जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अभ्यर्थी को मास्टर डिग्री से पहले नेट पास होना बताकर साक्षात्कार से वंचित करने के मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को नोटिस जारी किया. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा.
जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने पुष्पेन्द्र कुमार शर्मा की दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए. याचिकाकर्ता के वकील डॉ. सोगत रॉय ने अदालत को बताया कि याची ने आरपीएससी की ओर से राजनीति विज्ञान के लिए हुई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में आवेदन किया था. आयोग ने उसे यह कहते हुए साक्षात्कार से वंचित कर दिया कि उसने मास्टर डिग्री से पहले नेट पास किया है. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार नेट पास करने के दो वर्ष के भीतर मास्टर डिग्री हासिल कर ली जाती है तो अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता.
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याचिकाकर्ता ने स्नातक के बाद नेट परीक्षा पास की थी. साक्षात्कार से पूर्व वह मास्टर डिग्री भी ले चुका है. भर्ती विज्ञापन में पात्रता नेट के साथ मास्टर डिग्री बताई गई थी और याचिकाकर्ता साक्षात्कार के समय यह पात्रता रखता है. ऐसे में उसे चयन प्रक्रिया से वंचित नहीं किया जा सकता. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरपीएससी से जवाब मांगा व याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए.