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छात्रा को परेशान करना पड़ा महंगा, शिक्षा विभाग ने रद्द की स्कूल की मान्यता - मान्यता रद्द

शैक्षणिक शुल्क बकाया होने पर छात्रा को परेशान करना विद्याधर नगर स्थित जयपुर स्कूल को भारी पड़ गया. शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए जयपुर स्कूल की मान्यता को एक साल के लिए रद्द कर दिया है.

जयपुर स्कूल की मान्यता रद्द
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Published : Jul 17, 2019, 10:41 PM IST

जयपुर. फीस बकाया होने पर छात्रा को परेशान करना जयपुर के एक स्कूल संचालक को भारी पड़ गया. शिकायत होने पर शिक्षा विभाग ने सत्यापन के बाद स्कूल की मान्यता रद्द करने के आदेश जारी किए हैं.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में हुई मामले की शिकायत के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्कूल को नोटिस जारी कर 16 जुलाई को तलब किया था. जिसके बाद सभी पक्षों को सुनने के बाद राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 एवं नियम 1993 के नियम 7(3) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए गैर सरकारी विद्यालय को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्धता हेतु प्रदत एनओसी को सत्र 2019-20 के लिए रद्द किया गया है. साथ ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर को भी निर्देशित किया गया है कि विद्यालय के सत्र 2019-20 के लिए अस्थाई संबद्धता आवेदन स्वीकार नहीं करें.

जयपुर स्कूल की मान्यता रद्द

ये है पूरा मामला...
दरअसल, पिछले साल विद्याधर नगर के जयपुर स्कूल में फीस बढ़ोतरी का कई अभिभावकों ने विरोध किया था. तब से ही उनके बच्चों को स्कूल में परेशान किया जा रहा था. अभिभावकों ने इसकी शिकायत बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कार्यालय में भी की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली थी. वहीं, सत्र समाप्त होते ही स्कूल प्रशासन ने उनको धमकी भरा नोटिस थमाते हुए बच्चों को ट्रोजन हॉर्स की संज्ञा देते हुए उनको बाहर निकाल दिया था. जिसके बाद एक अभिभावक ने राज्य बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की थी कि उनकी पुत्री को शैक्षणिक शुल्क बकाया होने पर साथ ही छात्रा को ट्रोजन हॉर्स जैसे शब्द का इस्तेमाल कर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.

वहीं, 25 मार्च को शिकायत की जांच कराई गई तो सामने आया कि विद्यालय प्रशासन ने शिकायतकर्ता के प्रति प्रतिशोधात्मक रवैया रखते हैं, जिससे छात्रा की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है. आयोग ने स्कूल प्रबंधन को कहा गया था कि इस मामले में स्पष्टीकरण समुचित तथ्यात्मक अभिलेखों सहित निदेशक माध्यमिक शिक्षा के समक्ष 16 जुलाई को सुबह 11 बजे उपस्थिति दें. साथ ही चेतावनी दी गई थी कि इस मामले पर लापरवाही बरतने पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 नियम 1993 की अवहेलना करने पर संस्था के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसी समय शिकायतकर्ता को भी अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थिति देनी होगी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद विद्याधर नगर स्थित जयपुर स्कूल की मान्यता को एक साल के लिए रद्द कर दिया गया है.

जयपुर. फीस बकाया होने पर छात्रा को परेशान करना जयपुर के एक स्कूल संचालक को भारी पड़ गया. शिकायत होने पर शिक्षा विभाग ने सत्यापन के बाद स्कूल की मान्यता रद्द करने के आदेश जारी किए हैं.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में हुई मामले की शिकायत के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्कूल को नोटिस जारी कर 16 जुलाई को तलब किया था. जिसके बाद सभी पक्षों को सुनने के बाद राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 एवं नियम 1993 के नियम 7(3) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए गैर सरकारी विद्यालय को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्धता हेतु प्रदत एनओसी को सत्र 2019-20 के लिए रद्द किया गया है. साथ ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर को भी निर्देशित किया गया है कि विद्यालय के सत्र 2019-20 के लिए अस्थाई संबद्धता आवेदन स्वीकार नहीं करें.

