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विधानसभा चुनाव से पहले फिर सड़कों पर उतरेंगे संविदाकर्मी, 10 अप्रैल से शुरू होगा आंदोलन - सड़कों पर उतरेंगे संविदाकर्मी

प्रदेश में संविदाकर्मी एक बार फिर गहलोत सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने (Contract Workers Protest Demands) वाले हैं. नियमितीकरण की मांग को लेकर 10 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन का एलान किया गया है.

Contract Workers Protest Demands
संविदा कर्मी करेंगे आंदोलन
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Published : Apr 3, 2023, 6:39 PM IST

नरेंद्र गुर्जर, प्रदेश अध्यक्ष, संविदा संयुक्त मुक्ति मोर्चा

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर प्रदेश के 1 लाख 10 हजार संविदा कर्मचारियों ने गहलोत सरकार को आंख दिखाइ है. नियमितीकरण के वादे से मुकरी गहलोत सरकार के खिलाफ अब यह संविदा कर्मचारी सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं. सोमवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा ने 10 अप्रैल से राजस्थान में चरणबद्ध आंदोलन का एलान किया है.

10 अप्रैल से शुरू होगा आंदोलन : संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी लगातार मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और अधिकारियों को जगह-जगह ज्ञापन देकर नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट नियम 2022 के तहत कि भी एक्सपीरियंस की गणना करने व नियमितीकरण का सर्कुलर जारी नहीं किया है. इससे संविदाकर्मियों में गुस्सा है. सरकार की इस रवैये को देखते हुए संविदाकर्मी फिर से आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतरने वाले हैं.

पढ़ें. Rajasthan High Court: संविदा पर लगे कर्मचारी को हटाकर नहीं लगा सकते दूसरा संविदाकर्मी

उन्होंने बताया कि आंदोलन के लिए मुक्ति मोर्चा ने चरणबद्ध रूपरेखा तैयार कर ली है. उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों की ओर से 10 अप्रैल को प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर चेतावनी रैली निकाली जाएगी. 25 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक तक अधिकार पैदल मार्च निकालेंगे. इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे और वहीं से अनिश्चितकालीन महा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

बजट घोषणा पैटर्न की पालना नहीं हो रही : चौधरी ने कहा कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2023-24 में संविदाकर्मियों के एक्सपीरियंस की गणना, अन्य सेवा से आईएएस के सेलेक्शन के पैटर्न के बेसिस पर करने की घोषणा की थी. इसमें अनुभव के 3 वर्ष को 1 वर्ष माना जाता है. इसको लेकर भी उनमें काफी आक्रोष है. उनकी मांग है कि सरकार एक्सपीरियंस की गणना 1 वर्ष को 1 वर्ष ही मानकर करे. सरकार अगर आईएएस पैटर्न में 3-1 का फार्मूला अपनाती है तो मुश्किल से 10,000 संविदाकर्मियों का ही नियमितीकरण हो पाएगा, बाकी के एक लाख संविदा कर्मी वंचित रह जाएंगे.

पढ़ें. सड़कों पर उतरे संयुक्त संविदा नर्सिंग कर्मी, पुलिस ने खदेड़ा

अधिकारी नहीं कर रहे पालन : नरेंद्र चौधरी ने बताया कि आला अधिकारियों और मंत्रियों से मिलकर लगातार प्रयास करने के बाद भी अभी तक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है. सरकार किस तर्ज पर संविदाकर्मियों को नियमित करेगी इसके लिए अभी तक कोई भी परिपत्र या अधिसूचना जारी नहीं की गई है. संविदाकर्मी इसी बात को लेकर नाराज हैं. संविदाकर्मीयों की मांग है कि सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने की जो चुनावी घोषणा की थी, उसे शीघ्र पूरा करें.

नरेंद्र गुर्जर, प्रदेश अध्यक्ष, संविदा संयुक्त मुक्ति मोर्चा

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर प्रदेश के 1 लाख 10 हजार संविदा कर्मचारियों ने गहलोत सरकार को आंख दिखाइ है. नियमितीकरण के वादे से मुकरी गहलोत सरकार के खिलाफ अब यह संविदा कर्मचारी सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं. सोमवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा ने 10 अप्रैल से राजस्थान में चरणबद्ध आंदोलन का एलान किया है.

10 अप्रैल से शुरू होगा आंदोलन : संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी लगातार मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और अधिकारियों को जगह-जगह ज्ञापन देकर नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट नियम 2022 के तहत कि भी एक्सपीरियंस की गणना करने व नियमितीकरण का सर्कुलर जारी नहीं किया है. इससे संविदाकर्मियों में गुस्सा है. सरकार की इस रवैये को देखते हुए संविदाकर्मी फिर से आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतरने वाले हैं.

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उन्होंने बताया कि आंदोलन के लिए मुक्ति मोर्चा ने चरणबद्ध रूपरेखा तैयार कर ली है. उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों की ओर से 10 अप्रैल को प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर चेतावनी रैली निकाली जाएगी. 25 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक तक अधिकार पैदल मार्च निकालेंगे. इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे और वहीं से अनिश्चितकालीन महा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

बजट घोषणा पैटर्न की पालना नहीं हो रही : चौधरी ने कहा कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2023-24 में संविदाकर्मियों के एक्सपीरियंस की गणना, अन्य सेवा से आईएएस के सेलेक्शन के पैटर्न के बेसिस पर करने की घोषणा की थी. इसमें अनुभव के 3 वर्ष को 1 वर्ष माना जाता है. इसको लेकर भी उनमें काफी आक्रोष है. उनकी मांग है कि सरकार एक्सपीरियंस की गणना 1 वर्ष को 1 वर्ष ही मानकर करे. सरकार अगर आईएएस पैटर्न में 3-1 का फार्मूला अपनाती है तो मुश्किल से 10,000 संविदाकर्मियों का ही नियमितीकरण हो पाएगा, बाकी के एक लाख संविदा कर्मी वंचित रह जाएंगे.

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अधिकारी नहीं कर रहे पालन : नरेंद्र चौधरी ने बताया कि आला अधिकारियों और मंत्रियों से मिलकर लगातार प्रयास करने के बाद भी अभी तक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है. सरकार किस तर्ज पर संविदाकर्मियों को नियमित करेगी इसके लिए अभी तक कोई भी परिपत्र या अधिसूचना जारी नहीं की गई है. संविदाकर्मी इसी बात को लेकर नाराज हैं. संविदाकर्मीयों की मांग है कि सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने की जो चुनावी घोषणा की थी, उसे शीघ्र पूरा करें.

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