जयपुर : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट ने विधानसभा में जारी गतिरोध के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, सरकार नहीं चाहती कि सदन चले और उनसे सवाल पूछे जाएं, इसलिए विवाद पैदा करती है और चाहती है कि गतिरोध बना रहे.
पायलट ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत में कहा, इंदिरा गांधी ने देश के लिए 32 गोलियां खाई थीं. प्रश्नकाल में उनके खिलाफ टिप्पणी करना यह दर्शाता है कि जानबूझकर यह बात कही गई है, ताकि सदन में और देश में उत्तेजना फैले. हमारे नेता की कोई अवमानना करता है तो हमारा अधिकार है कि यह मुद्दा उठाएं. टीकाराम जूली और गोविंद सिंह डोटासरा ने मजबूती से मांग की कि इसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाए. हमारी मांग बस इतनी ही है कि जिस मंत्री ने यह टिप्पणी की है, वह माफी मांगे.
मंत्री और मुख्यमंत्री को मांगनी चाहिए माफी : पायलट बोले, केंद्र सरकार सदन में बाबा साहब अंबेडकर को अपमानित करती है, राज्य सरकार जयपुर में इंदिरा गांधी का अपमान करती है. इनकी चाहत यही है कि विवाद पैदा हो, ताकि उनसे सवाल नहीं पूछे जाएं और उन्हें जवाब नहीं देना पड़े. यह राजस्थान की परंपरा नहीं है. यह किसी भी सरकार के मंत्री को शोभा नहीं देता. सरकार के मुखिया (मुख्यमंत्री) को भी आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए था.
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हमने खेद जताया, उन्होंने उचित नहीं समझा : पायलट बोले, स्पीकर को इस बयान को कार्यवाही से हटाना चाहिए था. तीन दिन के धरने के बाद हम समाधान की तरफ बढ़ रहे थे. सदन के पटल पर हमारे तीन-तीन नेताओं ने खेद प्रकट कर दिया. उसके बावजूद भी सरकार ने खेद प्रकट करना उचित नहीं समझा. सदन से छह विधायकों को निलंबित किया गया. आपको लगता है कि इससे आपको लोग बहादुर समझेंगे ? यह सदन इस प्रदेश की जनता की अमानत है.
सत्ता की संपत्ति नहीं है सदन : पायलट बोले, यह सदन सत्ता की संपत्ति नहीं है. सरकार और विपक्ष इस गाड़ी के दो पहिए हैं. हमसे खेद प्रकट करवा लो और अपनी बारी आए तो पीछे हट जाओ, यह बात नैतिकता के आधार पर गलत है. यह जो नई तरह की नकारात्मकता उत्पन्न हो रही है, हमने तय किया है कि हम नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में सब साथ रहेंगे. सदन को चलाना सरकार की जिम्मेदारी होती है, यह विपक्ष की जिम्मेदारी नहीं है. सरकार नहीं चाहती कि कठोर सवाल पूछे जाएं, इसलिए वे यही चाहते हैं कि सदन बाधित रहे और पारदर्शिता खत्म हो जाए. यह सबसे आसान तरीका है कि गतिरोध पैदा करो और सदन को चलने ही न दो.
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भाजपा के प्रदेश प्रभारी पर भी साधा निशाना : उन्होंने भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल पर भी निशाना साधा और कहा कि वे जिम्मेदार होकर क्या टिप्पणी कर रहे हैं. मंत्री सदन के पटल पर ऐसा बयान देते हैं और प्रदेश के प्रभारी उनकी पीठ थपथपा रहे हैं. यह सरकार की मंशा बन गई है कि सदन नहीं चलने दिया जाए, लेकिन जनता जागरूक है, कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जागरूक है. यह व्यक्तिगत मामला ही नहीं है. मुद्दा यह नहीं है कि किसने क्या बोला, मुद्दा यह है कि जिस मंत्री ने इंदिरा गांधी को अपमानित किया, उस पर खेद प्रकट करने में उनकी नाक कट रही है. यह पूरी सरकार की जिम्मेदारी है.
किरोड़ी लाल के बहाने भी साधा निशाना : पायलट बोले, इनमें जो आपस में झगड़े चल रहे हैं. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा यह कह-कहकर थक गए कि उनका फोन टैप हो रहा है. सरकार न तो उन्हें निकाल रही है और न ही उन्हें काम दे रही है. आपसी गतिरोध, एक से ज्यादा पावर सेंटर, ब्यूरोक्रेसी का हावी होना और जयपुर-दिल्ली में जो तनाव है, यही कारण है कि सरकार सदन को नहीं चलाना चाहती है. हम आज भी कह रहे हैं कि मंत्री या सरकार का मुख्यमंत्री खेद प्रकट करे और यह बयान सदन की कार्यवाही से निकाला जाए. अगर वे इतना भी नहीं कर सकते तो हम भी यहां बैठे हैं और सरकार भी यहां बैठी है. हम डटकर मुकाबला करेंगे.