जयपुर. प्रदेश भाजपा की ओर से राजस्थान में सत्ता परिवर्तन को लेकर निकाली गई चारों परिवर्तन संकल्प यात्राओं के समापन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महासभा के बाद अब विधानसभा चुनाव को लेकर पहली सूची का काउंटडाउन शुरू हो गया है. बीजेपी किसी भी समय पहली सूची जारी कर सकती है. बताया जा रहा है कि ए और डी श्रेणी की टिकटों को लेकर मंथन पहले ही पूरा हो चुका है. अब किसी भी समय केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अंतिम रूप दिया जा सकता है.
कभी भी जारी हो सकती है A और D श्रेणी सूची : प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है. चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, ऐसे में सत्ता वापसी को लेकर आतुर भाजपा जल्द ही अपनी पहली उम्मीदवारों सूची जारी कर सकती है. परिवर्तन संकल्प यात्रा और पीएम मोदी की महासभा के बीच रुकी पड़ी पहली सूची अब किसी भी वक्त जारी हो सकती है. कहा जा रहा है कि इसी सप्ताह के अंतिम या अक्टूबर के पहले सप्ताह में बीजेपी A और D श्रेणी की प्रत्याशियों की सूची जारी होगी. पार्टी ने टिकट बटवारे को लेकर फोर्थ कैटेगरी A,B,C और D का फार्मूले तैयार किया हुआ है. जानकारों की मानें तो पार्टी A और D कैटेगिरी के उम्मीदवारों की सूची पर मंथन पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन परिवर्तन यात्रा में किसी तरह का विवाद या नाराजगी सामने नहीं आए इसलिए सूची को रोक रखा था, लेकिन अब यात्राओं का भी समापन हो गया और पीएम मोदी की सभा भी समाप्त हो गई. अब जल्द ही केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक कर पहली सूची जारी होगी.
पढ़ें राजस्थान भाजपा की गुटबाजी पर पीएम मोदी का बड़ा संदेश, कहा- हमारी पहचान और शान सिर्फ कमल का फूल
पहली सूची में A और D श्रेणी : बीजेपी पहली सूची में A और D श्रेणी की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित करने की तैयारी में है. A कैटेगिरी में उन विधानसभा सीटों को शामिल किया है जहां बीजेपी लगातार तीन बार से जीतती आ रही है और पार्टी मजबूत स्थिति में है. जिसमें बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, अलवर शहर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण(एससी), ब्यावर, नागौर, सोजत, पाली, बाली, सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, रेवदर(एससी) उदयपुर, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, रामगंज मंडी, झालरापाटन और खानपुर विधानसभा सीटों के नाम शामिल है. इसके साथ ही पार्टी D कैटेगिरी की सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित करने की तैयारी में हैं. जहां लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ा है. जिसमें सरदारपुरा, लक्ष्मणगढ़, सपोटरा, दांतारामगढ़, कोटपुतली, झुंझुनूं, सांचौर, बाड़मेर शहर, फतेहपुर, खेतड़ी, नवलगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, लालसोट, सिकराय, टोडाभीम, बाड़ी, वल्लभनगर, बागीदोरा और बस्सी विधानसभा में उम्मीदवारों के नाम घोषित कर सकती है.
मध्यप्रदेश को तर्ज पर सांसद और मंत्रियों पर दांव : बीजेपी के लिए राजस्थान विधानसभा चुनाव का खास महत्व है, क्योंकि यहां पर अभी मौजूदा कांग्रेस की सरकार है. भाजपा को लोकसभा चुनाव 2019 में यहां से 24 पार्टी और एक गठबंधन के साथ 25 सांसद मिले थे. बीजेपी की कोशिश होगी कि इस बार यहां पर सरकार भाजपा की बनाकर, लोकसभा में 25 का जादुई आंकड़ा बरकार रखा जाए. यही वजह है कि पार्टी इस बार एक-एक सीट पर बारीकी से अध्ययन कर रही है. बताया जा रहा है कि जिस तरह से मध्य प्रदेश में पार्टी ने कमजोर सीटों पर सांसदों और मंत्रियों पर दाव खेला है, इस तरह से राजस्थान में भी सांसद और कैबिनेट मंत्रियों को विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवार बनाकर उतार सकती है.
उम्र के बाध्यता में कुछ रियायत : पहले बताया जा रहा था कि पार्टी 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देगी, लेकिन पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में इस फॉर्मूले में कुछ बदलाव किया गया है. बताया जा रहा है कि अब 70 की जगह 75 साल का एक क्राइटेरिया तय किया जा सकता है, क्योंकि बीजेपी की इंटरनल सर्वे के अनुसार करीब आधा दर्जन सीटें ऐसी है जहां पर वही उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं जो वरिष्ठ हैं और जिनकी उम्र 70 साल पार हो चुकी है. ऐसे में पार्टी 70 साल का फार्मूला लागू करके रिस्क लेने के मूड में नहीं है. बीजेपी में 70 साल की उम्र पार कर चुके नेताओं में पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल, जिन्हें पार्टी ने हाल ही में निलंबित किया है. दूसरे नंबर पर सूर्याकांत व्यास जो 84 साल से अधिक की हो चुकी है, पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी जो 73 साल से अधिक उम्र के हो चुके हैं, पब्बाराम विश्नोई, नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सर्राफ, मोहनराम चौधरी 70 साल से अधिक उम्र के हैं. जबकि वसुंधरा राजे भी इसी साल 70 साल की हो चुकी हैं. इसके अलावा और भी नेता हैं जो इसी साल 70 साल की उम्र पार कर चुके हैं.