ETV Bharat / state

UPSC की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए देश के दो टॉपर्स की राय...ऐसे करें तैयारी

UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में राजधानी जयपुर के दो बेटों ने पूरे देश में रौशन कर दिया है. ऐसा पहला मौका है जब राजस्थान के आईएएस और आईपीएस के बेटों ने देश में परचम लहराया है. राजधानी जयपुर के आईएएस सांवरमल वर्मा के बेटे कनिष्क कटारिया ने पहला स्थान प्राप्त किया है तो वहीं, आईपीएस डीसी जैन के बेटे अक्षत जैन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है.

UPSC की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए देश के दो टॉपर्स की राय
author img

By

Published : Apr 6, 2019, 5:30 PM IST

जयपुर. UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में राजधानी जयपुर के दो बेटों ने पूरे देश में रौशन कर दिया है. ऐसा पहला मौका है जब राजस्थान के आईएएस और आईपीएस के बेटों ने देश में परचम लहराया है. राजधानी जयपुर के आईएएस सांवरमल वर्मा के बेटे कनिष्क कटारिया ने पहला स्थान प्राप्त किया है तो वहीं, आईपीएस डीसी जैन के बेटे अक्षत जैन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है.

कोचिंग के साथ सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी- कनिष्क
पहला रैंक हासिल करने वाले कनिष्क कटारिया ने बताया कि पैसा कामना ही सबकुछ नहीं होता. देश की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और इसी ख्याल से साउथ कोरिया और बैंगलोर की नौकरी छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी की. कनिष्क ने 6-7 महीने दिल्ली में कोचिंग की उसके बाद एक साल घर पर ही सेल्फ स्टडी की.

UPSC की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए देश के दो टॉपर्स की राय

कनिष्क ने बताया कि कोचिंग पर ही निर्भर नहीं होना चाहिए. सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी होती है. कनिष्क ने बताया कि आने वाले समय में जो भी चुनौतियां मिलेंगी उसपर 100 प्रतिशत खरा उतरने का प्रयास रहेगा. कनिष्क ने कहा कि सिविल सर्विस परीक्षा को लेकर मुझसे ज्यादा मेरे पिता को मुझपर विश्वास था और उनके विश्वास पर परिणाम आज सफल हुआ है.

शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते है अक्षत जैन
दूसरी रैंक हासिल करने वाले जयपुर के अक्षत जैन ने बताया कि उम्मीद से ज्यादा अच्छा परिणाम आया है. अक्षत ने अपनी योजना बताते हुए कहा की पढ़ाई के दौरान यही बातें ध्यान में थी कि सिलेबस को जल्द से जल्द पूरा करुं. बेसिक किताबों को बार बार पढ़कर उनके नोट्स बनाए साथ ही आंसर राइटिंग और टेस्ट पर फोकस रहता था. अक्षत का यह दूसरा प्रयास था और पहले प्रयास से अक्षत ने बहुत कुछ सीखा जिससे उनको आत्मविश्वास बढ़ा और दूसरे प्रयास का नतीजा सबके सामने है.

आईपीएस के बेटे अक्षत आईपीएस नहीं आईएएस बनना चाहते हैं. क्योंकि आईपीएस से ज्यादा आईएएस में विविधता बहुत है. आईएएस के माध्यम से वह शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं. हालांकि, काम कोई भी हो चुनौतियां तो सब में हैं. देश में सिविल सेवा ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसके माध्यम से देश की जनता की सेवा की जा सकती है.

जयपुर. UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में राजधानी जयपुर के दो बेटों ने पूरे देश में रौशन कर दिया है. ऐसा पहला मौका है जब राजस्थान के आईएएस और आईपीएस के बेटों ने देश में परचम लहराया है. राजधानी जयपुर के आईएएस सांवरमल वर्मा के बेटे कनिष्क कटारिया ने पहला स्थान प्राप्त किया है तो वहीं, आईपीएस डीसी जैन के बेटे अक्षत जैन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है.

कोचिंग के साथ सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी- कनिष्क
पहला रैंक हासिल करने वाले कनिष्क कटारिया ने बताया कि पैसा कामना ही सबकुछ नहीं होता. देश की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और इसी ख्याल से साउथ कोरिया और बैंगलोर की नौकरी छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी की. कनिष्क ने 6-7 महीने दिल्ली में कोचिंग की उसके बाद एक साल घर पर ही सेल्फ स्टडी की.

