जयपुर. लोकसभा चुनाव के खत्म होने के साथ ही सभी राज्य सरकारें अब खुलकर शासकीय प्रणाली से संबंधित निर्णय लेने लग गई. गहलोत सरकार ने आचार संहिता के खत्म होने के बाद का अब पहला कदम बढ़ा दिया है. खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए सरकार की ओर से समिति का गठन किया गया है. बता दें कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ एक्शन लेने का वादा किया था.
मिलावट को रोकने के लिए सरकार ने एक गुणवत्ता नियंत्रण समिति का गठन किया है जो जिला और राज्य स्तर पर काम करेगी. दरअसल विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में कहा था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आई तो खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता और मापदंडों पर सख्त नियंत्रण किया जाएगा. यही नहीं प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के उद्देश्य से सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों की शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए एक गुणवत्ता नियंत्रण समिति का गठन भी किया जाएगा, जिसके बाद अपने घोषणा पत्र में किए हुए वादे पर राज्य सरकार ने इस समिति का गठन किया है.
ये होंगे सदस्य
इसके तहत राज्य स्तरीय कमेटी में बतौर अध्यक्ष खाद्य आयुक्त को इसका जिम्मा सौंपा गया है. वहीं अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य को इस समिति का सचिव बनाया गया है. इसके अलावा मुख्य खाद्य विश्लेषक और नोडल अधिकारी को इस कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है. अगर जिला स्तरीय कमेटी की बात करें तो संबंधित जिले के संभाग आयुक्त निदेशक इसके अध्यक्ष होंगे तो वहीं जिले के सीएमएचओ सचिव, डिप्टी सीएमएचओ, खाद्य विश्लेषक और खाद्य सुरक्षा अधिकारी बतौर सदस्य का काम करेंगे.