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प्रदेश में डीजीजीआई ने कई बड़े बिल्डरों पर कसा शिकंजा, जीएसटी और सीजीएसटी चोरी के मामले में कार्रवाई

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Published : Dec 20, 2022, 5:38 PM IST

जीएसटी और सीजीएसटी चोरी के मामले में डीजीजीआई ने कई बिल्डिर्स पर शिकंजा कसते हुए कार्रवाई की (DGGI action on builders) है. रियल एस्टेट कारोबार में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं. इस पर डीजीजीआई ने केस भी दर्ज किए हैं.

DGGI action on builders, cases filed by DGGI in tax evasion by builders
प्रदेश में डीजीजीआई ने कई बड़े बिल्डरों पर कसा शिकंजा, जीएसटी और सीजीएसटी चोरी के मामले में कार्रवाई

जयपुर. प्रदेश में डीजीजीआई ने कई बड़े बिल्डरों पर शिकंजा कसा है. जीएसटी और सीजीएसटी चोरी के मामले में डीजीजीआई ने कार्रवाई को अंजाम दिया (DGGI action on builders) है. पिछले 2 महीने में बिल्डर्स का रिकॉर्ड खंगाला गया. डीजीजीआई की जांच में रियल एस्टेट कारोबार कारोबार में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं. बिल्डर आईटीसी जीएसटी और सीजीएसटी की चोरी कर रहे थे. उपभोक्ताओं और सरकार को बड़े पैमाने पर चूना लगाया जा रहा था. बिल्डर्स तय मात्रा में जीएसटी नहीं चुका रहे थे. डीजीजीआई ने कई मामले दर्ज किए हैं.

डीजीजीआई अधिकारियों के मुताबिक जयपुर यूनिट ने रियल एस्टेट सेक्टर में सीजीएसटी अधिनियम 2017 और संबंधित नियमों के प्रावधान के उल्लंघन के संबंध में कई मामले दर्ज किए हैं. 1 अप्रैल, 2019 को आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं पर जीएसटी दर को 12% (आईटीसी के साथ) से संशोधित कर 5% (आईटीसी के बिना) कर दिया गया था. इसके अलावा किफायती आवास परियोजनाओं के लिए 8% (आईटीसी के साथ) से घटाकर 1% (आईटीसी के बिना) कर दी गई थी. परियोजना के पूरा होने या कब्जा देने के बाद बिना बिके फ्लैटों की बिक्री जीएसटी के लिए उत्तरदाई नहीं है.

पढ़ें: बिल्डरों का खुला खेल, कोटा में 491 अवैध कॉलोनियां विकसित...यूआईटी के सर्वे में आए चौंकाने वाले आंकड़े

डीजीजीआई ने बिल्डरों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के बाद चालान जारी नहीं किया. फ्लेटों और कमर्शियल अपार्टमेंट का कम मूल्यांकन दिखाया गया. आवासीय फ्लैटों और वाणिज्यिक संपत्ति की बिक्री के एवज में नगद राशि का लेनदेन बिना जीएसटी के किया गया. कंपलीट सर्टिफिकेट जारी होने के बाद बिल्डर्स ने आईटीसी का लाभ उठाया. हालांकि बिना बिके फ्लैट पर कंप्लीट सर्टिफिकेट के बाद कोई जीएसटी देनदारी नहीं है. बिल्डर्स ने तय मात्रा से कम जीएसटी चुकाया है. डीजीजीआई की जांच में कई अनियमितताएं पाई गई हैं.

पढ़ें: पैसों के लालच में बिल्डरों ने कोटा में बसा दी सैकड़ों अवैध कॉलोनियां, कोई डूब क्षेत्र में कोई नाले की सीमा पर

डीजीजीआई जयपुर यूनिट ने बिल्डर्स और अन्य व्यक्तियों से जीएसटी कानून के प्रावधानों पालन करने की अपील की है. डीजे अधिकारियों ने अपील की है कि उचित चालान पर सेवाओं की आपूर्ति करने के लिए माल और सेवा प्राप्त नहीं होने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी का लाभ नहीं लेना चाहिए. सरकार के खाते में जीएसटी समय पर जमा करवाएं. जीएसटी रिटर्न में सही जानकारी प्रस्तुत करें.

जयपुर. प्रदेश में डीजीजीआई ने कई बड़े बिल्डरों पर शिकंजा कसा है. जीएसटी और सीजीएसटी चोरी के मामले में डीजीजीआई ने कार्रवाई को अंजाम दिया (DGGI action on builders) है. पिछले 2 महीने में बिल्डर्स का रिकॉर्ड खंगाला गया. डीजीजीआई की जांच में रियल एस्टेट कारोबार कारोबार में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं. बिल्डर आईटीसी जीएसटी और सीजीएसटी की चोरी कर रहे थे. उपभोक्ताओं और सरकार को बड़े पैमाने पर चूना लगाया जा रहा था. बिल्डर्स तय मात्रा में जीएसटी नहीं चुका रहे थे. डीजीजीआई ने कई मामले दर्ज किए हैं.

डीजीजीआई अधिकारियों के मुताबिक जयपुर यूनिट ने रियल एस्टेट सेक्टर में सीजीएसटी अधिनियम 2017 और संबंधित नियमों के प्रावधान के उल्लंघन के संबंध में कई मामले दर्ज किए हैं. 1 अप्रैल, 2019 को आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं पर जीएसटी दर को 12% (आईटीसी के साथ) से संशोधित कर 5% (आईटीसी के बिना) कर दिया गया था. इसके अलावा किफायती आवास परियोजनाओं के लिए 8% (आईटीसी के साथ) से घटाकर 1% (आईटीसी के बिना) कर दी गई थी. परियोजना के पूरा होने या कब्जा देने के बाद बिना बिके फ्लैटों की बिक्री जीएसटी के लिए उत्तरदाई नहीं है.

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डीजीजीआई ने बिल्डरों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के बाद चालान जारी नहीं किया. फ्लेटों और कमर्शियल अपार्टमेंट का कम मूल्यांकन दिखाया गया. आवासीय फ्लैटों और वाणिज्यिक संपत्ति की बिक्री के एवज में नगद राशि का लेनदेन बिना जीएसटी के किया गया. कंपलीट सर्टिफिकेट जारी होने के बाद बिल्डर्स ने आईटीसी का लाभ उठाया. हालांकि बिना बिके फ्लैट पर कंप्लीट सर्टिफिकेट के बाद कोई जीएसटी देनदारी नहीं है. बिल्डर्स ने तय मात्रा से कम जीएसटी चुकाया है. डीजीजीआई की जांच में कई अनियमितताएं पाई गई हैं.

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डीजीजीआई जयपुर यूनिट ने बिल्डर्स और अन्य व्यक्तियों से जीएसटी कानून के प्रावधानों पालन करने की अपील की है. डीजे अधिकारियों ने अपील की है कि उचित चालान पर सेवाओं की आपूर्ति करने के लिए माल और सेवा प्राप्त नहीं होने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी का लाभ नहीं लेना चाहिए. सरकार के खाते में जीएसटी समय पर जमा करवाएं. जीएसटी रिटर्न में सही जानकारी प्रस्तुत करें.

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