जयपुर. राज्य सरकार की ओर से नगरीय निकायों में 30 हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती कराई जा रही है. इस भर्ती की विज्ञप्ति में आरक्षण पद्धति लागू करने की आशंका के चलते वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ ने चेतावनी दी है. यदि इस भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता नहीं दी जाती है तो सफाई कर्मचारी से लेकर जमादार, स्वास्थ्य निरीक्षक और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक सामूहिक अवकाश कर आंदोलन करेंगे.
राजधानी सहित प्रदेश भर के नगरीय निकायों में सफाई व्यवस्था को माकूल करने के लिए राज्य सरकार ने 30 हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती का फैसला लिया है. लेकिन ये भर्ती सरकार के लिए गले की फांस भी बन सकती है. कारण साफ है कि अब वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ इन पदों पर समाज के लोगों को प्राथमिकता देते हुए, आरक्षण पद्धति लागू नहीं करने की मांग पर अड़ गया है. इस संबंध में वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि बीते दिनों स्वायत्त शासन विभाग को ज्ञापन भी सौंपा गया था और अधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि भर्ती प्रक्रिया में वाल्मीकि समाज को ही प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन सफाई कर्मचारियों के रिक्त पदों पर आरक्षण पद्धति से भर्ती करने की आशंका के चलते समाज के सफाई कर्मचारियों में आक्रोश फैल रहा है.
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उन्होंने कहा कि 2018 में भाजपा सरकार ने आरक्षण व्यवस्था के आधार पर भर्ती की थी. जिसका नतीजा उन्हें बीते विधानसभा चुनाव में देखने को भी मिला था. अब यदि कांग्रेस सरकार ये गलती दोहराती है तो इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ेगा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि सफाई कर्मचारियों की भर्ती विज्ञप्ति में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाने की शर्त नहीं जोड़ी जाती और आरक्षण से सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जाती है तो प्रदेश भर के सफाई कर्मचारी वर्ग सामूहिक अवकाश कर आंदोलन करेंगे.