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चेतना की मां ने कलेक्टर से पूछा - 'अगर आपकी बेटी होती तो आप क्या करतीं ?' - BOREWELL RESCUE OPERATION IN BEHROR

कोटपूतली-बहरोड़ में बोरवेल में गिरी बच्ची को निकालने का 117 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

बोरवेल में गिरी बच्ची का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
बोरवेल में गिरी बच्ची का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (ETV Bharat Kotputli Behror)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 28, 2024, 11:43 AM IST

Updated : Dec 28, 2024, 12:15 PM IST

कोटपूतली-बहरोड : सोमवार दोपहर को बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है. शनिवार को छठे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बोरवेल के गड्ढे के बगल में 170 फीट का गड्ढा खोदा गया है. खुदाई करके उसमें केसिंग डालने का काम भी पूरा हो चुका है. 90 डिग्री पर अंदर की तरफ करीब 10 फीट की सुरंग बनाई जाएगी. इसके लिए एनडीआरएफ की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ नीचे उतर चुकी है. चेतना की मां ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'आपकी बेटी होती, तब भी इस मामले में इतनी लापरवाही बरती जाती?'

चेतना की मां की गुहार : चेतना के परिजनों की धैर्य का बांध टूटने लगा है. परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चेतना की मां धोली देवी ने कहा कि 'कलेक्टर मैम की बेटी होती तो क्या उसे इतने दिन तक उसमें रहने देतीं? मेरी बेटी भूख प्यास से तड़प रही होगी. मेरी बात ना सुनो तो उसे बेचारी की आत्मा की पुकार सुन लो. मेरी बेटी को जल्दी से जल्दी निकाल लो'. चेतना के ताऊ शुभराम ने शानिवार को आरोप लगाया कि अधिकारी जवाब नहीं देते हैं. ज्यादा पूछो तो कहते हैं-कलेक्टर मैम बताएंगी. अभी वो सो रही हैं.

चेतना की मां (ETV BHARAT Rajasthan)

सोशल मीडिया पर भी शुरू हुई मुहिम : सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. लोग #चेतना_की_जिंदगी_बचाओ के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं. लोग सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट करते हुए इस मुहिम को जोर देने की गुहार लगा रहे हैं.

पढ़ें. Borewell Accident Update : राजस्थान का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन, 116 घंटे से बोरवेल में फंसी है चेतना

बरसात बना रही है रेस्क्यू में बाधा : चेतना को निकालने के लिए दो दिन पहले पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पैरलल करीब 170 फीट का गड्ढा खोदा गया था. बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स पाइप के जरिए इस गड्ढे में उतरेंगे. इसके बाद वे गड्ढे से बोरवेल तक 20 फीट की सुरंग खोदेंगे, लेकिन अब तक इस प्लान पर आगे नहीं बढ़ जा सका है. NDRF इंचार्ज योगेश कुमार मीणा ने बताया कि बारिश की वजह से बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ रहा है. हमने जो 5 पाइप अंदर डाले हैं, उनको वेल्ड कर रहे थे, लेकिन बारिश की वजह से परेशानी हो रही है. अभी 5 पाइपों को वेल्ड किया जा चुका है. इसके साथ पाइप का वजन काफी ज्यादा है, पहले वाली मशीन वजन सहन नहीं कर पा रही थी. हमें 100 टन क्षमता की हाइड्रा मशीन मंगवानी पड़ी है. एक बार वेल्डिंग का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद ही टीम नीचे उतरेगी और खुदाई शुरू की जाएगी, इसमें भी समय लग सकता है.

कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में सोमवार को खेलते समय गिरी 3 साल की चेतना को निकालने में प्रशासन को 116 घंटे बाद भी सफलता नहीं मिली है. 170 फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद अब एनडीआरफ की टीम 90 डिग्री के एंगल पर 10 फीट की टर्नल खोदेगी. इसके लिए एनडीआरएफ के एक्सपर्ट 170 फीट गहरे गड्ढे में उतर चुके हैं. गड्ढे में ऑक्सीजन लेवल नापा जा रहा है. 20-20 मिनट तक गड्ढे में जाकर भौगोलिक स्थिति और वातावरण की जानकारी ले रहे हैं. गड्ढे के अंदर एनडीआरएफ की टीम के लिए पंखा, लाइट, ऑक्सीजन, कटर मशीन सहित सभी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. जल्द ही L -बैंड सुरंग की खुदाई होगी. हालांकि, बारिश की आशंका को लेकर प्रशासन चिंतित.

