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रेलवे में नौकरी का झांसा, 5 लाख लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया, मामला दर्ज

राजधानी जयपुर में रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख रुपए की ठगी करने और फर्जी नियुक्ति पत्र देने का मामला सामने आया है. इसे लेकर कोर्ट इस्तगासे के मार्फत विश्वकर्मा थाने में मामला दर्ज हुआ है.

fraud in the name of Railway job in Jaipur
रेलवे में नौकरी का झांसा, 5 लाख लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया, मामला दर्ज
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Published : May 12, 2023, 4:14 PM IST

जयपुर. रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर पांच लाख रुपए की ठगी करने और फर्जी नियुक्ति पत्र थमाने का मामला सामने आया है. इसे लेकर अब कोर्ट इस्तगासे के माध्यम से विश्वकर्मा थाने में मामला दर्ज हुआ है.

परिवादी आमेर के रिया की ढाणी निवासी कैलाश गुर्जर ने परिवाद में बताया कि साल 2019 में उसके परिचित पूरण सिंह के माध्यम से उसकी जान-पहचान पंजाब के पटियाला निवासी रोहित गब्बा से हुई. वह सेकंड हैंड गाड़ियों का व्यापार करता है. परिवादी कैलाश भी सेकंड हैंड गाड़ियों के व्यापार से जुड़ा है. उसका आरोप है कि रोहित कुमार गब्बा ने उससे कहा कि उसकी रेलवे में अच्छी सेटिंग है और वह किसी को रेलवे में नौकरी लगवा सकता है. उसकी बातों में आकर परिवादी ने खुद के भतीजे रोहित गुर्जर को नौकरी लगवाने को कहा. इस पर आरोपी रोहित ने उसके भतीजे के दस्तावेज मांगे और नौकरी लगवाने के लिए 8 लाख रुपए की डिमांड की.

पढ़ेंः झुंझुनू : रेलवे में नौकरी का झांसा देकर लाखों ठगे, आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल गिरफ्तार

कैलाश ने परिवाद में आरोप लगाया है कि उसने 2019 में रोहित को एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दे दिए. उसके दोस्त पूरण सिंह ने भी अपने बेटे को नौकरी लगवाने के लिए उसे एक लाख रुपए दिए. इसके बाद आरोपी के कहने पर वह, पूरण सिंह और अन्य व्यक्ति 19 अक्टूबर, 2020 को लखनऊ पहुंचे. जहां उसने उनसे 2.50 लाख रुपए नकद ले लिए. जबकि 20 और 21 अक्टूबर को अलग-अलग ट्रांजेक्शन के माध्यम से उनसे एक लाख रुपए और ले लिए. रुपए देने के बाद आरोपी ने एक जॉइनिंग लेटर दिखाया और लेटर देने से पहले तीन लाख रुपए और मांगे. जो उसने दे दिए. इस तरह अलग-अलग बार में उसने तय की गई 8 लाख की रकम में से पांच लाख रुपए से ज्यादा उससे ले लिए और एक नियुक्ति पत्र दे दिया.

पढ़ेंः रेलवे में नौकरी के नाम पर 10 लाख की ठगी, दिया फर्जी ट्रेनिंग और नियुक्ति पत्र

कोविड का बहाना बनाकर अटकायाः परिवादी ने रिपोर्ट में बताया है कि इस बीच कोविड के लगातार बढ़ते प्रकोप के कारण आवाजाही बंद हो गई थी. उसने आरोपी रोहित से कई बार फोन पर बात की तो कोविड का बहाना बनाकर टालता रहा. इसके बाद भी वह झूठे आश्वासन देता रहा. फिर एक दिन कहा कि रोहित और पूरण सिंह के बेटे शुभम की जॉइनिंग की फाइल गुम हो गई है. ऐसे में वह खुद जाकर उनकी जॉइनिंग की बात करेगा. इस तरह से साल 2022 के आखिर तक वह उसे इसी तरह से झूठे आश्वासन देता और बहाने बनाता रहा.

पढ़ेंः रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

दबाव बनाने पर लगा धमकानेः इस साल की शुरुआत में जब परिवादी कैलाश ने आरोपी रोहित कुमार गब्बा से बात की और जल्द नियुक्ति का दबाव बनाया तो वह उसे धमकाने लगा और अपनी पहुंच का हवाला देकर कहा कि वह उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं. इसके बाद परिवादी अपने भतीजे और शुभम के जॉइनिंग लैटर की जांच करने लखनऊ पहुंचे, तो पता चला कि जॉइनिंग लैटर भी फर्जी है. विश्वकर्मा थानाधिकारी रमेश सैनी का कहना है कि कोर्ट इस्तगासे के माध्यम से कैलाश सैनी का परिवाद आया है. इसे लेकर पटियाला निवासी रोहित कुमार गब्बा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.

