जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने परकोटे के आवासीय इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों के मामले में सख्ती बरतते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह पूरी तरह से अवैध चिन्हित किए 19 भवनों को तत्काल सील करे. अदालत ने इसकी पालना रिपोर्ट 11 मार्च, 2025 को पेश करने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश हल्दियों के रास्ते के आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के संबंध में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि रिहायशी क्षेत्र में अवैध निर्माण होना व व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करना कानूनी प्रावधानों की अवहेलना करना है.
सुनवाई के दौरान एएजी जीएस गिल ने कहा कि अदालती आदेश की पालना में सर्वे कर भवनों की तीन कैटेगरी बनाई है. पहली कैटेगरी में उन भवनों को रखा गया है, जो पूरी तरह अवैध हैं. इन भवनों की संख्या 19 है. वहीं शेष दो कैटेगरी में बिल्डिंग बॉयलॉज के खिलाफ जाकर किए गए निर्माणों को शामिल किया गया है. अवैध निर्माण वाली 19 इमारतों पर कार्रवाई की जाएगी. इस पर न्यायमित्र शोभित तिवाड़ी ने कहा कि नगर निगम इन भवनों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर चुका है और इन्हें सील कर दिया है.
इस पर खंडपीठ ने उन्हें कहा कि यदि पहले की कार्रवाई में कोई कमी रही है तो दोबारा इन अवैध भवनों को सील कर दिया जाए. इस मामले में हाईकोर्ट ने प्रमुख यूडीएच सचिव की कमेटी बनाकर उसे रिपोर्ट देने के लिए कहा था. रिपोर्ट में 19 भवनों को पूर्णतया और 12 भवनों को आंशिक तौर पर अवैध माना था. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने हल्दियों के रास्ते के आवासीय इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार व नगर निगम से रिपोर्ट देने के लिए कहा था.