जयपुर. आदर्श आचार संहिता के बाद अवैध शराब, अन्य सामग्री के परिवहन की रोकथाम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भारत निर्वाचन आयोग ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है. चुनावी कार्य में विफल रहने वाले 1 आईएएस और 3 आईपीएस पर आयोग के निर्देश कार्रवाई हुई है. सरकार ने अलवर जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट और भिवाड़ी, हनुमानगढ़ और चूरू जिला पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है. इन चारों अधिकारियों पर सीमावर्ती राज्यों हरियाणा और पंजाब से अवैध शराब और अन्य वस्तुओं की धड़ल्ले से हो रही अवैध सप्लाई की रोकथाम में लापरवाही का दोषी मानते हुए कार्रवाई हुई है.
आचार संहिता की पालना नहीं : बता दें कि प्रदेश में 9 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के साथ भारत निर्वाचन आयोग कमोबेश रोजाना लगातार वीसी के जरिए निर्वाचन विभाग और कलेक्टर एसपी और अन्य अधिकारियों के उठाए गए कदमों की समीक्षा कर रहा है. इस दौरान आयोग ने पाया कि राजस्थान में सीमावर्ती राज्यों पंजाब और हरियाणा से अवैध शराब पहुंचाई जा रही थी. हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनू और अलवर के रास्ते यह काम हो रहा था. साथ ही गुजरात से जुड़े मार्ग का भी उपयोग किया गया. इसे लेकर आयोग ने अपने आकलन में पाया कि हनुमानगढ़ SP सुधीर चौधरी, चूरू SP राजेश कुमार मीणा और भिवाड़ी SP और अलवर कलेक्टर पुखराज सेन प्रभावी निरोधात्मक कदम उठाने में विफल रहे हैं. आकलन करने के बाद आयोग ने हनुमानगढ़, चूरू और भिवाड़ी के एसपी और अलवर के कलेक्टर के अपने पद से तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश कार्मिक विभाग को दिया, जिसकी तत्काल प्रभाव से अनुपालन हुई.
इनको दिया चार्ज : आयोग के निर्देशों के बाद कार्मिक विभाग ने इन चारों अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है. तीनों जिलों के एसपी का चार्ज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को दिया गया है. इसी तरह अलवर कलेक्टर का चार्ज उप जिला निर्वाचन अधिकारी को दिया गया है. साथ ही आयोग ने मिजोरम की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक संबंधित एजेंसियों बीएसएफ और असम राइफल जैसी एजेंसियों को निर्देश दिए हैं. आयोग ने यह भी कहा है कि जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर में जहां अंतर्राष्ट्रीय सीमा है और वहां से नारकोटिक्स तस्करी का अंदेशा है. ऐसे में विशेष चौकसी बरती जाए.