जयपुर. प्रदेश भर के सैकड़ों संविदा कर्मियों ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ विद्याधर नगर स्टेडियम के पास 'पेट भरो' चेतावनी सभा (Contract Workers on strike in Jaipur) का आयोजन किया. सभा में प्रदेश भर के संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग सरकार से की गई. संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान के बैनर तले हुई इस सभा में सविदा कर्मियों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी देखने को मिली. कुछ कर्मचारियों ने बाहर स्थित मेन रोड पर जाम भी लगा दिया.
प्रदेश भर के हजारों संविदा कर्मी लंबे समय से खुद को नियमित करने की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी संविदा कर्मियों को नियमित करने की घोषणा की थी. संविदा कर्मियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए बनाए गए राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 में खामियां बताते हुए इसके खिलाफ नाराजगी जताई. सरकार को चेतावनी देने के उद्देश्य से आयोजित की गई इस सभा में प्रदेश भर से अलग-अलग जिलों से संविदाकर्मी पहुंचे. बड़ी संख्या में महिलाएं भी इस सभा में शामिल हुई.
पुलिस से हुई धक्का-मुक्की : संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान में अल्पसंख्यक, चिकित्सा, शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग के संविदा कर्मी शामिल (Clash Between Police and Contract Workers) हैं. मुक्ति मोर्चा के संयोजक शमशेर भालू खान ने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि प्रदेश के सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए. संविदा कर्मी कम मानदेय में घर खर्च चला रहे हैं, उनका पेट भी इससे बड़ी मुश्किल से भर पाता है. नियमित नहीं करने पर सरकार के खिलाफ संविदा कर्मियों में नाराजगी साफ तौर पर दिखाई दी. सभा के दौरान शमशेर भालू खान ने संविदा कर्मियों से आह्वान किया कि वे मैदान का एक चक्कर लगाएंगे और सब लोग उनके पीछे आएंगे. लेकिन संविदा कर्मी सरकार से इस कदर नाराज दिखाई दिए कि चक्कर लगाने के दौरान उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई.
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पुलिस ने संविदा कर्मियों को रोकने की कोशिश भी की. संविदा कर्मी महिलाओं ने भी पुलिस से धक्का-मुक्की कर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. इस दौरान बड़ी संख्या में संविदा कर्मी मेन रोड तक भी पहुंच गए और रास्ता जाम कर दिया. काफी मशक्कत के बाद संविदा कर्मियों ने जाम हटाया. धक्का-मुक्की के दौरान संविदा कर्मी कभी मैदान में स्थित पेड़ों पर चढ़ गए. एक महिला भी पेड़ पर चढ़ गई और काफी देर तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. समझाइश के बाद महिला पेड़ से नीचे उतर आई.
सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप: संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान के संयोजक शमशेर भालू खान ने कहा कि हमने रैली के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी. लेकिन सरकार के दबाव में हमें सभा की अनुमति दी गई. 12 नवंबर को अनुमति मांगी थी और अनुमति हमें बुधवार शाम को मिली. शमशेर भालू खान ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने का झूठा दावा किया है. नियमित करने की बजाय संविदा कर्मियों को फिर से 5 साल के लिए संविदा पर लेने का काम किया जा रहा है. जब तक योजना रहेगी तब तक संविदा कर्मी पद पर रहेगा. यह संविदाकर्मी 30 से 35 साल से काम कर रहे हैं.
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शमशेर भालू खान ने कहा कि जो संविदा कर्मी 30 से 35 साल से काम कर रहा है. उसका अनुभव सरकार ने नए नियम के अनुसार शून्य कर दिया है. भविष्य में संविदा कर्मी जब भी ज्वाइन करेगा, उसका अनुभव तब से ही माना जाएगा. हमारी मांग है कि सरकार नए पद सृजित कर पुराने अनुभव को मानकर संविदा कर्मियों को नियमित करें. उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को सरदारशहर में उपचुनाव हैं, वहां भी इस मामले को लेकर सरकार का विरोध किया जाएगा.
शमशेर भालू खान ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को भी झूठ बोला है और झूठ बोलकर ट्वीट करवाया है. राहुल गांधी को इस बात से अवगत कराया जाएगा कि राजस्थान में किसी भी संविदा कर्मियों को अब तक नियमित नहीं (Bharat Jodo Yatra in Rajasthan) किया गया है. यदि राहुल गांधी हमारी बात समझ जाते हैं तो ठीक है अन्यथा राहुल गांधी की प्रदेश में आने वाली भारत जोड़ो यात्रा को रोका जाएगा. 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर शमशेर भालू खान ने इशारों-इशारों में कहा कि यदि संविदा कर्मियों को नियमित नहीं किया गया तो हजारों संविदा कर्मी सरकार के खिलाफ वोट करेंगे. यदि आदमी का पेट खाली है तो भूखे पेट भजन तो नहीं हो सकते.