जयपुर. विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होने में अब महज 10 दिन से भी कम समय बाकी है. ऐसे में प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले कर्मचारी बीजेपी से नाराज होते दिख रहे हैं . इसकी वजह है कि भाजपा के संकल्प पत्र में OPS यानी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई भी जिक्र नहीं होना. बीजेपी के संकल्प पत्र में OPS की चर्चा नहीं होने से कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है.
नई पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान के प्रदेश समन्वयक विनोद कुमार ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र से कार्मिकों में नाराजगी है.अब कर्मचारियों को इस बात की चिंता सता रही है कि राजस्थान में अगर कांग्रेस की सरकार जाती है और बीजेपी की सरकार बनती है तो फिर से एनपीएस लागू हो जाएगा. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर बीजेपी OPS के पक्ष में है तो उन्होंने अपने संकल्प पत्र में इसको लेकर कोई भी वादा क्यों नहीं किया ?
पढ़ें:वसुंधरा राजे बोलीं- झूठ बोलकर सत्ता में आए, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया
संकल्प पत्र में OPS का जिक्र नहीं: राजस्थान में चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा सुर्खियों में आ गया है . ओल्ड पेंशन स्कीम को कांग्रेस राजस्थान में लागू कर चुकी है और अब इस पर कानून बनाने की बात भी सीएम अशोक गहलोत कह चुके हैं. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में ओपीएस से दूरी बनाई है. OPS के बारे में संकल्प पत्र में किसी भी तरह से जिक्र नहीं किया गया है . इसके बाद कर्मचारियों में रोष दिखने लगा है.
कर्मचारियों में नाराजगी: विनोद कुमार ने कहा कि "भाजपा के घोषणा पत्र से कार्मिकों में नाराजगी है. गुरुवार को जारी भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन योजना का जिक्र नहीं है इससे साफ़ है कि प्रदेश में अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो NPS को फिर से आगू किया जा सकता है . विनोद कुमार ने कहा कि भाजपा के नेता भले ही OPS के पक्ष में बयान देते रहे हों , लेकिन पार्टी की की ओर से अधिकृत रूप से जो संकल्प पत्र जारी किया है, उसमें ओल्ड पेंशन को लेकर कोई बात नहीं की है."
पढ़ेंः प्रियंका गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- ये सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए चल रही है
प्रदेश में 4 लाख से ज्यादा कर्मचारी NPS से जुड़े : नई पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान के प्रदेश रविन्द्र शर्मा ने कहा कि "प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा कर्मचारी है जिसमें 5 लाख से ज्यादा वो कर्मचारी है जो NPS से OPS में आए हैं. बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में जिस तरह से कर्मचारियों को लेकर एक शब्द का भी जिक्र नहीं किया, उससे प्रदेश के 7 लाख कर्मचारी और 4 लाख से अधिक पेंशनर नाराज हैं. इसमें खास तौर से उन कर्मचारियों को ज्यादा दुख पहुंचा है जो एनपीएस से हाल ही में गहलोत सरकार ने उन्हें ओपीएएस में शामिल किया है .कर्मचारियों को अब इस बात का डर सता रहा है कि बीजेपी ने जिस तरह से अपने संकल्प पत्र में कर्मचारियों को दरकिनार किया है तो सत्ता में आने के बाद भी इसी तरह का रुख अपनाएंगे. यह निश्चित रूप से कर्मचारियों के लिए कोई अच्छी खबर नहीं होगी". रविंद्र ने कहा कि बीजेपी अगर अपने संकल्प पत्र में कर्मचारियों को लेकर झूठा आश्वासन भी देती तो कर्मचारी उसे सहज रूप से स्वीकार कर लेते, लेकिन घोषणा पत्र में कर्मचारियों के साथ भेदभाव दिखती है.