जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की ओर से बुधवार को (Congress Pre Budget Conference) अधिवेशन किया गया, जिसमें कांग्रेस पार्टी की ओर से 4 प्रस्ताव पास किए गए. पहला प्रस्ताव गोविंद मेघवाल ने रखा, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार सामाजिक फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर रखा.
दूसरा प्रताप मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने केंद्र सरकार की महंगाई और ईआरसीपी को (Congress Targets Modi Government) राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा. तीसरा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का धन्यवाद प्रस्ताव और चौथे प्रस्ताव के रूप में बजट में शामिल किए जाने के लिए 16 सुझाव कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे हैं.
इन 16 सुझावों में पेपर लीक प्रकरण को लेकर कानून में सख्त प्रावधान, रसोई गैस की कीमतों में कमी करने, इंदिरा रसोई की संख्या बढ़ाने, बजट में व्यापारियों पर नए कर नहीं लगाने, समाजिक सौहार्द को बढ़ाने की योजनाओं, कृषि और घरेलू बिजली पर राहत, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने, ग्रामीण ओलंपिक की तर्ज पर युवाओं के लिए ग्रामीण महोत्सव, खेतों में बाढ़ को लेकर नियमों में सरलीकरण, किसानों से जुड़ी सुविधाओं को और बेहतर करने, महंगाई से राहत के लिए लोक कल्याणकारी योजनाएं लाने, फ्लोराइड से मुक्ति समेत 16 सुझाव रखे हैं. इन सुझावों को गहलोत सरकार अपने बजट में समाहित करेंगे.
पढ़ें : डोटासरा की दो टूक, कहा- सरकार रिपीट करनी है तो गुटबाजी छोड़नी होगी, हर महीने 28 तारीख को चलेंगे पैदल
डोटासरा का बड़ा बयान : वहीं, बैठक में अपनी बात रखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार के सभी मंत्रियों को सलाह देते हुए कहा कि साल 2023 में सरकार रिपीट करनी है तो जिन कार्यकर्ताओं के आशीर्वाद और खून-पसीने से हमारी सरकार बनी, उन कार्यकर्ताओं की दुख-तकलीफ ठीक कर उनमें उत्साह का संचार करना होगा.
खून-पसीना बहाकर हमारी सरकार बनाने वाले कार्यकर्ताओं के काम सरकार में बैठे मंत्रियों को करने होंगे. वहीं, डोटासरा ने मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं के पैदल चलने की तारीख तय करते हुए (Foot March of Rajasthan Congress) कहा कि हर महीने की 28 तारीख को कांग्रेस के नेता जनता के बीच पैदल चलेंगे और उनकी सुनवाई करेंगे. इस दौरान डोटासरा ने कहा कि चुनाव सिर के ऊपर है, संगठन को और ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा. सबको साथ रहना होगा, मेरा-तेरा, गुटबाजी और जाति-धर्म की बातें छोड़नी होंगी.
जो नेता खुद के उल्टी बात कहे, वह पार्टी का वफादार नहीं : प्रदेश कांग्रेस के अधिवेशन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि यह दुश्प्रचार करना बंद कर दें कि हमारी सरकार रिपीट नहीं हो रही है. यदि हम रिपीट करेंगे तो यह राजस्थान नहीं, बल्कि देश के लिए होगा. उन्होंने कहा कि जो नेता खुद के मुंह से पार्टी के लिए उल्टी बात कहे, वह पार्टी का वफादार नहीं है. उन्होने कहा कि पार्टी के प्रति वफादार राहें, निष्ठावान रहें, समर्पित रहें और धैर्य रखें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी में अनुशासन नहीं है तो यह सही नहीं है. जो पार्टी के प्रति निष्ठा रखता है वह नहीं चाहेगा कि पार्टी कमजोर हो. उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे प्रभारी थे तब कहा जा रहा था कि तीसरी बार सरकार बनना मुश्किल है, लेकिन मैंने नेताओं से कहा कि जब आप खुद ही कहोगे कि मुश्किल है तो सरकार कैसे बनेगी. आखिर तीसरी बार भी सरकार बनी और मतभेद होने के बावजूद शीला दीक्षित ने कहा कि आपने जो कहा, उससे माहौल बदला.
गलतियां हुईं होंगी, लेकिन सब भुलाकर सरकार रिपीट कराएं : अधिवेशन में सीएम ने कहा कि गलतियां सबसे होती हैं, हुई होंगी. नेता-कार्यकर्ता नाराज होते हैं, लेकिन हम तय कर लें कि पार्टी हित में सबकुछ भुलाकर सरकार रिपीट करनी है. हम अगर निकल जाएंगे और एक स्वर में बोलेंगे तो सरकार जरूर रिपीट होगी. लेकिन खुद के मुंह से उल्टी बात करेंगे तो कुछ नहीं होगा. जो ऐसा बोलता है, वह कांग्रेस का वफादार नहीं है. पार्टी के लिए वफादार रहो, निष्ठावान रहो, समर्पित रहो, ईमानदार रहो और धैर्य रखो. सबको पद मिल नहीं सकता. सोनिया गांधी ने एक बार कहा था कि धैर्य रखने वालों को मौका मिलता ही है. गहलोत ने इसके लिए नीरज डांगी का उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने कब सोचा था कि वे राज्यसभा सदस्य बन जाएंगे.