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ECI C Vigil App : आपके विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता उल्लंघन हो, तो यहां करें शिकायत, 100 मिनट में होगा एक्शन - C Vigil app uses in rajasthan assembly polls 2023

आपके विधानसभा क्षेत्र में अगर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है तो इसकी सूचना ‘सी-विजिल‘ पर ऐप पर दें. महज 100 मिनट में प्रभावी कार्रवाई होगी. क्या है सी-विजिल एप और किस तरह से आमजन कर सकता इसका उपयोग. जानने के लिए पढ़िए ये खास रिपोर्ट..

सी विजिल यानी नागरिक सतर्कता ऐप
सी विजिल यानी नागरिक सतर्कता ऐप
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2023, 4:33 PM IST

जयपुर. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राजस्थान सहित पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों की ऐलान कर दिया गया है. इसके साथ ही चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. प्रदेश में आचार संहिता पर प्रभावी कार्रवाई लगातार निर्वाचन विभाग की ओर से की जा रही है. इसके साथ ही आयोग ने आमजन से भी आग्रह किया है कि वह भी आदर्श आचार संहिता की पालना में सहयोग करें. इसके लिए आमजन 'सी-विजिल‘ यानी 'नागरिक सतर्कता' ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस ऐप की खास बात यह है कि आचार संहिता से जुड़ी किसी भी शिकायत का समाधान महज सौ मिनटों में हो जाता है. क्या है सी-विजिल ऐप और आप इसका यूज कर सकते हैं.

सी-विजिल ऐप क्या है : विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव भारत निर्वाचन विभाग की ओर से आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना के लिए सी-विजिल एप खासा कारगर साबित हो रही है. एक दौर था जब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर अक्सर त्वरित कार्रवाई नहीं होती थी, जिसके कारण उल्लंघन करने वाले कार्रवाई दस्तों के चंगुल से बच निकलते थे. साथ ही, चित्रों, ऑडियो या वीडियो के रूप में किसी भी दस्तावेजी सबूत की कमी के कारण इसकी शिकायत साबित नहीं हो पाती थी, लेकिन पिछले चुनाव से निर्वाचन आयोग ने एक ऐसी एप्लीकेशन तैयार की है जिसके जरिए शिकायत करना भी आसान हो गई और समाधान भी समयबद्ध हो गया. इस एप का नाम रखा गया सी - विजिल एप. सी-विजिल नागरिकों को चुनाव के दौरान रिश्वतखोरी, मुफ्त उपहार, शराब वितरण, समय से अधिक देर तक लाउडस्पीकर सहित अन्य माध्यमों से होने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट करने का अधिकार देता है. एक साधारण मोबाइल ऐप का उपयोग करके, नागरिक लाइव फोटो या वीडियो को कैप्चर करता है. उल्लंघन का स्पष्ट प्रमाण मिलते ही चुनाव तंत्र तुरंत हरकत में आ जाता है और 100 मिनट की समय अवधि में की गई कार्रवाई के साथ जवाब दिया जाता है. यानी आचार संहिता से जुड़ी किसी भी शिकायत का समाधान महज सौ मिनट में हो जाता है.

पढ़ें Rajasthan Assembly Polls 2023: ईवीएम पर सवाल उठाने वाली पार्टियों ने भी इसी EVM से चुनाव जीते हैं - CEC

एक फोटो और वीडियो जरुरी : भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचन प्रक्रिया को सुगम और प्रभावी बनाने के लिए नित नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. इसी कड़ी में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने में यह ऐप अहम भूमिका निभा रहा है. भारत निर्वाचन आयोग ने कई राज्यों में इस एप के जरिए प्रभावी कार्रवाई की है. निर्वाचन विभाग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता बताते है कि अभी तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर पर्याप्त सबूतों के अभाव में कड़ी कार्यवाही नहीं हो पाती थी. अब इस एप के जरिए फास्ट ट्रेक शिकायत प्राप्ति और समाधान प्रणाली से प्राप्त शिकायतों पर तय समय सीमा में कार्रवाई संभव हो रही है. कोई भी व्यक्ति एंड्रॉयड आधारित सी-विजिल एप को मोबाइल फोन में डाउनलोड कर सकता है. यह एप्लीकेशन केवल उन्हीं राज्यों की भौगोलिक सीमा के भीतर यूज हो सकेगी जहां निर्वाचन चल रहे हैं. आमजन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधियों का संक्षेप में विवरण करते हुए एक फोटो खींचें या 2 मिनट का एक वीडियो बनाएं. शिकायत दर्ज कराने से पहले उसका संक्षेप में उल्लेख करें. शिकायत के साथ संलग्न जीआईएस सूचना स्वत: संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष तक पहुंच जाती है. जिसके बाद चुनाव आयोग का उड़नदस्ता कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंचकर कार्रवाई सुनिश्चित करता है. इस ऐप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाने का भी विकल्प है, कोई भी व्यक्ति एंड्रॉयड आधारित ‘सी-विजिल’ एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है.

पढ़ें BJP workers clash in Ajmer : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने उलझे भाजपाई, टिकट को लेकर सामने आई गुटबाजी

500 से ज्यादा शिकायतें : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 में यह एप खासा मददगार साबित हो रहा है. प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बाद प्रदेश भर से अब तक 500 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिनमें से रिटर्निंग ऑफिसर्स ने 134 शिकायतों को सही पाया और उनका तय समय सीमा में निस्तारण किया है. इसमें से 115 शिकायत रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से खारिज की गई. जबकि 6 शिकायतें अभी जांच दलों और रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से निर्णय के लिए लंबित हैं. शेष 242 शिकायतों को जिला नियंत्रण कक्ष की टीम ने अपने स्तर पर खारिज कर दी. सी विजिल पर आदर्श आचार संहिता की सबसे ज्यादा शिकायतें जयपुर से मिली है. जयपुर से 79 शिकायतें मिली हैं और सबसे ज्यादा कार्रवाई जयपुर जिले के रिटर्निंग आफिसर ने की. यहां 37 शिकायतों का निस्तारण किया गया.

