जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह राजस्थान विश्वविद्यालय के आग्रम पर सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए जरूरी बजट मुहैया कराए. यदि सभी शिक्षकों को एक साथ परिलाभ और करियर एडवांसमेंट स्कीम का लाभ देना संभव नहीं है तो यह शिक्षकों के समूहों में दिया जाए.
जिसकी शुरूआत 18 याचिकाकर्ता पूर्व शिक्षकों से की जाए. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. बीडी रावत और अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान विवि की ओर से कहा गया कि मामले में प्रोफेसर अल्पना कटेजा की अध्यक्षता में तीन अन्य सदस्यों की कमेटी गठित की गई है.
कमेटी सेवानिवृत्त और वर्तमान शिक्षकों को सीएएस स्कीम का लाभ देने के लिए प्रकरणों का परीक्षण करेगी. वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि प्रकरण में एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला दिया था. इस आदेश को खंडपीठ ने भी बहाल रखा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट से भी राज्य सरकार को राहत नहीं मिली है. इसके बावजूद अब तक याचिकाकर्ताओं को सीएएस स्कीम का लाभ नहीं दिया गया है.