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Flax seeds health benefits: डायबिटीज और हृदय रोगों में कारगर है अलसी, रोजाना खुराक में करें शामिल - डायबिटीज और हार्ट संबंधी रोगों में अलसी

डायबिटीज और हार्ट संबंधी रोगों में अलसी को बेहद कारगर और लाभदायक माना जाता है. बढ़ती उम्र का असर कम करने में भी इसके सेवन की सलाह दी जाती है.

Flax seeds health benefits, know how to use it for different disease treatment
Flax seeds health benefits: डायबिटीज और हृदय रोगों में कारगर है अलसी, रोजाना खुराक में करें शामिल
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Published : Mar 2, 2023, 5:24 PM IST

जयपुर. रोजाना की खुराक में अलसी का सेवन कई बीमारियों से बचाव कर सकता है. खास तौर पर डायबिटीज और हार्ट की बीमारियों में अलसी के सेवन का विशेष असर देखा गया है. आयुर्वेद की मान्यता है कि अलसी बढ़ती उम्र के असर को रोकने के साथ-साथ रोगों को भी दूर रखने में लाभदायक होता है. अलसी में मौजूद लिगनेन तत्व अन्य पदार्थों की तुलना में व्यक्ति को दोगुना अधिक सेहतमंद रखता है. इस वजह से अलसी का सेवन मरीज के साथ-साथ सामान्य व्यक्ति भी करें, तो यह फायदेमंद रहती है.

एक अलसी के फायदे अनेक: अलसी के फायदे की अगर बात की जाए, तो यह हर लिहाज से शरीर के लिए लाभदायक होती है. इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्वों के साथ-साथ एंटीफंगल और एंटी-वायरल गुण भी विद्यमान रहते हैं. अलसी में काफी हद तक कैंसर विरोधी गुण भरपूर होते हैं. अलसी में मौजूद अलसी लिगनेन तत्व कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है. इसमें मौजूद ओमेगा थ्री फैटी एसिड लिवर, एड्रिनल वायरॉयड ग्रंथि के लिए जरूरी होते हैं. यह स्मरण शक्ति बढ़ाने के साथ तनाव दूर करता है. अलसी लेने से शरीर में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा घटने के साथ हृदय की धमनियों में जमे रक्त के चक्के घुल जाते हैं. जिससे हृदय से जुड़ी बीमारियों की आशंका कम हो जाती है.

पढ़ें: High Calorie Diet: उच्च वसायुक्त आहार भोजन के सेवन को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर सकता है: शोध

अलसी का फाइबर भगाता है कब्ज और बवासीर: घर की औषधि के रूप में मशहूर अलसी खुद में कई दवाओं का संसार है. अलसी में मौजूद फाइबर शरीर में पाचन क्षमता को मजबूत करता है. जिसके कारण बवासीर और मस्से जैसी बीमारियां दूर रहती हैं. जिन लोगों को इस प्रकार की बीमारियां होती हैं, तो उन्हें भी जल्द राहत मिलने लगती है. अलसी में मौजूद 20 जरूरी अमीनों एसिड अच्छे प्रोटीन होते हैं, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इसे दिन में 10 से 15 ग्राम की मात्रा में लिया जा सकता है.

पढ़ें: Dry Fruits : सर्दियों के मौसम में सूखे या भीगे मेवे कौन है ज्यादा बेहतर,जानिए एक्सपर्ट की राय

ऐसे कर सकतें हैं उपयोग: अलसी को बिना तेल या घी के कढ़ाई में भून कर रख लें. रोजाना इसे मिक्सी में पीसकर आटे में मिलाकर और रोटी या परांठा बनाकर खाएं. इसकी तासीर सामान्य होने के कारण इसे कोई भी खा सकता है. इसे दही, दाल और सब्जी में डालकर भी सकते है. कैंसर रोगी 50 ग्राम पनीर में 3 चम्मच अलसी के तेल को मिक्सी में मिलाकर ले सकते हैं.

जयपुर. रोजाना की खुराक में अलसी का सेवन कई बीमारियों से बचाव कर सकता है. खास तौर पर डायबिटीज और हार्ट की बीमारियों में अलसी के सेवन का विशेष असर देखा गया है. आयुर्वेद की मान्यता है कि अलसी बढ़ती उम्र के असर को रोकने के साथ-साथ रोगों को भी दूर रखने में लाभदायक होता है. अलसी में मौजूद लिगनेन तत्व अन्य पदार्थों की तुलना में व्यक्ति को दोगुना अधिक सेहतमंद रखता है. इस वजह से अलसी का सेवन मरीज के साथ-साथ सामान्य व्यक्ति भी करें, तो यह फायदेमंद रहती है.

एक अलसी के फायदे अनेक: अलसी के फायदे की अगर बात की जाए, तो यह हर लिहाज से शरीर के लिए लाभदायक होती है. इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्वों के साथ-साथ एंटीफंगल और एंटी-वायरल गुण भी विद्यमान रहते हैं. अलसी में काफी हद तक कैंसर विरोधी गुण भरपूर होते हैं. अलसी में मौजूद अलसी लिगनेन तत्व कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है. इसमें मौजूद ओमेगा थ्री फैटी एसिड लिवर, एड्रिनल वायरॉयड ग्रंथि के लिए जरूरी होते हैं. यह स्मरण शक्ति बढ़ाने के साथ तनाव दूर करता है. अलसी लेने से शरीर में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा घटने के साथ हृदय की धमनियों में जमे रक्त के चक्के घुल जाते हैं. जिससे हृदय से जुड़ी बीमारियों की आशंका कम हो जाती है.

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अलसी का फाइबर भगाता है कब्ज और बवासीर: घर की औषधि के रूप में मशहूर अलसी खुद में कई दवाओं का संसार है. अलसी में मौजूद फाइबर शरीर में पाचन क्षमता को मजबूत करता है. जिसके कारण बवासीर और मस्से जैसी बीमारियां दूर रहती हैं. जिन लोगों को इस प्रकार की बीमारियां होती हैं, तो उन्हें भी जल्द राहत मिलने लगती है. अलसी में मौजूद 20 जरूरी अमीनों एसिड अच्छे प्रोटीन होते हैं, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इसे दिन में 10 से 15 ग्राम की मात्रा में लिया जा सकता है.

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ऐसे कर सकतें हैं उपयोग: अलसी को बिना तेल या घी के कढ़ाई में भून कर रख लें. रोजाना इसे मिक्सी में पीसकर आटे में मिलाकर और रोटी या परांठा बनाकर खाएं. इसकी तासीर सामान्य होने के कारण इसे कोई भी खा सकता है. इसे दही, दाल और सब्जी में डालकर भी सकते है. कैंसर रोगी 50 ग्राम पनीर में 3 चम्मच अलसी के तेल को मिक्सी में मिलाकर ले सकते हैं.

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