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राजस्थान में टूटी सड़कों और निर्माणाधीन इंफ्रास्ट्रक्चर से निकलती डस्ट कर रही हवा की गुणवत्ता को खराब

राजधानी दिल्ली ही नहीं, राजस्थान के भी कई शहरों की आबोहवा खराब हो रही है. अलवर व भरतपुर में सरकार ने कड़ी पाबंदियां लगाई है.

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डस्ट कर रही हवा की गुणवत्ता को खराब (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 6 hours ago

जयपुर: प्रदेश के कई शहरों में AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बिगड़ रहा है. राजधानी जयपुर के अलावा भिवाड़ी, सीकर, कोटा आदि शहरों में रेड जोन के हालात होने लगे हैं. आमतौर पर माना जाता है कि इंडस्ट्रीज और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण एयर क्वालिटी खराब होती है, लेकिन राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव विजय एन का कहना है कि राजस्थान के शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने का कारण टूटी हुई सड़कों से उड़ती धूल, निर्माणाधीन इंफ्रास्ट्रक्चर से निकलने वाली डस्ट है. करीब 50 फीसदी एयर क्वालिटी इसके कारण खराब हो रही है.

बीते दिनों राजधानी जयपुर में मानसरोवर की आबोहवा सबसे ज्यादा खराब रही. यहां का AQI स्कोर 343 तक पहुंच गया था. इसके अलावा रीको सीतापुरा, मुरलीपुरा की आबोहवा भी खराब रही. जयपुर शहर में सुबह और दोपहर खत्म होते ही ठंड के असर के साथ मौसम धुंध जैसा दिखाई पड़ रहा है.

डस्ट कर रही हवा की गुणवत्ता को खराब (Video ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: प्रदूषण ने थामी रोजगार की चाल, अलवर व भिवाड़ी के उद्योग धंधों पर पड़ा असर

ग्रेप प्लान लागू: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जुड़े राजस्थान के अलवर व भरतपुर जिले में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. यहां सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान(ग्रेप) के चौथे चरण की पाबंदियों को लागू कर दिया. इसके चलते करीब 3 हजार माइंस और ईंटों के भट्टे बंद हो गए.

प्रदेश के ये हालात: राजस्थान के अलग अलग जिलों में एयर क्वालिटी खराब होने के चलते हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. बीते दिन के आंकड़ों की बात करें तो भिवाड़ी के रीको इलाके में एक्यूआई 331 रहा. जयपुर के मानसरोवर में एक्यूआई 341, कोटा में 302,टोंक में 333, सीकर में 241, चूरू में 280, झालावाड़ में 255 और श्रीगंगानगर में एक्यूआई स्कोर 215 रहा.

जयपुर: प्रदेश के कई शहरों में AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बिगड़ रहा है. राजधानी जयपुर के अलावा भिवाड़ी, सीकर, कोटा आदि शहरों में रेड जोन के हालात होने लगे हैं. आमतौर पर माना जाता है कि इंडस्ट्रीज और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण एयर क्वालिटी खराब होती है, लेकिन राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव विजय एन का कहना है कि राजस्थान के शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने का कारण टूटी हुई सड़कों से उड़ती धूल, निर्माणाधीन इंफ्रास्ट्रक्चर से निकलने वाली डस्ट है. करीब 50 फीसदी एयर क्वालिटी इसके कारण खराब हो रही है.

बीते दिनों राजधानी जयपुर में मानसरोवर की आबोहवा सबसे ज्यादा खराब रही. यहां का AQI स्कोर 343 तक पहुंच गया था. इसके अलावा रीको सीतापुरा, मुरलीपुरा की आबोहवा भी खराब रही. जयपुर शहर में सुबह और दोपहर खत्म होते ही ठंड के असर के साथ मौसम धुंध जैसा दिखाई पड़ रहा है.

डस्ट कर रही हवा की गुणवत्ता को खराब (Video ETV Bharat Jaipur)

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ग्रेप प्लान लागू: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जुड़े राजस्थान के अलवर व भरतपुर जिले में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. यहां सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान(ग्रेप) के चौथे चरण की पाबंदियों को लागू कर दिया. इसके चलते करीब 3 हजार माइंस और ईंटों के भट्टे बंद हो गए.

प्रदेश के ये हालात: राजस्थान के अलग अलग जिलों में एयर क्वालिटी खराब होने के चलते हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. बीते दिन के आंकड़ों की बात करें तो भिवाड़ी के रीको इलाके में एक्यूआई 331 रहा. जयपुर के मानसरोवर में एक्यूआई 341, कोटा में 302,टोंक में 333, सीकर में 241, चूरू में 280, झालावाड़ में 255 और श्रीगंगानगर में एक्यूआई स्कोर 215 रहा.

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