जयपुर. राजस्थान के उदयपुर में 8 साल की मासूम से हुई दरिंदगी की घटना ने एक बार फिर निर्भयाकांड के जख्म को हरा करने का काम किया है. वहशी दरिंदे ने पहले मासूम की हत्या की और फिर उसके शव के साथ दुष्कर्म किया. वो यही नहीं रूका इसके बाद उसने बच्ची के शव के 10 टुकड़े किए और उन टुकड़ों को खंडहर में फेंक दिया. दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद प्रदेश की महिला संगठनों में खासा आक्रोश है. नाबालिग बच्चियों के साथ लगातार हो रहे दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर पहले से ही महिला संगठन राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. लेकिन अब इस घटना के बाद उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है. ऐसे में अब राज्य की महिला संगठनों ने गहलोत सरकार से दरिंदों को फांसी की सजा देने की मांग की है.
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दरिंदों को हो फांसी - सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू ने कहा कि उदयपुर की घटना दिल दहलाने वाली है. आज राजस्थान में बच्चियां बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा आज देश व प्रदेश की सरकारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. सिद्धू ने कहा कि जिस तरह से उदयपुर में बच्ची की हत्या और फिर उसके शव के साथ दरिंदे ने दरिंदगी की है, वो किसी के भी रोंगटे खड़े कर देगा. ऐसे में इस तरह घटना को अंजाम देने वाले दरिंदों को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए. आगे उन्होंने राज्य की गहलोत सरकार से मांग की, कि सरकार ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कानून बनाए, ताकि किसी भी सूरत में ये बच नहीं सके और इन्हें फांसी की सजा हो. उन्होंने कहा कि राजस्थान पहले से ही नाबालिग बच्चियों के साथ होने वाले दुष्कर्म की घटनाओं के आंकड़ों को लेकर कलंकित है. लेकिन इस तरह की घटना उन चुनिंदा घटनाओं की याद दिलाती है, जिसने पूरे देश को शर्मसार किया है.
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निर्भया जैसी हैवानियत - सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा सिंह ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में बच्ची के साथ हुई इस घटना ने निर्भयाकांड के जख्मों को ताजा करने का काम किया है. वहीं, मनीषा ने राज्य की गहलोत सरकार से मांग की, कि इस तरह के वहशी दरिंदों के खिलाफ अविलंब सख्त कार्रवाई की हो, ताकि अपराधियों के बीच एक संदेश जाए कि ऐसा करने वालों को अब किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
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कागजों से बाहर निकले कानून - राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लाड कुमारी जैन ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि ये जघन्य अपराध है. इस तरह के अपराधों को रोकना बेहद जरूरी है. आज हमारी बच्चियां अपने घरों और उसके आसपास भी सुरक्षित नहीं हैं. इस तरह के मामलों में सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मासूम बच्चों के साथ होने वाले दुष्कर्म को रोकने के लिए पॉक्सो जैसे कड़े कानून बने हुए हैं, लेकिन ये कानून कागजों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि कानूनों को कागजों से बाहर निकाला जाए और अमल में लाए जाए.
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