जयपुर स्कूल की मान्यता रद्द

ये है पूरा मामला...
दरअसल, पिछले साल विद्याधर नगर के जयपुर स्कूल में फीस बढ़ोतरी का कई अभिभावकों ने विरोध किया था. तब से ही उनके बच्चों को स्कूल में परेशान किया जा रहा था. अभिभावकों ने इसकी शिकायत बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कार्यालय में भी की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली थी. वहीं, सत्र समाप्त होते ही स्कूल प्रशासन ने उनको धमकी भरा नोटिस थमाते हुए बच्चों को ट्रोजन हॉर्स की संज्ञा देते हुए उनको बाहर निकाल दिया था. जिसके बाद एक अभिभावक ने राज्य बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की थी कि उनकी पुत्री को शैक्षणिक शुल्क बकाया होने पर साथ ही छात्रा को ट्रोजन हॉर्स जैसे शब्द का इस्तेमाल कर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.

वहीं, 25 मार्च को शिकायत की जांच कराई गई तो सामने आया कि विद्यालय प्रशासन ने शिकायतकर्ता के प्रति प्रतिशोधात्मक रवैया रखते हैं, जिससे छात्रा की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है. आयोग ने स्कूल प्रबंधन को कहा गया था कि इस मामले में स्पष्टीकरण समुचित तथ्यात्मक अभिलेखों सहित निदेशक माध्यमिक शिक्षा के समक्ष 16 जुलाई को सुबह 11 बजे उपस्थिति दें. साथ ही चेतावनी दी गई थी कि इस मामले पर लापरवाही बरतने पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 नियम 1993 की अवहेलना करने पर संस्था के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसी समय शिकायतकर्ता को भी अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थिति देनी होगी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद विद्याधर नगर स्थित जयपुर स्कूल की मान्यता को एक साल के लिए रद्द कर दिया गया है.

Intro:जयपुर- शैक्षणिक शुल्क बकाया होने पर छात्रा को परेशान करना विद्याधर नगर स्थित जयपुर स्कूल को भारी पड़ गया। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए जयपुर स्कूल की मान्यता को एक साल के लिए रद्द कर दिया है। आपको दे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में हुई मामले की शिकायत के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्कूल को नोटिस जारी कर 16 जुलाई को तलब किया था। जिसके बाद सभी पक्षो को सुनने के बाद राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 एवं नियम 1993 के नियम 7(3) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए गैर सरकारी विद्यालय को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्धता हेतु प्रदत एनओसी को सत्र 2019-20 के लिए रद्द किया जाता है साथ ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर को भी निर्देशित किया गया है कि विद्यालय के सत्र 2019-20 के लिए अस्थाई संबद्धता आवेदन स्वीकार नहीं करे।


Body:ये है पूरा मामला दरअसल, पिछले साल विद्याधर नगर के जयपुर स्कूल में फीस बढ़ोतरी का कई अभिभावकों ने विरोध किया था तब से ही उनके बच्चों को स्कूल में परेशान किया जा रहा था। अभिभावकों ने इसकी शिकायत बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कार्यालय में भी की लेकिन कोई राहत नहीं मिली थी। वही सत्र समाप्त होते ही स्कूल प्रशासन ने उनको धमकी भरा नोटिस थमाते हुए बच्चों को ट्रोजन हॉर्स की संज्ञा देते हुए उनको बाहर निकाल दिया था। अभिभावक अभिषेक कुमार त्रिवेदी ने राज्य बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की थी कि उनकी पुत्री को शैक्षणिक शुल्क बकाया होने पर साथ ही छात्रा को ट्रोजन हॉर्स जैसे शब्द का इस्तेमाल कर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। शिकायत की 25 मार्च को जांच कराई गई तो सामने आया कि विद्यालय प्रशासन ने शिकायतकर्ता के प्रति प्रतिशोधआत्मक रवैया रखते हैं, जिससे छात्रा की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है। आयोग ने स्कूल प्रबंधन को कहा गया था कि इस मामले में स्पष्टीकरण समुचित तथ्यात्मक अभिलेखों सहित निदेशक माध्यमिक शिक्षा के समक्ष 16 जुलाई को सुबह 11 बजे उपस्थिति दें साथ ही चेतावनी दी गई थी कि इस मामले पर लापरवाही बरतने पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 नियम 1993 की अवहेलना करने पर संस्था के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसी समय शिकायतकर्ता को भी अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थिति देनी होगी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विद्याधर नगर स्थित जयपुर स्कूल की मान्यता को एक साल के लिए रद्द कर दिया गया है।


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