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चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराई तो होगी ACR खराब...जानें पूरा मामला

जिला कलेक्टर के आदेश के बाद सफाई कर्मचारियों में खलबली मची हुई है.. आदेश के तहत यदि बिना कारण कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी चुनाव ड्यूटी कैंसिल कर आता है. तो उसकी एसीआर (वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन) खराब करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.

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Published : Mar 14, 2019, 4:30 PM IST

चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराई तो होगी एसीआर खराब

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने आदेश जारी किया है कि यदि कोई कर्मचारी बिना कारण अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर चुनाव ड्यूटी कैंसिल कराएगा तो उसकी एसीआर (वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन) खराब करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाकर उनके विभाग में भेजी जाएगी और विभाग अध्यक्ष सालाना वार्षिक मूल्यांकन (एसीआर) में लोकतंत्र में भूमिका अदा नहीं करने की टिप्पणी करेंगे.


आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग चुकी है और चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रकोष्ठ का भी गठन कर दिया गया है.लोकसभा चुनाव में भी करीब 50 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी. जिसके लिए जिला निर्वाचन विभाग की ओर से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना शुरू कर दिया गया है. कई लोग भी ड्यूटी कैंसिल कराने जिला निर्वाचन विंभाग पहुंचने लगे हैं. वहीं विधानसभा चुनाव में लगे 50000 कर्मचारियों में 7000 बीएलओ और 21000 पुलिसकर्मियों ने भी अपनी ड्यूटी दी थी.


जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि सामाजिक कार्यक्रम, बीमारी, दुर्घटना से संबंधित सरकारी कर्मचारी की ही ड्यूटी निरस्त की जाएगी. इसके अलावा किसी दबाव में ड्यूटी निरस्त कराने वाले कर्मचारियों की एक कमेटी जांच करेगी. इसके बाद ही संदिग्ध पाए जाने पर उन आवेदकों की सूची तैयार होगी.

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने आदेश जारी किया है कि यदि कोई कर्मचारी बिना कारण अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर चुनाव ड्यूटी कैंसिल कराएगा तो उसकी एसीआर (वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन) खराब करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाकर उनके विभाग में भेजी जाएगी और विभाग अध्यक्ष सालाना वार्षिक मूल्यांकन (एसीआर) में लोकतंत्र में भूमिका अदा नहीं करने की टिप्पणी करेंगे.


आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग चुकी है और चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रकोष्ठ का भी गठन कर दिया गया है.लोकसभा चुनाव में भी करीब 50 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी. जिसके लिए जिला निर्वाचन विभाग की ओर से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना शुरू कर दिया गया है. कई लोग भी ड्यूटी कैंसिल कराने जिला निर्वाचन विंभाग पहुंचने लगे हैं. वहीं विधानसभा चुनाव में लगे 50000 कर्मचारियों में 7000 बीएलओ और 21000 पुलिसकर्मियों ने भी अपनी ड्यूटी दी थी.


जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि सामाजिक कार्यक्रम, बीमारी, दुर्घटना से संबंधित सरकारी कर्मचारी की ही ड्यूटी निरस्त की जाएगी. इसके अलावा किसी दबाव में ड्यूटी निरस्त कराने वाले कर्मचारियों की एक कमेटी जांच करेगी. इसके बाद ही संदिग्ध पाए जाने पर उन आवेदकों की सूची तैयार होगी.

Intro:जयपुर। अब चुनाव ड्यूटी कैंसिल कराने वाले सरकारी कर्मचारियों की खैर नहीं। जिला कलेक्टर के एक आदेश के बाद सफाई कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। आदेश के तहत यदि बिना कारण कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी चुनाव ड्यूटी कैंसिल कर आता है तो उसकी एसीआर खराब हो जाएगी।
आपको बता दें कि जब भी चुनाव में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है तो कर्मचारी बिना किसी कारण सिफारिश लगवा कर ड्यूटी कैंसिल करवा लेते हैं। इससे जिला प्रशासन को अन्य कर्मचारी की व्यवस्था करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने यह आदेश निकाला है। हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी सिफारिशें लेकर ड्यूटी कैंसिल कराने पहुंचे थे।


Body:आदेश के अनुसार यदि कोई कर्मचारी बिना कारण अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर चुनाव ड्यूटी कैंसिल कराएगा तो उसकी एसीआर (वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन) खराब करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाकर उनके विभाग में भेजी जाएगी और विभाग अध्यक्ष सालाना वार्षिक मूल्यांकन (एसीआर) में लोकतंत्र में भूमिका अदा नहीं करने की टिप्पणी करेंगे। इससे कर्मचारियों की एसीआर खराब हो जाएगी।

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग चुकी है और चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रकोष्ठ का भी गठन कर दिया गया है। विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने के लिए 50 हजार कर्मचारियों को लगाया गया था और यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भी करीब 50 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी। लोकसभा चुनाव के लिए जिला निर्वाचन विभाग की ओर से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना शुरू कर दिया गया है। कई लोग भी ड्यूटी कैंसिल कराने जिला निर्वाचन विंभाग पहुंचने लगे हैं। विधानसभा चुनाव में लगे 50000 कर्मचारियों में 7000 बीएलओ और 21000 पुलिसकर्मियों ने भी अपनी ड्यूटी दी थी।


Conclusion:जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि सामाजिक कार्यक्रम, बीमारी, दुर्घटना से संबंधित सरकारी कर्मचारी की ही ड्यूटी निरस्त की जाएगी। इसके अलावा किसी दबाव में ड्यूटी निरस्त कराने वाले कर्मचारियों की एक कमेटी जांच करेगी। इसके बाद ही संदिग्ध पाए जाने पर उन आवेदकों की सूची तैयार होगी। जो बिना कारण ड्यूटी कैंसिल करेंगे। उसके बाद में उनकी एसीआर खराब करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि बिना वैध कारण के ड्यूटी कैंसिल कराने वालों की एक सूची बनाकर विभागाध्यक्ष को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि ह सरकारी कर्मचारी का वार्षिक मूल्यांकन होता है उस दौरान उनकी वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन (एसीआर) में इस बात का अंकन किया जाएगा कि इन लोगों ने राष्ट्रीय दायित्व से बचने की कोशिश की है और यह बात विशेष टिप्पणी के रूप में लिखी जाएगी।


बाईट जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव

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