जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ब्यावर नगर पालिका के सभापति को निलंबित करने के आदेश और बाद में निलंबित करने की अनुमति देने के आदेशों को रद्द कर दिया (Bewar MC Chairman suspension cancelled) है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश सभापति नरेश कनोजिया की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद और अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को राज्य सरकार ने नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने का आरोप लगाते हुए 17 जून को निलंबित किया था. जबकि प्रकरण में स्वायत्त शासन निदेशक की ओर से विभाग के मंत्री को अनुमति के लिए भेजी फाइल में न्यायिक जांच का हवाला दिया गया. इसके बावजूद विभाग ने याचिकाकर्ता को निलंबित कर दिया. ऐसे में सक्षम अधिकारी की अनुमति नहीं होने के कारण निलंबन आदेश को रद्द किया जाए.
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सुनवाई के दौरान बीते मंगलवार को अदालत ने मौखिक रूप से अतिरिक्त महाधिवक्ता को कहा कि वे राज्य सरकार से ऐसे बिना अधिकार जारी आदेश को वापस लेने की मंशा पूछकर बताएं. वहीं बुधवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने अदालत को बताया कि निलंबन आदेश जारी करने के बाद भी सक्षम अधिकारी की मंजूरी ली जा सकती है और मामले में अब सक्षम अधिकारी से अनुमति ले ली गई है. इसलिए याचिका को खारिज किया जाए.
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जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 17 जून के निलंबन आदेश और मंगलवार को निलंबित करने की अनुमति के आदेश को रद्द कर दिया है. वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने झालावाड़ नगर पालिका के चेयरमैन संजय शुक्ला को निलंबित करने के आदेश के खिलाफ दायर स्टे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. राज्य सरकार ने पेटा तालाब की भूमि को लेकर अनियमिता के मामले में संजय शुक्ला को निलंबित किया था.