UPSC की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए देश के दो टॉपर्स की राय

कनिष्क ने बताया कि कोचिंग पर ही निर्भर नहीं होना चाहिए. सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी होती है. कनिष्क ने बताया कि आने वाले समय में जो भी चुनौतियां मिलेंगी उसपर 100 प्रतिशत खरा उतरने का प्रयास रहेगा. कनिष्क ने कहा कि सिविल सर्विस परीक्षा को लेकर मुझसे ज्यादा मेरे पिता को मुझपर विश्वास था और उनके विश्वास पर परिणाम आज सफल हुआ है.

शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते है अक्षत जैन
दूसरी रैंक हासिल करने वाले जयपुर के अक्षत जैन ने बताया कि उम्मीद से ज्यादा अच्छा परिणाम आया है. अक्षत ने अपनी योजना बताते हुए कहा की पढ़ाई के दौरान यही बातें ध्यान में थी कि सिलेबस को जल्द से जल्द पूरा करुं. बेसिक किताबों को बार बार पढ़कर उनके नोट्स बनाए साथ ही आंसर राइटिंग और टेस्ट पर फोकस रहता था. अक्षत का यह दूसरा प्रयास था और पहले प्रयास से अक्षत ने बहुत कुछ सीखा जिससे उनको आत्मविश्वास बढ़ा और दूसरे प्रयास का नतीजा सबके सामने है.

आईपीएस के बेटे अक्षत आईपीएस नहीं आईएएस बनना चाहते हैं. क्योंकि आईपीएस से ज्यादा आईएएस में विविधता बहुत है. आईएएस के माध्यम से वह शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं. हालांकि, काम कोई भी हो चुनौतियां तो सब में हैं. देश में सिविल सेवा ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसके माध्यम से देश की जनता की सेवा की जा सकती है.

Intro:जयपुर- संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में राजधानी जयपुर के दो बेटों ने पूरे देश मे नाम कमाया है। ऐसा पहला मौका है जब राजस्थान के आईएएस और आईपीएस के बेटों ने देश में परचम लहराया है। राजधानी जयपुर के आईएएस सांवरमल वर्मा के बेटे कनिष्क कटारिया ने पहला स्थान प्राप्त किया है तो वही आईपीएस डीसी जैन के बेटे अक्षत जैन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। कनिष्क और अक्षत ने अपनी सफलता के कुछ अनुभव शेयर किए है।


Body:कोचिंग के साथ सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी- कनिष्क
पहला रैंक हासिल करने वाले कनिष्क कटारिया ने बताया कि पैसा कामना ही सबकुछ नहीं होता देश की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और इसी ख्याल से साउथ कोरिया और बैंगलोर की नोकरी छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी की। कनिष्क ने छह से सात महीने दिल्ली में कोचिंग की उसके बाद एक साल घर पर ही सेल्फ स्टडी की। कनिष्क ने बताया कि कोचिंग पर ही निर्भर नहीं होना चाहिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी होती है। कनिष्क ने बताया कि आने वाले समय में जो भी चुनोतियाँ मिलेगी उसपर 100 प्रतिशत खरा उतरने का प्रयास रहेगा। कनिष्क ने कहा कि सिविल सर्विस परीक्षा को लेकर मुझसे ज्यादा मेरे पिता को मुझपर विश्वास था और उनके विश्वास पर परिणाम आज सफल हुआ है।

शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते है अक्षत जैन
दूसरी रैंक हासिल करने वाले जयपुर के अक्षत जैन ने बताया कि उम्मीद से ज्यादा अच्छा परिणाम आया है। अक्षत ने अपनी योजना बताते हुए कहा की पढ़ाई के दौरान यही बाते ध्यान में थी कि सिलेबस को जल्द से जल्द पूरा करु। बेसिक किताबों को बार बार पढ़कर उनके नोट्स बनाए साथ ही आंसर राइटिंग और टेस्ट पर फोकस रहा था। अक्षत का यह दूसरा प्रयास था और पहले प्रयास से अक्षत ने बहुत कुछ सीखा जिससे उनको आत्मविश्वास बड़ा और दूसरे प्रयास का नतीजा सबके सामने है। आईपीएस के बेटे अक्षत आईपीएस नहीं आईएएस बनना चाहते है क्योंकि आईपीएस से ज्यादा आईएएस में विविधता बहुत है। आईएएस के माध्यम से वह शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते है। हालांकि काम कोई भी हो चुनितियों तो सब मे है। देश मे सिविल सेवा ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसके माध्यम से देश कज जनता की सेवा की जा सकती है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.