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813वां उर्स की तैयारी शुरू, दरगाह कमेटी के कार्यक्रम पर आपत्ति, जानिए पूरा मामला

ख्वाजा गरीब नवाज के 813वां उर्स की तैयारी शुरू. दरगाह कमेटी की ओर से दिए गए उर्स के कार्यक्रम पर सरवर चिश्ती की आपत्ति.

Khawaja Gareeb Nawaz Urs
उर्स मेला प्रबंधन को लेकर बैठक (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 22, 2024, 5:58 PM IST

अजमेर: ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वां उर्स अगले वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में आ रहा है. प्रशासन ने उर्स की तैयारियां शुरू कर दी है. इस क्रम में दरगाह से जुड़ी तीनों मुख्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में उर्स मेला प्रबंधन को लेकर बैठक हुई. बैठक में अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने दरगाह कमेटी की ओर से दिए गए कार्यक्रम पर एतराज जताया.

चिश्ती ने आरोप लगाया कि दरगाह में दीवान की ओर से की जाने वाली रस्मों का कार्यक्रम में जिक्र है, लेकिन 365 दिन दरगाह के खादिम रस्में अदा करते आए हैं, उनका कहीं जिक्र नहीं है. बैठक में विश्राम स्थली पर मूलभूत सुविधा और जायरीन के सर्दी से बचाव के लिए की जाने वाली व्यवस्था को लेकर भी शुक्रवार को चर्चा की गई.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Ajmer)

दरअसल, अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स की तैयारियां प्रशासनिक स्तर शुरू हो चुकी हैं. उर्स की तैयारी को लेकर जिला कलेक्टर लोकबंधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विभिन्न विभागों की ओर से की जाने वाली व्यवस्थाओं और तैयारी को लेकर चर्चा की गई. साथ ही उर्स में आने वाले जायरीन को बेहतर सुविधा मिले, इसको लेकर भी सुझाव मांगे गए. इस बैठक में दरगाह की तीन संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

अजमेर दरगाह दीवान जैनुअल आबेद्दीन के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि अगले वर्ष जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में उर्स की शुरुआत होगी. उन्होंने बताया कि उर्स का झंडा 27 या 28 दिसंबर को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा. चिश्ती ने बताया कि रज्जब की चांद रात होने पर उर्स का आगाज 1 या 2 जनवरी को होगा. उन्होंने यह भी बताया कि चांद रात से ही दरगाह में उर्स की रस्में शुरू होंगी. इसमें दरगाह में स्थित महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में 6 दिन महफिल और आस्ताने में 6 दिन ख्वाजा गरीब नवाज की मजार को गुसल दिया जाएगा. यह सिलसिला चंद्र से छठी शरीफ तक जारी रहेगा.

पढ़ें : 31 दिसंबर से होगा ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स का आगाज, खादिम भेज रहे देश-दुनिया में संदेश - Urs 2025

उन्होंने बताया कि चांद की 5 तारीख को दरगाह के सज्जादानशीन की सदारत में महफिल होगी जो जौहर की नमाज से असर की नमाज तक जारी रहती है. इसके बाद सज्जादानशीन मुल्क और अवाम के नाम पैगाम जारी करते हैं. चांद की 6 तारीख को कुल की रस्म होगी. इस दिन महफिल खाने में कुरानख्वानी होगी. दोपहर सवा 1 बजे कुल का ऐलान होगा. इसके बाद सज्जादानशीन दरगाह आस्ताने जन्नती दरवाजे से होकर जाएंगे. इसके बाद जन्नती दरवाजा आम जायरीन के लिए बंद कर दिया जाएगा. आस्ताने में कुल की फातिहा होगी, साथ ही मुल्क और आवाम के लिए दुआ मांगी जाएगी. उसके बाद सज्जादानशीन महफिल खाने में मौरूसी अमले से जुड़े लोगों की दस्तारबंदी करेंगे.

अगले 7 से 8 साल उर्स सर्दी में आएंगे : दरगाह दीवान के साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि बैठक में दरगाह कमेटी, अंजुमन कमेटी और दरगाह दीवान की ओर से प्रतिनिधि मौजूद थे. उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर सभी ने अपने सुझाव दिए हैं. खासकर इस बार उर्स कड़ाके की सर्दी में आ रहा है. लिहाजा विश्रामस्थली और दरगाह क्षेत्र में जायरीन के सर्दी से बचाव के लिए व्यवस्था करने पर ज्यादा जोर दिया गया. उन्होंने कहा की दरगाह से जुड़ी हुई संस्थाएं मिलकर उर्स को सफल बनाने में पूरा सहयोग करेंगी, साथ ही प्रशासन को भी जायरीन को सर्दी से बचाव के लिए बेहतर इंतजाम करने होंगे. उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 7 से 8 वर्ष तक उर्स सर्दी में ही आएगा.

बैठक में जताई आपत्ति : बैठक में शामिल रहे अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने बताया कि दरगाह कमेटी की ओर से प्रशासन को दिए गए उर्स के कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि दरगाह कमेटी की ओर से प्रशासन को दिए गए उसके कार्यक्रम में दरगाह दीवान की ओर से की जाने वाली रस्मों का जिक्र है. जबकि दरगाह के खादिम 365 दिन आस्ताने में अपनी सेवाएं देते है और रस्मों को निभाते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि 3 साल से दरगाह कमेटी में नाजिम नहीं हैं. दरगाह कमेटी की ओर से झूठ बोला गया है. इसलिए बैठक में आपत्ति दर्ज करवाई गई है. साथ ही दरगाह की तीनों संस्थानों के साथ अलग से बैठक करने के लिए भी कलेक्टर और एसपी को आग्रह किया गया है. बैठक में जिला कलेक्टर लोकबंधु ने विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्धारित समय अवधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं.

