जयपुर. केडर रिव्यू सहित पांच सूत्री मांगों को लकेर एक बार फिर मंत्रालय कर्मचारियों ने गहलोत सरकार को आंख दिखाई है. बजट घोषणा में वादा पूरा नहीं होने से नाराज मंत्रालय कर्मचारियों के साझा मंच के बैनर तले राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर गुरुवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. कर्मचारियों की नाराजगी है कि सरकार ने अपने वादे को पूरा नहीं किया है, इसलिए कर्मचारियों को आंदोलन की राह पर आने को मजबूर होना पड़ा है.
मंत्रालयिक एकता मंच : विधानसभा चुनाव से पहले सरकार पर दबाव बनाने के लिए विभिन्न कर्मचारी संगठनों का एक 'मंत्रालयिक एकता मंच' बनाकर कर्मचारियों ने न केवल संगठित होने का संदेश दिया, बल्कि सरकार को यह भी एहसास करा दिया कि अगर सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं करती है तो सभी कर्मचारी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. क्रमिक अनशन पर बैठे मंत्रालयिक एकता मंच के सदस्य राकेश पारीक ने कहा कि सरकार को बार-बार से थाने पर भी सरकार मंत्रालय कर्मचारियों की मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है.
इसलिए अब क्रमिक अनशन शुरू करना पड़ रहा है. सरकार अगर अब भी नही सोचती है तो आने वाले दिनों में प्रदेश भर में ही आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सरकार को चेतावनी के लिए ध्यानाकर्षण रैली निकाली थी, लेकिन बावजूद उसके सरकार कर्मचारियों की मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने सरकार को चेताया की यह वही कर्मचारी हैं, जिन्होंने गहलोत सरकार के पहले शासनकाल को उखाड़ फेंकने में अपनी भूमिका निभाई थी.
एकता मंच की मुख्य मांगें :
- केडर रिव्यू कर सहायक प्रशासनिक अधिकारी को 4200, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी को 4800, प्रशासनिक अधिकारी को 6600, संस्थापन पदाधिकारी को 7600, एक नवीन पद सृजित कर अतिरिक्त निदेशक प्रशासन को 8700 ग्रेड पे दी जाए.
- कनिष्ठ सहायक का आरंभिक वेतन 25500.
- 2022 मे किए गए कि कैडर रिव्यू में वरिष्ठ सहायक एवं कनिष्ठ सहायक के काटे गए पदों की पुनः बहाली की जाए.
- पंचायत राज संस्थाओ में भी अन्य विभागो के मंत्रायलिक कर्मचारियो की भांति पदोन्नति के पद सृजित कर उन्हें राज्य कर्मी घोषित किया जाए.
- इसके अतिरिक्त गैर आर्थिक मांगों में गृह जिला समायोजन, अनुभव के लिए पूर्ण शिथिलता, विद्यालयों महाविधालयो एवं चिकित्सालयों में 5 दिन का सप्ताह किया जाए.