जयपुर. बिपरजॉय तूफान ने प्रदेश के कई जिलों पर अपना कहर बरपाया. कई क्षेत्रों में जान माल की हानि भी हुई है. प्रदेश में आई इस प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रभावित जिलों का दौरा कर आम जनता से संवाद कर रहे हैं. सीएम गहलोत के इन हवाई दौरों पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सवाल उठाए हैं. राजे ने कहा कि सिर्फ हवाई दौरे करने से कुछ होने वाला नहीं है. पीड़ित परिवारों को खाने के लिए राशन चाहिए, सरकार इनके पेट भरने की व्यवस्था करें.
हवाई दौरों से कुछ नहीं होगा : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री हवाई दौरे करने के साथ-साथ चक्रवात प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत भी प्रदान करें. सिर्फ दौरों से किसी का पेट भरने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी को बिपरजॉय तूफान से होने वाली तबाही का पूर्वाभास था. इसके बावजूद मुख्यमंत्री अलर्ट नहीं हुए. नतीजा यह हुआ कि कई लोगों की मौत हो गई. गांव के गांव जलमग्न हो गए, सड़कें टूट गई, लोगों के घर ढह गए. इतना सब होने के बाद भी मुख्यमंत्री लोगों तक राहत पहुंचाने के बजाय सिर्फ हवाई दौरे कर आहत परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं. अब सरकार सिर्फ हवाई दौरे कर दिखावा कर रही है.
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खाने का राशन पहुंचाएं : राजे ने कहा कि बिपरजॉय तूफान से जिन-जिन परिवारों को नुकसान हुआ है, सरकार उन्हें तत्काल राहत प्रदान करें. सरकारी खानापूर्ति बाद में होती रहेगी, लेकिन जहां लोगों के भूखे मरने की स्थिति है वहां राशन पहुंचाएं. सर्वे का इंतजार कर प्रभावित लोगों को अपने हाल पर छोड़ देना उनके साथ सरासर अन्याय है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि शासन सिर्फ आश्वासन नहीं, लोगों को राशन दें. उन्होंने दावा किया कि गुजरात की भाजपा सरकार ने बिपरजॉय से होने वाली बरबादी की आशंका भांपकर करीब सवा लाख लोगों और 20 हजार पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि गुजरात में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई, जबकि राजस्थान में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 17 लोग मारे गए. राजे ने कहा कि हकीकत में मरने वालों की संख्या इससे भी कहीं ज्यादा होगी.