जयपुर. रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर पांच लाख रुपए की ठगी करने और फर्जी नियुक्ति पत्र थमाने का मामला सामने आया है. इसे लेकर अब कोर्ट इस्तगासे के माध्यम से विश्वकर्मा थाने में मामला दर्ज हुआ है.

परिवादी आमेर के रिया की ढाणी निवासी कैलाश गुर्जर ने परिवाद में बताया कि साल 2019 में उसके परिचित पूरण सिंह के माध्यम से उसकी जान-पहचान पंजाब के पटियाला निवासी रोहित गब्बा से हुई. वह सेकंड हैंड गाड़ियों का व्यापार करता है. परिवादी कैलाश भी सेकंड हैंड गाड़ियों के व्यापार से जुड़ा है. उसका आरोप है कि रोहित कुमार गब्बा ने उससे कहा कि उसकी रेलवे में अच्छी सेटिंग है और वह किसी को रेलवे में नौकरी लगवा सकता है. उसकी बातों में आकर परिवादी ने खुद के भतीजे रोहित गुर्जर को नौकरी लगवाने को कहा. इस पर आरोपी रोहित ने उसके भतीजे के दस्तावेज मांगे और नौकरी लगवाने के लिए 8 लाख रुपए की डिमांड की.

पढ़ेंः झुंझुनू : रेलवे में नौकरी का झांसा देकर लाखों ठगे, आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल गिरफ्तार

कैलाश ने परिवाद में आरोप लगाया है कि उसने 2019 में रोहित को एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दे दिए. उसके दोस्त पूरण सिंह ने भी अपने बेटे को नौकरी लगवाने के लिए उसे एक लाख रुपए दिए. इसके बाद आरोपी के कहने पर वह, पूरण सिंह और अन्य व्यक्ति 19 अक्टूबर, 2020 को लखनऊ पहुंचे. जहां उसने उनसे 2.50 लाख रुपए नकद ले लिए. जबकि 20 और 21 अक्टूबर को अलग-अलग ट्रांजेक्शन के माध्यम से उनसे एक लाख रुपए और ले लिए. रुपए देने के बाद आरोपी ने एक जॉइनिंग लेटर दिखाया और लेटर देने से पहले तीन लाख रुपए और मांगे. जो उसने दे दिए. इस तरह अलग-अलग बार में उसने तय की गई 8 लाख की रकम में से पांच लाख रुपए से ज्यादा उससे ले लिए और एक नियुक्ति पत्र दे दिया.

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कोविड का बहाना बनाकर अटकायाः परिवादी ने रिपोर्ट में बताया है कि इस बीच कोविड के लगातार बढ़ते प्रकोप के कारण आवाजाही बंद हो गई थी. उसने आरोपी रोहित से कई बार फोन पर बात की तो कोविड का बहाना बनाकर टालता रहा. इसके बाद भी वह झूठे आश्वासन देता रहा. फिर एक दिन कहा कि रोहित और पूरण सिंह के बेटे शुभम की जॉइनिंग की फाइल गुम हो गई है. ऐसे में वह खुद जाकर उनकी जॉइनिंग की बात करेगा. इस तरह से साल 2022 के आखिर तक वह उसे इसी तरह से झूठे आश्वासन देता और बहाने बनाता रहा.

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दबाव बनाने पर लगा धमकानेः इस साल की शुरुआत में जब परिवादी कैलाश ने आरोपी रोहित कुमार गब्बा से बात की और जल्द नियुक्ति का दबाव बनाया तो वह उसे धमकाने लगा और अपनी पहुंच का हवाला देकर कहा कि वह उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं. इसके बाद परिवादी अपने भतीजे और शुभम के जॉइनिंग लैटर की जांच करने लखनऊ पहुंचे, तो पता चला कि जॉइनिंग लैटर भी फर्जी है. विश्वकर्मा थानाधिकारी रमेश सैनी का कहना है कि कोर्ट इस्तगासे के माध्यम से कैलाश सैनी का परिवाद आया है. इसे लेकर पटियाला निवासी रोहित कुमार गब्बा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.

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