाजी महाराज के सेवक इसे अपने गले में विराजमान कर पूरे मेले में घोड़े पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देते हैं.
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आमेर के इस मंदिर में मेले के दौरान निकाली जाने वाली सर्प झांकी भक्तों का आकर्षण का केंद्र बनी रहती है. यहां पर देश ही नहीं बल्कि विदेशी भक्त भी इस झांकी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. तेजा दशमी के पर्व पर विशेष रूप से दो बार यह झांकी निकाली जाती है.
तेजा दशमी का पर्व भाद्रपद शुक्ला की दशमी के दिन मनाया जाता है. तेजा दशमी पर्व से पहले नौ दिन तक तेजाजी महाराज की झांकियां और बिंदोरिया निकाली जाती है. वहीं तेजा दशमी के दिन यहां पर रात्रि जागरण का भी आयोजन किया जाता है.
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वीर तेजाजी महाराज की मान्यता है कि किसी भी प्रकार के जहरीले जानवर, सर्प, कीड़े-मकोड़े काटने के जहर को यहां महाराज निकालते हैं. बता दे कि तेजाजी महाराज को लोक देवता के नाम से भी जाना जाता है. जयसिंहपुरा खोर तेजाजी मंदिर, सांगानेर तेजाजी मंदिर, शास्त्री नगर तेजाजी मंदिर सहित जयपुर के विभिन्न तेजाजी मंदिरों में मेले का आयोजन किया गया.