जयपुर. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राजस्थान सहित पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों की ऐलान कर दिया गया है. इसके साथ ही चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. प्रदेश में आचार संहिता पर प्रभावी कार्रवाई लगातार निर्वाचन विभाग की ओर से की जा रही है. इसके साथ ही आयोग ने आमजन से भी आग्रह किया है कि वह भी आदर्श आचार संहिता की पालना में सहयोग करें. इसके लिए आमजन 'सी-विजिल‘ यानी 'नागरिक सतर्कता' ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस ऐप की खास बात यह है कि आचार संहिता से जुड़ी किसी भी शिकायत का समाधान महज सौ मिनटों में हो जाता है. क्या है सी-विजिल ऐप और आप इसका यूज कर सकते हैं.

सी-विजिल ऐप क्या है : विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव भारत निर्वाचन विभाग की ओर से आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना के लिए सी-विजिल एप खासा कारगर साबित हो रही है. एक दौर था जब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर अक्सर त्वरित कार्रवाई नहीं होती थी, जिसके कारण उल्लंघन करने वाले कार्रवाई दस्तों के चंगुल से बच निकलते थे. साथ ही, चित्रों, ऑडियो या वीडियो के रूप में किसी भी दस्तावेजी सबूत की कमी के कारण इसकी शिकायत साबित नहीं हो पाती थी, लेकिन पिछले चुनाव से निर्वाचन आयोग ने एक ऐसी एप्लीकेशन तैयार की है जिसके जरिए शिकायत करना भी आसान हो गई और समाधान भी समयबद्ध हो गया. इस एप का नाम रखा गया सी - विजिल एप. सी-विजिल नागरिकों को चुनाव के दौरान रिश्वतखोरी, मुफ्त उपहार, शराब वितरण, समय से अधिक देर तक लाउडस्पीकर सहित अन्य माध्यमों से होने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट करने का अधिकार देता है. एक साधारण मोबाइल ऐप का उपयोग करके, नागरिक लाइव फोटो या वीडियो को कैप्चर करता है. उल्लंघन का स्पष्ट प्रमाण मिलते ही चुनाव तंत्र तुरंत हरकत में आ जाता है और 100 मिनट की समय अवधि में की गई कार्रवाई के साथ जवाब दिया जाता है. यानी आचार संहिता से जुड़ी किसी भी शिकायत का समाधान महज सौ मिनट में हो जाता है.

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एक फोटो और वीडियो जरुरी : भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचन प्रक्रिया को सुगम और प्रभावी बनाने के लिए नित नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. इसी कड़ी में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने में यह ऐप अहम भूमिका निभा रहा है. भारत निर्वाचन आयोग ने कई राज्यों में इस एप के जरिए प्रभावी कार्रवाई की है. निर्वाचन विभाग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता बताते है कि अभी तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर पर्याप्त सबूतों के अभाव में कड़ी कार्यवाही नहीं हो पाती थी. अब इस एप के जरिए फास्ट ट्रेक शिकायत प्राप्ति और समाधान प्रणाली से प्राप्त शिकायतों पर तय समय सीमा में कार्रवाई संभव हो रही है. कोई भी व्यक्ति एंड्रॉयड आधारित सी-विजिल एप को मोबाइल फोन में डाउनलोड कर सकता है. यह एप्लीकेशन केवल उन्हीं राज्यों की भौगोलिक सीमा के भीतर यूज हो सकेगी जहां निर्वाचन चल रहे हैं. आमजन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधियों का संक्षेप में विवरण करते हुए एक फोटो खींचें या 2 मिनट का एक वीडियो बनाएं. शिकायत दर्ज कराने से पहले उसका संक्षेप में उल्लेख करें. शिकायत के साथ संलग्न जीआईएस सूचना स्वत: संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष तक पहुंच जाती है. जिसके बाद चुनाव आयोग का उड़नदस्ता कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंचकर कार्रवाई सुनिश्चित करता है. इस ऐप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाने का भी विकल्प है, कोई भी व्यक्ति एंड्रॉयड आधारित ‘सी-विजिल’ एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है.

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500 से ज्यादा शिकायतें : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 में यह एप खासा मददगार साबित हो रहा है. प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बाद प्रदेश भर से अब तक 500 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिनमें से रिटर्निंग ऑफिसर्स ने 134 शिकायतों को सही पाया और उनका तय समय सीमा में निस्तारण किया है. इसमें से 115 शिकायत रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से खारिज की गई. जबकि 6 शिकायतें अभी जांच दलों और रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से निर्णय के लिए लंबित हैं. शेष 242 शिकायतों को जिला नियंत्रण कक्ष की टीम ने अपने स्तर पर खारिज कर दी. सी विजिल पर आदर्श आचार संहिता की सबसे ज्यादा शिकायतें जयपुर से मिली है. जयपुर से 79 शिकायतें मिली हैं और सबसे ज्यादा कार्रवाई जयपुर जिले के रिटर्निंग आफिसर ने की. यहां 37 शिकायतों का निस्तारण किया गया.

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