जयपुर. लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण और सुरक्षित कराने को लेकर चुनाव आयोग सजग है. जिसके चलते विभाग ने राजस्थान में कुल 11234 मतदान केंद्रों को संवेदशील माना है. जहां सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में प्रदेश की पांच जिले ऐसी है जहां पर मतदान के दौरान धन बल का अधिक उपयोग हो सकता है. निर्वाचन विभाग ने ऑब्जर्वर की मिली रिपोर्ट के बाद पांच जिले जिनमे पाली , जोधपुर , कोटा , अलवर और जयपुर को चिन्हित किया है. जहां पर मतदान के दिन धन बल का उपयोग होने की आशंका जताई है. इन जिलों में निर्वाचन विभाग ने अतिरिक्त पुलिस जाब्ता और विशेष सतरकर्ता बरतने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, निर्वाचन विभाग 17 वीं लोकसभा का चुनाव शांतिपूर्ण कराने को लेकर पूरी तरह सजग है. यही वजह है कि निर्वाचन विभाग ने प्रदेश में कुल 11234 केंद्रों को चिन्हित किया है. जहां बूथ कैप्चरिंग, हिंसात्मक घटना और सांप्रदायिक टकराव जैसी घटनाएं होने की संभावना है. जिसके चलते इन्हें संवेदनशील घोषित किया है. इन क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों पर वेब कास्टिंग के जरिए चुनाव हर एक पल नजर रखेगा.
वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव से संवेदनशील मतदान केंद्रों में 1964 की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन विधानसभा चुनाव की तुलना में लोकसभा चुनाव में 2148 संवेधनशील केंद्र कम हुए हैं. निर्वाचन विभाग की ओर से दोनों चरणों के लिए जारी अपडेटेड आंकड़ों में एक तस्वीर के दो पहलू नजर आते हैं.
लोकसभा चुनाव 2014 में जहां इस चुनाव में कुछ संवेदनशील केंद्रों में बढ़ोतरी हुई. पिछली बार लोकसभा में जहां 9270 पोलिंग स्टेशन संवेदनशील थे. वहीं इस बार 11234 पोलिंग स्टेशन संवेदनशील चिन्हित किए गए हैं. पहले चरण में 4880, दूसरे चरण में 6354 केंद्र चिन्हित किए गए हैं. इस बार 1964 ज्यादा पोलिंग स्टेशन संवेदनशील हैं. विधानसभा चुनाव 2018 में 13320 संवेधनशील मतदान केंद्र थे. विधानसभा चुनाव से लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान केंद्रों में 2148 की कमी आई है. पहले चरण में पाली जोधपुर और कोटा को उन संवेदनशील केंद्र चिन्हित किया. जहां अधिक धन का उपयोग होने संभावनाएं है तो इसी तरह से दूसरे चरण में अलवर और जयपुर को भी धन के उपयोग अधिक होने वाले जिलों में चिन्हित किया है.