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वसुंधरा के बेटे दुष्यंत सिंह को इस बार भी नहीं मिला केंद्रीय मंत्री का पद...बेनीवाल को भी मिली निराशा - हनुमान बेनीवाल

राजस्थान में कई बीजेपी नेताओं के उम्मीदों पर पानी फिर गया है. उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है. वहीं लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में शामिल हनुमान बेनीवाल को भी केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल मे स्थान नहीं मिल सका है.

वसुंधरा पुत्र दुष्यंत सिंह को इस बार भी नहीं मिला केंद्रीय मंत्री का पद
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Published : May 30, 2019, 7:38 PM IST

जयपुर. मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से शामिल होने वाले चेहरों में इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के पुत्र झालावाड़ से भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह को जगह नहीं मिल पाई है. यह स्थिति तब है जब दुष्यंत सिंह लगातार चार बार से सांसद हैं और उनके साथ भाजपा के दिग्गज नेता वसुंधरा राजे का साथ भी है.

वसुंधरा पुत्र दुष्यंत सिंह को इस बार भी नहीं मिला केंद्रीय मंत्री का पद

इस बार मोदी मंत्रिमंडल में जाट समाज से नए चेहरे और पहली बार सांसद बने बाड़मेर जैसलमेर से सांसद कैलाश चौधरी को जगह दी गई है. वहीं तीन बार के सांसद अर्जुन मेघवाल और दो बार के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को भी स्थान मिला, लेकिन इन सबसे सीनियर दुष्यंत सिंह को दरकिनार कर दिया गया. ना केवल दुष्यंत सिंह बल्कि राजस्थान में मौजूदा सांसदों में सबसे अधिक अनुभवी और वरिष्ठ निहालचंद मेघवाल को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई. मतलब साफ है कि इस बार मंत्रिमंडल में किसे लेना है और किसे नहीं, इसका फैसला सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी ने किया है. इसमें राजस्थान की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की भी नहीं चल पाई.

हनुमान बेनीवाल को भी मिली निराशा
इस लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी भाजपा के सहयोगी दल के रूप में चुनाव मैदान में उतरी थी. राजस्थान में आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल को नागौर में एनडीए प्रत्याशी के रूप में उतारा गया. बेनीवाल ने जीत भी दर्ज की और संसद भी पहुंचे, लेकिन मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के उनके अरमान महज अरमान ही रहे. उनका मोदी मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले राजस्थान के सांसदों में उनका नंबर नहीं लग पाया है. मंत्री पद पाने के लिए हनुमान बेनीवाल ने दिल्ली से लेकर राजस्थान तक लॉबिंग की लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल पाया.

जयपुर. मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से शामिल होने वाले चेहरों में इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के पुत्र झालावाड़ से भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह को जगह नहीं मिल पाई है. यह स्थिति तब है जब दुष्यंत सिंह लगातार चार बार से सांसद हैं और उनके साथ भाजपा के दिग्गज नेता वसुंधरा राजे का साथ भी है.

वसुंधरा पुत्र दुष्यंत सिंह को इस बार भी नहीं मिला केंद्रीय मंत्री का पद

इस बार मोदी मंत्रिमंडल में जाट समाज से नए चेहरे और पहली बार सांसद बने बाड़मेर जैसलमेर से सांसद कैलाश चौधरी को जगह दी गई है. वहीं तीन बार के सांसद अर्जुन मेघवाल और दो बार के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को भी स्थान मिला, लेकिन इन सबसे सीनियर दुष्यंत सिंह को दरकिनार कर दिया गया. ना केवल दुष्यंत सिंह बल्कि राजस्थान में मौजूदा सांसदों में सबसे अधिक अनुभवी और वरिष्ठ निहालचंद मेघवाल को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई. मतलब साफ है कि इस बार मंत्रिमंडल में किसे लेना है और किसे नहीं, इसका फैसला सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी ने किया है. इसमें राजस्थान की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की भी नहीं चल पाई.

हनुमान बेनीवाल को भी मिली निराशा
इस लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी भाजपा के सहयोगी दल के रूप में चुनाव मैदान में उतरी थी. राजस्थान में आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल को नागौर में एनडीए प्रत्याशी के रूप में उतारा गया. बेनीवाल ने जीत भी दर्ज की और संसद भी पहुंचे, लेकिन मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के उनके अरमान महज अरमान ही रहे. उनका मोदी मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले राजस्थान के सांसदों में उनका नंबर नहीं लग पाया है. मंत्री पद पाने के लिए हनुमान बेनीवाल ने दिल्ली से लेकर राजस्थान तक लॉबिंग की लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल पाया.

Intro:इस बार भी मंत्री नहीं बन पाए वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह

राजस्थान में सबसे वरिष्ठ सांसद निहालचंद मेघवाल और दुष्यंत सिंह को नहीं मिल पाया मोदी मंत्रिमंडल में स्थान

हनुमान बेनीवाल के अरमान भी धरे रह गए

जयपुर (इंट्रो एंकर)
मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से शामिल होने वाले चेहरों में इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के पुत्र झालावाड़ से भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह को जगह नहीं मिल पाई है । यह स्थिति तो तब है जब दुष्यंत सिंह लगातार चार बार से सांसद है और उनके साथ भाजपा के दिग्गज नेता वसुंधरा राजे का साथ भी है। इस बार मोदी मंत्रिमंडल में जाट समाज से नए चेहरे और पहली बार सांसद बने बाड़मेर जैसलमेर से सांसद कैलाश चौधरी को जगह दी गई है तो वही तीन बार के सांसद अर्जुन मेघवाल और दो बार के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को भी स्थान मिला लेकिन इन सबसे सीनियर दुष्यंत सिंह को दरकिनार कर दिया गया । न केवल दुष्यंत सिंह बल्कि राजस्थान में मौजूदा सांसदों में सबसे अधिक अनुभवी और वरिष्ठ निहालचंद मेघवाल को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई । मतलब साफ है कि इस बार मंत्रिमंडल में किसे लेना है और किसे नहीं इसका फैसला सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी ने किया है और इसमें राजस्थान की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की भी एक नहीं चल पाई।

हनुमान बेनीवाल को भी मिली निराशा,अरमान धरे रह गए-

इस लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी भाजपा के सहयोगी दल के रूप में चुनाव मैदान में उतरी थी और राजस्थान में आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल को नागौर में एनडीए प्रत्याशी के रूप में उतारा गया,बेनीवाल यहां से जीते और संसद भी पहुंचे लेकिन मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के उनके अरमान महज अरमान ही रहे, क्योंकि मोदी मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले राजस्थान के सांसदों में उनका नंबर नहीं लग पाया है। मंत्री पद पाने के लिए हनुमान बेनीवाल ने दिल्ली से लेकर राजस्थान तक लॉबिंग की लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल पाया।

(Edited vo pkg-Senior huye darkinar)


Body:(Edited vo pkg-Senior huye darkinar)


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