पढ़ें. Rajasthan Borewell Accidents : आर्यन के बाद अब चेतना गिरी खुले बोरवेल में, इससे पहले ये भी हो चुके हैं शिकार

कोटपूतली-बहरोड : सोमवार दोपहर को बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है. शनिवार को छठे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बोरवेल के गड्ढे के बगल में 170 फीट का गड्ढा खोदा गया है. खुदाई करके उसमें केसिंग डालने का काम भी पूरा हो चुका है. 90 डिग्री पर अंदर की तरफ करीब 10 फीट की सुरंग बनाई जाएगी. इसके लिए एनडीआरएफ की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ नीचे उतर चुकी है. चेतना की मां ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'आपकी बेटी होती, तब भी इस मामले में इतनी लापरवाही बरती जाती?'

चेतना की मां की गुहार : चेतना के परिजनों की धैर्य का बांध टूटने लगा है. परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चेतना की मां धोली देवी ने कहा कि 'कलेक्टर मैम की बेटी होती तो क्या उसे इतने दिन तक उसमें रहने देतीं? मेरी बेटी भूख प्यास से तड़प रही होगी. मेरी बात ना सुनो तो उसे बेचारी की आत्मा की पुकार सुन लो. मेरी बेटी को जल्दी से जल्दी निकाल लो'. चेतना के ताऊ शुभराम ने शानिवार को आरोप लगाया कि अधिकारी जवाब नहीं देते हैं. ज्यादा पूछो तो कहते हैं-कलेक्टर मैम बताएंगी. अभी वो सो रही हैं.

चेतना की मां (ETV BHARAT Rajasthan)

सोशल मीडिया पर भी शुरू हुई मुहिम : सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. लोग #चेतना_की_जिंदगी_बचाओ के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं. लोग सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट करते हुए इस मुहिम को जोर देने की गुहार लगा रहे हैं.

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बरसात बना रही है रेस्क्यू में बाधा : चेतना को निकालने के लिए दो दिन पहले पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पैरलल करीब 170 फीट का गड्ढा खोदा गया था. बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स पाइप के जरिए इस गड्ढे में उतरेंगे. इसके बाद वे गड्ढे से बोरवेल तक 20 फीट की सुरंग खोदेंगे, लेकिन अब तक इस प्लान पर आगे नहीं बढ़ जा सका है. NDRF इंचार्ज योगेश कुमार मीणा ने बताया कि बारिश की वजह से बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ रहा है. हमने जो 5 पाइप अंदर डाले हैं, उनको वेल्ड कर रहे थे, लेकिन बारिश की वजह से परेशानी हो रही है. अभी 5 पाइपों को वेल्ड किया जा चुका है. इसके साथ पाइप का वजन काफी ज्यादा है, पहले वाली मशीन वजन सहन नहीं कर पा रही थी. हमें 100 टन क्षमता की हाइड्रा मशीन मंगवानी पड़ी है. एक बार वेल्डिंग का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद ही टीम नीचे उतरेगी और खुदाई शुरू की जाएगी, इसमें भी समय लग सकता है.

कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में सोमवार को खेलते समय गिरी 3 साल की चेतना को निकालने में प्रशासन को 116 घंटे बाद भी सफलता नहीं मिली है. 170 फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद अब एनडीआरफ की टीम 90 डिग्री के एंगल पर 10 फीट की टर्नल खोदेगी. इसके लिए एनडीआरएफ के एक्सपर्ट 170 फीट गहरे गड्ढे में उतर चुके हैं. गड्ढे में ऑक्सीजन लेवल नापा जा रहा है. 20-20 मिनट तक गड्ढे में जाकर भौगोलिक स्थिति और वातावरण की जानकारी ले रहे हैं. गड्ढे के अंदर एनडीआरएफ की टीम के लिए पंखा, लाइट, ऑक्सीजन, कटर मशीन सहित सभी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. जल्द ही L -बैंड सुरंग की खुदाई होगी. हालांकि, बारिश की आशंका को लेकर प्रशासन चिंतित.

पढ़ें. Rajasthan Borewell Accidents : आर्यन के बाद अब चेतना गिरी खुले बोरवेल में, इससे पहले ये भी हो चुके हैं शिकार

Last Updated : Dec 28, 2024, 12:15 PM IST
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