अजमेर: ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वां उर्स अगले वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में आ रहा है. प्रशासन ने उर्स की तैयारियां शुरू कर दी है. इस क्रम में दरगाह से जुड़ी तीनों मुख्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में उर्स मेला प्रबंधन को लेकर बैठक हुई. बैठक में अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने दरगाह कमेटी की ओर से दिए गए कार्यक्रम पर एतराज जताया.

चिश्ती ने आरोप लगाया कि दरगाह में दीवान की ओर से की जाने वाली रस्मों का कार्यक्रम में जिक्र है, लेकिन 365 दिन दरगाह के खादिम रस्में अदा करते आए हैं, उनका कहीं जिक्र नहीं है. बैठक में विश्राम स्थली पर मूलभूत सुविधा और जायरीन के सर्दी से बचाव के लिए की जाने वाली व्यवस्था को लेकर भी शुक्रवार को चर्चा की गई.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Ajmer)

दरअसल, अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स की तैयारियां प्रशासनिक स्तर शुरू हो चुकी हैं. उर्स की तैयारी को लेकर जिला कलेक्टर लोकबंधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विभिन्न विभागों की ओर से की जाने वाली व्यवस्थाओं और तैयारी को लेकर चर्चा की गई. साथ ही उर्स में आने वाले जायरीन को बेहतर सुविधा मिले, इसको लेकर भी सुझाव मांगे गए. इस बैठक में दरगाह की तीन संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

अजमेर दरगाह दीवान जैनुअल आबेद्दीन के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि अगले वर्ष जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में उर्स की शुरुआत होगी. उन्होंने बताया कि उर्स का झंडा 27 या 28 दिसंबर को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा. चिश्ती ने बताया कि रज्जब की चांद रात होने पर उर्स का आगाज 1 या 2 जनवरी को होगा. उन्होंने यह भी बताया कि चांद रात से ही दरगाह में उर्स की रस्में शुरू होंगी. इसमें दरगाह में स्थित महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में 6 दिन महफिल और आस्ताने में 6 दिन ख्वाजा गरीब नवाज की मजार को गुसल दिया जाएगा. यह सिलसिला चंद्र से छठी शरीफ तक जारी रहेगा.

पढ़ें : 31 दिसंबर से होगा ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स का आगाज, खादिम भेज रहे देश-दुनिया में संदेश - Urs 2025

उन्होंने बताया कि चांद की 5 तारीख को दरगाह के सज्जादानशीन की सदारत में महफिल होगी जो जौहर की नमाज से असर की नमाज तक जारी रहती है. इसके बाद सज्जादानशीन मुल्क और अवाम के नाम पैगाम जारी करते हैं. चांद की 6 तारीख को कुल की रस्म होगी. इस दिन महफिल खाने में कुरानख्वानी होगी. दोपहर सवा 1 बजे कुल का ऐलान होगा. इसके बाद सज्जादानशीन दरगाह आस्ताने जन्नती दरवाजे से होकर जाएंगे. इसके बाद जन्नती दरवाजा आम जायरीन के लिए बंद कर दिया जाएगा. आस्ताने में कुल की फातिहा होगी, साथ ही मुल्क और आवाम के लिए दुआ मांगी जाएगी. उसके बाद सज्जादानशीन महफिल खाने में मौरूसी अमले से जुड़े लोगों की दस्तारबंदी करेंगे.

अगले 7 से 8 साल उर्स सर्दी में आएंगे : दरगाह दीवान के साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि बैठक में दरगाह कमेटी, अंजुमन कमेटी और दरगाह दीवान की ओर से प्रतिनिधि मौजूद थे. उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर सभी ने अपने सुझाव दिए हैं. खासकर इस बार उर्स कड़ाके की सर्दी में आ रहा है. लिहाजा विश्रामस्थली और दरगाह क्षेत्र में जायरीन के सर्दी से बचाव के लिए व्यवस्था करने पर ज्यादा जोर दिया गया. उन्होंने कहा की दरगाह से जुड़ी हुई संस्थाएं मिलकर उर्स को सफल बनाने में पूरा सहयोग करेंगी, साथ ही प्रशासन को भी जायरीन को सर्दी से बचाव के लिए बेहतर इंतजाम करने होंगे. उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 7 से 8 वर्ष तक उर्स सर्दी में ही आएगा.

बैठक में जताई आपत्ति : बैठक में शामिल रहे अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने बताया कि दरगाह कमेटी की ओर से प्रशासन को दिए गए उर्स के कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि दरगाह कमेटी की ओर से प्रशासन को दिए गए उसके कार्यक्रम में दरगाह दीवान की ओर से की जाने वाली रस्मों का जिक्र है. जबकि दरगाह के खादिम 365 दिन आस्ताने में अपनी सेवाएं देते है और रस्मों को निभाते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि 3 साल से दरगाह कमेटी में नाजिम नहीं हैं. दरगाह कमेटी की ओर से झूठ बोला गया है. इसलिए बैठक में आपत्ति दर्ज करवाई गई है. साथ ही दरगाह की तीनों संस्थानों के साथ अलग से बैठक करने के लिए भी कलेक्टर और एसपी को आग्रह किया गया है. बैठक में जिला कलेक्टर लोकबंधु ने विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्धारित समय अवधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं.

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