जयपुर. वन विभाग के कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर रहते हुए 15 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को राजधानी जयपुर में महापड़ाव किया. शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन करने के बाद वन विभाग के कर्मचारी महारैली के रूप में सिविल लाइंस फाटक तक पहुंचे.
राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह जादोन ने बताया कि संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में वन विभाग के कर्मचारी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांगें राज्य सरकार तक पहुंचाई गई हैं, लेकिन अभी तक सभी मांगे लंबित हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते वन विभाग के कर्मचारी में भारी आक्रोश है. सरकार जल्द से जल्द सुनवाई करे और वन विभाग के कर्मचारियों को राहत दे.
उन्होंने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें पुलिस, पटवारी और ग्राम सेवकों के समान वेतन दिया जाए. जंगलों में काम करने वाले वन कर्मचारियों को मेस भत्ता 2200 रुपए दिया जाए. साथ ही पदोन्नति, नवीन पद, हार्ड ड्यूटी अलाउंस, ग्रेड पे, वर्दी भत्ता, साइकिल भत्ते के स्थान पर पेट्रोल भत्ता, वन्यजीव और वनों की सुरक्षा के लिए हथियार दिए जाएं. भूपेंद्र सिंह जादोन ने कहा कि सभी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है.
वन अधीनस्थ कर्मचारी संघ के जयपुर संभाग अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि हमारी मांगें नहीं सुनी गई तो जंगल को खाली करके हड़ताल करेंगे. इससे वन और वन्यजीव की सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. वनकर्मियों की महारैली के दौरान संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक महेंद्र सिंह चौधरी, राजस्थान वाहन चालक एवं तकनीकी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजयवीर सिंह समेत कई कर्मचारी शामिल हुए.