जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार अपने बयानों में सरकार रिपीट होने का दावा कर रहे हैं. सीएम गहलोत के बयान पर उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत एक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. उससे उन्हें कोई एतराज नहीं, लेकिन प्रदेश की अबला के लूटते हुए अस्मत, कर्ज के बोझ तले दबे किसान की आत्महत्या, दिनदहाड़े व्यापारियों के साथ हो रही लूट की घटनाएं सरकार को आईना दिखाने के लिए काफी हैं.
विज्ञापनों में मुस्कुराता चेहरा : पूनिया ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर से अपनी रटी-रटाई बात अपनी सरकार की रिपीट होने कर रहे. उनको किसी सर्वे एजेंसी ने यह रिपोर्ट दी है कि उनकी सरकार दोबारा बन रही है. अब वो कौन सी सर्वे एजेंसी है ? किस ने किस तरह का सर्वे किया ? इसकी हकीकत क्या है ? यह ऐसा लगता है कि उन्हें मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाए जा रहे हैं. हमें उन सपनों से कोई एतराज नहीं है, लेकिन जिस तरह से अखबार में विज्ञापनों के जरिए जित तरह मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखाया जा रहा है, उससे परे वो प्रदेश की बदहाल जनता के चेहरे भी देख लेते.
कांग्रेस रिपीट नहीं डिलीट होगी : पूनिया ने कहा कि सरकार रिपीट होने के सपने देखने के साथ सीएम गहलोत अबला की लूटती हुई अस्मत के आंसू, बच्चों के शव, कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के आत्महत्या और पेपर माफिया के राज में बेरोजगारों के लूटते सपने देख लेते तो ज्यादा अच्छा होता. उन्हें ये तस्वीर दिख जाती. पूनिया ने कहा कि उनके इस राज को अलीबाबा चालीस चोर कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. जिस सर्वे एजेंसी के जरिए गहलोत सरकार रिपीट होने का दावा कर रहे हैं, वो रिपीट नहीं बल्कि परमानेंट डिलीट हो रही है.
सर्वे में दावा- सरकार रिपीट हो रही : बताया जा रहा है कि हाल ही में राजस्थान के एक सर्वे में दावा किया गया है कि प्रदेश में जन कल्याणकारी योजनाओं के बूते गहलोत सरकार फिर से बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार अपने बयानों में सरकार रिपीट होने का दावा कर रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है कि पिछले 2 दिन से प्रदेश में चल रहे कांग्रेस के महामंथन में भी इसी सर्वे के आधार पर विधायकों से चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा इसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर विधायकों से वन टू वन कर रहे हैं.