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Transfer of third grade teachers : तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने दिया नारा ’ट्रांसफर नहीं तो वोट नहीं’

तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने सोमवार को सरकार से ट्रांसफर की मांग दोहराई. इस बार चेतावनी दी है कि ट्रांसफर नहीं किए गए तो कांग्रेस को वोट नहीं दिए जाएंगे.

demand of transfer by third grade teachers, threatens to not vote this time
शिक्षक क्रांति : तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने दिया नारा ’ट्रांसफर नहीं तो वोट नहीं’
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Published : Aug 7, 2023, 10:15 PM IST

जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने सोमवार को ट्रांसफर की मांग को लेकर शिक्षक क्रांति शुरू की. प्रदेश भर के तृतीय श्रेणी शिक्षक के शहीद स्मारक पर जुटे और सरकार के खिलाफ झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनके ट्रांसफर नहीं किए जाते, तो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं दिए जाएंगे.

बीते साढ़े 4 साल में 13 बार आंदोलन कर ट्रांसफर की मांग कर चुके शिक्षकों ने सोमवार को एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. हालांकि इस बार ट्रांसफर नहीं करने पर वोट की चोट की चेतावनी दी है. तृतीय श्रेणी शिक्षक संघर्ष समिति के सुनील महला ने बताया कि हर बार सरकार एक ही बात कहती है कि जल्द ही ट्रांसफर किए जाएंगे और वो धोखा साबित होती है. तृतीय श्रेणी शिक्षक 25-25 सालों से अपने घर से दूर कार्यरत हैं. कुछ शिक्षक गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित हैं. उन तक के ट्रांसफर रोक रखे हैं. जबकि फर्स्ट ग्रेड और सेकंड ग्रेड के कांग्रेस सरकार ने चार-चार बार ट्रांसफर कर दिए.

पढ़ें: TSP क्षेत्र में लगे नॉन TSP क्षेत्र के हजारों शिक्षकों के समायोजन की मांग, राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

शिक्षकों ने बताया कि 2018 में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार अपने करीबियों के ट्रांसफर किए. लेकिन जो कांग्रेस विचारधारा के शिक्षक थे, वो अभी भी संघर्षरत हैं. ऐसे में अब एक मुहिम चलाई है कि ट्रांसफर नहीं तो वोट नहीं. वहीं अपने गृह जिले से 600 किलोमीटर दूर कार्यरत महिला शिक्षिक ने बताया कि उनके 4 महीने का बच्चा है. उसे छोड़कर आज ट्रांसफर की मांग को लेकर यहां शहीद स्मारक पर आई हैं.

पढ़ें: तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने सीएम से लगाई गुहार, जवाब नहीं मिलने पर अब 17 मई को करेंगे आंदोलन

शिक्षकों ने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम तृतीय श्रेणी शिक्षक करता है और जब ट्रांसफर की बारी आती है, तो सबसे पीछे खड़ा किया हुआ है. सरकार 4 साल में ट्रांसफर पॉलिसी नहीं ला पाई. दो साल पहले ट्रांसफर के आवेदन लिए गए, लेकिन उन्हें भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. आपको बता दें कि 2021 में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे. जिसमें करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन किए. लेकिन इसके बाद तबादला नीति लाकर ट्रांसफर करने की बात कहते हुए इन पर रोक लगा दी गई. ऐसे में अब तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने शिक्षक क्रांति शुरू की है.

जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने सोमवार को ट्रांसफर की मांग को लेकर शिक्षक क्रांति शुरू की. प्रदेश भर के तृतीय श्रेणी शिक्षक के शहीद स्मारक पर जुटे और सरकार के खिलाफ झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनके ट्रांसफर नहीं किए जाते, तो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं दिए जाएंगे.

बीते साढ़े 4 साल में 13 बार आंदोलन कर ट्रांसफर की मांग कर चुके शिक्षकों ने सोमवार को एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. हालांकि इस बार ट्रांसफर नहीं करने पर वोट की चोट की चेतावनी दी है. तृतीय श्रेणी शिक्षक संघर्ष समिति के सुनील महला ने बताया कि हर बार सरकार एक ही बात कहती है कि जल्द ही ट्रांसफर किए जाएंगे और वो धोखा साबित होती है. तृतीय श्रेणी शिक्षक 25-25 सालों से अपने घर से दूर कार्यरत हैं. कुछ शिक्षक गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित हैं. उन तक के ट्रांसफर रोक रखे हैं. जबकि फर्स्ट ग्रेड और सेकंड ग्रेड के कांग्रेस सरकार ने चार-चार बार ट्रांसफर कर दिए.

पढ़ें: TSP क्षेत्र में लगे नॉन TSP क्षेत्र के हजारों शिक्षकों के समायोजन की मांग, राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

शिक्षकों ने बताया कि 2018 में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार अपने करीबियों के ट्रांसफर किए. लेकिन जो कांग्रेस विचारधारा के शिक्षक थे, वो अभी भी संघर्षरत हैं. ऐसे में अब एक मुहिम चलाई है कि ट्रांसफर नहीं तो वोट नहीं. वहीं अपने गृह जिले से 600 किलोमीटर दूर कार्यरत महिला शिक्षिक ने बताया कि उनके 4 महीने का बच्चा है. उसे छोड़कर आज ट्रांसफर की मांग को लेकर यहां शहीद स्मारक पर आई हैं.

पढ़ें: तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने सीएम से लगाई गुहार, जवाब नहीं मिलने पर अब 17 मई को करेंगे आंदोलन

शिक्षकों ने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम तृतीय श्रेणी शिक्षक करता है और जब ट्रांसफर की बारी आती है, तो सबसे पीछे खड़ा किया हुआ है. सरकार 4 साल में ट्रांसफर पॉलिसी नहीं ला पाई. दो साल पहले ट्रांसफर के आवेदन लिए गए, लेकिन उन्हें भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. आपको बता दें कि 2021 में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे. जिसमें करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन किए. लेकिन इसके बाद तबादला नीति लाकर ट्रांसफर करने की बात कहते हुए इन पर रोक लगा दी गई. ऐसे में अब तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने शिक्षक क्रांति शुरू की है.

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