जयपुर. राजधानी जयपुर में युवा तेजी से नशे की ओर बढ़ रहे हैं और जाने अनजाने में अपराध के रास्ते पर अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में सामने आए मामलों की जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें नशे की लत पूरा करने के लिए अपराध किए जा रहे हैं. साथ ही नशे की हालत में युवा आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
नशे की लत पूरा करने के लिए चुराते थे ई-रिक्शा - जयपुर की ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने एक दिन पहले ही सैय्यद कॉलोनी, बास बदनपुरा निवासी शाकिर और गलता गेट निवासी कयामुद्दीन को ई-रिक्शा चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दोनों नशे के आदी हैं. मौका देखकर ये बाजारों में खड़े ई-रिक्शा चोरी करते हैं और उन्हें बहुत ही कम कीमत पर बेच देते हैं. इससे जो रुपए मिलते हैं, उससे ये नशा करते हैं.
पुलिस के हत्थे चढ़े 22, नशे के लिए करते थे चोरी - जयपुर की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को थाना इलाके में नशा व चोरी की वारदातों को अंजाम देने के आरोप में 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से ज्यादातर दिनभर नशे में चूर रहते हैं और नशे की हालत में ही चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं. नशे की लत पूरा करने के लिए आसपास के घरों से छोटे-मोटे सामान चुराने, पार्क से ट्री गार्ड उठाने जैसी वारदातों अंजाम देते हैं, जो सीसीटीवी में कैद हो गए थे. इनसे सामान खरीदने वाले कबाड़ियों को भी पुलिस ने सामान नहीं खरीदने के लिए पाबंद किया है.
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नशे के लिए चुराते थे दोपहिया और चौपहिया वाहन - करणी विहार थाना पुलिस ने पिछले दिनों वाहन चोरी के आरोप में गच्छीपुरा (नागौर) निवासी पवन सिंह राजपूत व सेठूराम, पांच्यावाला निवासी प्रवीण सिंह और बिंदायका निवासी दिलीप सिंह को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में पता चला कि पवन सिंह नशे का आदी है. वह अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए साथियों के साथ मिलकर सुनसान जगहों पर खड़े वाहनों को चुराता था और उन्हें बेचकर नशे के लिए रुपए जुटाता था.
युवाओं में स्टेटस सिंबल बनता जा रहा ड्रग्स - पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि कम आय वर्ग वाले युवा मुख्य रूप से स्मैक का नशा करते हैं और स्मैक खरीदने के लिए छोटे-मोटे अपराध भी करते हैं. वहीं, मध्यम वर्ग परिवारों से जुड़े और कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं के बीच मुख्य रूप से गांजा, मॉडर्न ड्रग्स, कोकीन, चरस, नशीली टैबलेट्स और कोडेक्स फॉस्फेट सीरप का नशा करते हैं. इनमें से कई युवा ड्रग पैडलर या सप्लायर का भी काम करते हैं. जबकि हाई क्लास के युवा गांजा और मॉडर्न ड्रग्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. इनके लिए ड्रग्स लेना स्टेटस सिंबल बन गया है.
पुलिस ने 1838 लोगों को दबोचा - अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (संगठित अपराध) सुलेश चौधरी का कहना है कि यह बात सही है कि युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है. युवा नशा करने के लिए अपराध की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं और नशे की हालत में अपराध करने के भी कई मामले सामने आए हैं. पूछताछ में 80 फीसदी मामलों में यह बात सही पाई गई है कि कम उम्र के लड़के नशे की अवस्था में अपराध करते हैं और नशे की पूर्ती के लिए अपराध की ओर बढ़ रहे हैं. पुलिस कमिश्नरेट की CST, जिलों में बनी डीएसटी और थाना स्तर की पुलिस मिलकर पिछले ढाई साल से 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' चला रही है, जिसके तहत अभी तक 1442 कार्रवाइयों में 1838 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.