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Fraud Case in Jaipur : रोजगार कार्यालय खोल ठगों ने हड़पे लाखों रुपये, यहां जानिए पूरा मामला - Fraud in the Name of Government Job

जयपुर में रोजगार कार्यालय खोल ठगी करने का सनसनीखेज (Fraud Case in Jaipur) मामला सामने आया है. जहां पिता-पुत्र ने सरकार नौकरी लगाने के नाम पर एक युवक से लाखों रुपये की ठगी कर ली. क्या है पूरा मामला, यहां जानिए....

fraud in the name of government job
बजाज नगर थाना पुलिस जयपुर
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Published : Feb 5, 2023, 12:42 PM IST

जयपुर. राजधानी के बजाज नगर थाना इलाके में ठगों द्वारा रोजगार कार्यालय खोल एक युवक की सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. ठगी का शिकार हुआ युवक जब शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा तो पुलिस में शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के दखल के बाद बजाज नगर थाने में शनिवार को रिपोर्ट दर्ज की गई.

प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी चंद्रभान सिंह ने बताया कि पशुपतिनाथ कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय धन्नाराम ने ठगी का मामला दर्ज करवाया है. धन्नाराम का बेटा शंकर नगर निगम के लिए डोर टू डोर कचरा संग्रह करने वाली बीवीजी कंपनी में गाड़ी चलाने का काम करता है. शंकर के साथ काम करने वाले राहुल व कुलदीप ने उसे बताया कि गोपालपुरा बाइपास पर ई-मित्र चलाने वाला अभिषेक सोनी रोजगार कार्यालय भी चलाता है. उन्होंने बताया कि अभिषेक बेरोजगार युवकों की सरकारी नौकरी लगाने का काम करता है, जिस पर शंकर गोपालपुरा बायपास जाकर अभिषेक से मिला. जहां अभिषेक और उसके पिता गिर्राज सोनी ने शंकर को नगर निगम में सरकारी नौकरी लगाने का आश्वासन देकर 3 लाख रुपयों की डिमांड की.

पढे़ं : Online Fraud in Alwar : महिला अधिकारी से 96 हजार रुपए की ठगी, पैसे रिफंड करने का दिया था झांसा

इस तरह से की ठगी : पिता-पुत्र की बातों में आकर शंकर ने 7 जनवरी को 1.50 लाख रुपये गोपालपुरा बायपास स्थित रोजगार कार्यालय में जाकर अभिषेक को दिए. वहीं, शेष 1.50 लाख रुपये 17 जनवरी को अभिषेक के घर जाकर उसके पिता गिर्राज सोनी को दिए. शंकर का विश्वास जीतने के लिए अभिषेक ने अपने बैंक खाते का हस्ताक्षर किया हुआ एक ब्लैंक चेक और 500 रुपये का स्टांप बनाकर शंकर को दिया. साथ ही इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त किया कि उसकी जल्द ही सरकारी नौकरी लग जाएगी और यदि नहीं लगती है तो उसे 3 लाख रुपये वापस लौटा दिए जाएंगे.

3 लाख रुपये देने के 15 दिन बाद जब शंकर ने अभिषेक से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो उसका फोन बंद आया. इस पर शंकर जब अभिषेक के गोपालपुरा स्थित रोजगार कार्यालय पहुंचा तो वहां पर ताला लगा हुआ मिला और घर पर भी ताला लगा हुआ मिला. जब शंकर ने आसपास पड़ताल की तो पता चला कि दोनों पिता-पुत्र कई बेरोजगार युवकों से लाखों रुपये की राशि हड़प कर फरार हो गए हैं. ठगी का शिकार होने के बाद जब शंकर ने बजाज नगर थाने पहुंच शिकायत दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद शंकर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के दखल के बाद शनिवार रात बजाज नगर थाने में अभिषेक व गिर्राज के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया गया. फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश करना शुरू किया है.

जयपुर. राजधानी के बजाज नगर थाना इलाके में ठगों द्वारा रोजगार कार्यालय खोल एक युवक की सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. ठगी का शिकार हुआ युवक जब शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा तो पुलिस में शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के दखल के बाद बजाज नगर थाने में शनिवार को रिपोर्ट दर्ज की गई.

प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी चंद्रभान सिंह ने बताया कि पशुपतिनाथ कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय धन्नाराम ने ठगी का मामला दर्ज करवाया है. धन्नाराम का बेटा शंकर नगर निगम के लिए डोर टू डोर कचरा संग्रह करने वाली बीवीजी कंपनी में गाड़ी चलाने का काम करता है. शंकर के साथ काम करने वाले राहुल व कुलदीप ने उसे बताया कि गोपालपुरा बाइपास पर ई-मित्र चलाने वाला अभिषेक सोनी रोजगार कार्यालय भी चलाता है. उन्होंने बताया कि अभिषेक बेरोजगार युवकों की सरकारी नौकरी लगाने का काम करता है, जिस पर शंकर गोपालपुरा बायपास जाकर अभिषेक से मिला. जहां अभिषेक और उसके पिता गिर्राज सोनी ने शंकर को नगर निगम में सरकारी नौकरी लगाने का आश्वासन देकर 3 लाख रुपयों की डिमांड की.

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इस तरह से की ठगी : पिता-पुत्र की बातों में आकर शंकर ने 7 जनवरी को 1.50 लाख रुपये गोपालपुरा बायपास स्थित रोजगार कार्यालय में जाकर अभिषेक को दिए. वहीं, शेष 1.50 लाख रुपये 17 जनवरी को अभिषेक के घर जाकर उसके पिता गिर्राज सोनी को दिए. शंकर का विश्वास जीतने के लिए अभिषेक ने अपने बैंक खाते का हस्ताक्षर किया हुआ एक ब्लैंक चेक और 500 रुपये का स्टांप बनाकर शंकर को दिया. साथ ही इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त किया कि उसकी जल्द ही सरकारी नौकरी लग जाएगी और यदि नहीं लगती है तो उसे 3 लाख रुपये वापस लौटा दिए जाएंगे.

3 लाख रुपये देने के 15 दिन बाद जब शंकर ने अभिषेक से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो उसका फोन बंद आया. इस पर शंकर जब अभिषेक के गोपालपुरा स्थित रोजगार कार्यालय पहुंचा तो वहां पर ताला लगा हुआ मिला और घर पर भी ताला लगा हुआ मिला. जब शंकर ने आसपास पड़ताल की तो पता चला कि दोनों पिता-पुत्र कई बेरोजगार युवकों से लाखों रुपये की राशि हड़प कर फरार हो गए हैं. ठगी का शिकार होने के बाद जब शंकर ने बजाज नगर थाने पहुंच शिकायत दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद शंकर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के दखल के बाद शनिवार रात बजाज नगर थाने में अभिषेक व गिर्राज के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया गया. फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश करना शुरू किया है.

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