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अपनी जमीन बचाने के लिए बारिश के बीच डटे रहे किसान, तिरपाल और छाते के नीचे किया प्रोटेस्ट - FARMER PROTEST

अपनी जमीन बचाने के लिए बारिश के बीच भी डटे रहे किसान. तिरपाल और छाते के नीचे किया प्रोटेस्ट. जानिए पूरा मामला...

Farmer Protest
किसानों का प्रदर्शन (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 17 hours ago

Updated : 16 hours ago

जयपुर: तेज सर्दी और बारिश के बीच भी नींदड़ बचाओ आंदोलन जारी रहा. शुक्रवार को आंदोलन के 36वें दिन रुक-रुक कर कई बार बारिश आई, लेकिन किसान अपनी जमीन बचाने के लिए यहां डटे रहे. इस दौरान बारिश से बचने के लिए तिरपाल का सहारा लिया गया. वहीं, किसानों के साथ स्थानीय महिलाएं और बच्चे भी इस आंदोलन से जुड़े.

अपनी जमीन के लिए 2010 से संघर्ष कर रहे किसानों को अब तक राहत नहीं मिल पाई. किसानों ने जयपुर विकास प्राधिकरण के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और स्पष्ट किया है कि उन्हें मुआवजे में कोई रूचि नहीं, ये आवासीय योजना ही रद्द होनी चाहिए. इसी मांग को लेकर शुक्रवार को बारिश के बीच भी किसान और उनका परिवार नींदड़ में धरने पर बैठा रहा. नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के हरिशंकर शर्मा ने कहा कि नींदड़ के किसान पिछले 14 साल से लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं.

क्या बोले किसान, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें : नींदड़ में किसानों की पंचायत, JDA पर लगाया जबरन भूमि अवाप्ति का आरोप, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - FARMERS PROTEST

किसानों ने जमीन सत्याग्रह भी किया, 2017 और 2020 में सरकार ने समझौता भी किया और फिर धोखा दिया. वहीं, अब बीते 22 नवंबर से यहां धरना देकर बैठे हैं, लेकिन सरकार कोई बातचीत नहीं कर रही. कल रात से लगातार बारिश हो रही है. किसान अपनी जमीन बचाने के लिए इस बारिश में भी यहां बैठे हुए हैं. वहीं, स्थानीय महिलाओं ने कहा कि बारिश और तेज ठंड में धरना देने से यदि वो बीमार भी हो जाते हैं तो भी अपनी जमीन को बचाने के लिए ये धरना जारी रखेंगे, वो यहां से हिलने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यहां चुनाव के दौरान वोट मांगने के लिए जनप्रतिनिधि आए थे. उन्हें चुनकर विधानसभा भेजा, सरकार बनी, लेकिन अब वही सरकार सुनवाई नहीं कर रही.

आपको बता दें कि बीते रविवार को ही नींदड़ में किसानों ने पंचायत बुलाकर राज्य सरकार और जेडीए प्रशासन को दो महीने का अल्टीमेट दिया था. यदि 2 महीने में इस योजना को खत्म नहीं किया जाता तो महापंचायत बुलाकर उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी.

जयपुर: तेज सर्दी और बारिश के बीच भी नींदड़ बचाओ आंदोलन जारी रहा. शुक्रवार को आंदोलन के 36वें दिन रुक-रुक कर कई बार बारिश आई, लेकिन किसान अपनी जमीन बचाने के लिए यहां डटे रहे. इस दौरान बारिश से बचने के लिए तिरपाल का सहारा लिया गया. वहीं, किसानों के साथ स्थानीय महिलाएं और बच्चे भी इस आंदोलन से जुड़े.

अपनी जमीन के लिए 2010 से संघर्ष कर रहे किसानों को अब तक राहत नहीं मिल पाई. किसानों ने जयपुर विकास प्राधिकरण के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और स्पष्ट किया है कि उन्हें मुआवजे में कोई रूचि नहीं, ये आवासीय योजना ही रद्द होनी चाहिए. इसी मांग को लेकर शुक्रवार को बारिश के बीच भी किसान और उनका परिवार नींदड़ में धरने पर बैठा रहा. नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के हरिशंकर शर्मा ने कहा कि नींदड़ के किसान पिछले 14 साल से लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं.

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किसानों ने जमीन सत्याग्रह भी किया, 2017 और 2020 में सरकार ने समझौता भी किया और फिर धोखा दिया. वहीं, अब बीते 22 नवंबर से यहां धरना देकर बैठे हैं, लेकिन सरकार कोई बातचीत नहीं कर रही. कल रात से लगातार बारिश हो रही है. किसान अपनी जमीन बचाने के लिए इस बारिश में भी यहां बैठे हुए हैं. वहीं, स्थानीय महिलाओं ने कहा कि बारिश और तेज ठंड में धरना देने से यदि वो बीमार भी हो जाते हैं तो भी अपनी जमीन को बचाने के लिए ये धरना जारी रखेंगे, वो यहां से हिलने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यहां चुनाव के दौरान वोट मांगने के लिए जनप्रतिनिधि आए थे. उन्हें चुनकर विधानसभा भेजा, सरकार बनी, लेकिन अब वही सरकार सुनवाई नहीं कर रही.

आपको बता दें कि बीते रविवार को ही नींदड़ में किसानों ने पंचायत बुलाकर राज्य सरकार और जेडीए प्रशासन को दो महीने का अल्टीमेट दिया था. यदि 2 महीने में इस योजना को खत्म नहीं किया जाता तो महापंचायत बुलाकर उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी.

Last Updated : 16 hours ago
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