जयपुर. राजस्थान में भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन से खाली हुई सीट पर उप चुनाव होने जा रहे हैं. इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मंगलवार को नामांकन दाखिल करने जयपुर पहुंच गए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 11:30 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे. वहीं मनमोहन सिंह चार नामांकन दाखिल करेंगे. जिसमें हर फॉर्म में 10 प्रस्तावक होंगे. यानी कि 40 विधायक प्रस्तावित के तौर पर मनमोहन सिंह के नामांकन पर हस्ताक्षर करेंगे. इन प्रस्तावक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य और बसपा के विधायक और निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं.
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हालांकि इन चुनाव को महज औपचारिकता माना जा रहा है,क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जीतने के लिए कितने वोट चाहिए वह खुद कांग्रेस पार्टी के पास है. दरअसल राज्य सभा चुनाव एक फार्मूले के तहत होते हैं. राजस्थान में कुल 200 सदस्य हैं, लेकिन अभी दो विधायक खींवसर हनुमान बेनीवाल और मंडावा से नरेंद्र कुमार सांसद बन गए हैं.
ऐसे में राजस्थान विधानसभा में सदस्यों की संख्या 198 रह गई है. राजस्थान में क्योंकि एक सीट पर राज्यसभा सदस्य का चुनाव होना है. ऐसे में एक सदस्य को चुनाव जीतने के लिए कितने विधायकों का वोट चाहिए. यह तय करने के लिए कुल विधायकों की संख्या को 2 से विभाजित करके उसमें एक जोड़ दिया जाता है.
वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में 198 सदस्य हैं इसे 2 से विभाजित करने पर 99 की संख्या आती है. जिसमें एक जोड़ने पर संख्या शो हो जाती है. इसका मतलब यह है कि 1 सीट पर हो रहे उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 100 वोटों की जरूरत होगी.
हालांकि अगर चुनाव एक से ज्यादा सीटों पर होता तो उसमें प्राथमिकता के हिसाब से वोट दिया जाता क्योंकि एक ही सीट पर चुनाव हो रहा है. ऐसे में प्राथमिकता का कोई मतलब नहीं रह जाता जिस उम्मीदवार को 100 वोट पहली प्राथमिकता के मिल जाएंगे.
आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के स्वयं के 100 विधायक हैं और अभी 200 में से 2 सीटें खाली है तो 198 सीटों में से एक उम्मीदवार को जीतने के लिए वर्तमान में 100 वोटों की जरूरत होगी. कांग्रेस के पास स्वयं के 100 विधायक मौजूद है ऐसे में कांग्रेस के पास खुद के दम पर अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरा बहुमत मौजूद है.
इसके अलावा हम बात करें तो 13 निर्दलीय विधायकों में से एक मात्र ओम प्रकाश हुडला को छोड़कर सभी 12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस के समर्थन में हैं, तो वहीं आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग कांग्रेस सरकार में मंत्री है. इसके साथ बसपा के भी सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है. ऐसे में यह संख्या बढ़कर 119 हो गई है. इसके अलावा दो कम्युनिस्ट पार्टी और दो भारतीय ट्राइबल पार्टी के सदस्य भी कांग्रेस के साथ आ सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने इस सीट पर जीतने में कोई दिक्कत नहीं दिखाई दे रही है.
बशर्ते कि कोई क्रॉस वोटिंग या गलती से भाजपा को वोट ना कर दे ऐसे में अगर भाजपा कोई उम्मीदवार उतारती है या किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन भी देती है तो उस उम्मीदवार को 20 वोटर ऐसे चाहिए जो या तो क्रॉस वोटिंग करें या फिर गलती से कांग्रेस की जगह भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट दे.
जिसकी संभावना न के बराबर लगती है. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीतना लगभग तय . वहीं राजस्थान विधानसभा के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा है कि इसके पास इस सीट को जीतने के लिए पूर्ण बहुमत है.ऐसे में भाजपा को भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारना चाहिए. इस समय कांग्रेस के पास इस सीट पर जीतने के लिए जरूरी 100 विधायकों के अलावा 23 विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है.ऐसे में मनमोहन सिंह की जीत महज औपचारिकता रह जाएगी.