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प्रदेश के कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से जुड़ा मामला, जानिए क्या कहा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने

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Published : Dec 1, 2022, 5:52 PM IST

Updated : Dec 1, 2022, 11:20 PM IST

प्रदेश में कांग्रेस के 91 विधायकों ने गत 25 दिसंबर को इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का दिए (Congress MLAs resignation case in Rajasthan) थे. इन इस्तीफों पर विपक्ष लगातार हमलावर है. वे इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस मामले में पूर्व विधानसभा स्पीकर सुमित्रा सिंह का कहना है कि इस्तीफे स्वीकार करना या नहीं करना पूरी तरह से विधानसभा अध्यक्ष पर निर्भर करता है.

Congress MLAs resignation case in Rajasthan, Know what ex Assembly speaker Sumitra Singh has to say
प्रदेश के कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से जुड़ा मामला, जानिए क्या कहा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने

जयपुर. प्रदेश के विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जनहित में पीआईएल दायर की है. खुद हाईकोर्ट पहुंचकर राजेंद्र राठौड़ ने यह पीआईएल दायर की और कहा कि स्पीकर सीपी जोशी इस मामले में कोई फैसला अभी तक नहीं ले रहे हैं. वहीं विधायकों के इस्तीफे को लेकर राजस्थान की पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह का कहना है (Ex Speaker on resignation of Congress MLAs) कि इस्तीफे स्वीकार करना या नहीं करना यह विधानसभा अध्यक्ष पर निर्भर करता है.

25 सितंबर को प्रदेश में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के लगभग 91 विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे दिए थे. जिसके बाद विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि आखिर विधायकों के इस्तीफे को लेकर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी कोई फैसला आखिर क्यों नहीं ले रहे हैं. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह का कहना है कि किसी भी विधायक का इस्तीफा स्वीकार करने या नहीं करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास रहता है. इसके अलावा जब तक इस्तीफा देने वाला व्यक्ति खुद विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उपस्थित होकर इस्तीफा नहीं देता, तब तक उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर क्या बोलीं पूर्व स्पीकर सुमित्रा सिंह...

पढ़ें: राहुल गांधी से मिले स्पीकर सीपी जोशी, इस्तीफों को लेकर दिया फीडबैक!

सुमित्रा सिंह ने एक घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि जब वह विधानसभा अध्यक्ष थीं. तब एक ऐसा ही मामला सामने आया था और किसी अन्य तरीके से किसी विधायक का इस्तीफा उनके पास पहुंचा था. लेकिन उन्होंने इस्तीफा लेने से इनकार कर दिया था. सुमित्रा सिंह का कहना है कि जब तक विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफे को लेकर संतुष्ट नहीं होते, तब तक वे इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर सकते.

पढ़ें: Rajasthan Political Crisis : कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बीच बीजेपी और राज्यपाल की भूमिका पर सबकी निगाहें

दरअसल इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था और उप नेता प्रतिपक्ष की ओर से एक पीआईएल भी हाईकोर्ट में दायर की गई है. राठौड़ ने हाईकोर्ट से इस पूरे मामले में दखल करने की मांग रखी है कि आखिर 65 दिन बाद भी इस्तीफे स्वीकार क्यों नहीं किए जा रहे हैं. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी सवाल उठाया है कि जब इस्तीफे दे दिए गए हैं, तो फिर मंत्री कैबिनेट की बैठकों में कैसे भाग ले रहे हैं.

जयपुर. प्रदेश के विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जनहित में पीआईएल दायर की है. खुद हाईकोर्ट पहुंचकर राजेंद्र राठौड़ ने यह पीआईएल दायर की और कहा कि स्पीकर सीपी जोशी इस मामले में कोई फैसला अभी तक नहीं ले रहे हैं. वहीं विधायकों के इस्तीफे को लेकर राजस्थान की पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह का कहना है (Ex Speaker on resignation of Congress MLAs) कि इस्तीफे स्वीकार करना या नहीं करना यह विधानसभा अध्यक्ष पर निर्भर करता है.

25 सितंबर को प्रदेश में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के लगभग 91 विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे दिए थे. जिसके बाद विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि आखिर विधायकों के इस्तीफे को लेकर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी कोई फैसला आखिर क्यों नहीं ले रहे हैं. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह का कहना है कि किसी भी विधायक का इस्तीफा स्वीकार करने या नहीं करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास रहता है. इसके अलावा जब तक इस्तीफा देने वाला व्यक्ति खुद विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उपस्थित होकर इस्तीफा नहीं देता, तब तक उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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सुमित्रा सिंह ने एक घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि जब वह विधानसभा अध्यक्ष थीं. तब एक ऐसा ही मामला सामने आया था और किसी अन्य तरीके से किसी विधायक का इस्तीफा उनके पास पहुंचा था. लेकिन उन्होंने इस्तीफा लेने से इनकार कर दिया था. सुमित्रा सिंह का कहना है कि जब तक विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफे को लेकर संतुष्ट नहीं होते, तब तक वे इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर सकते.

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दरअसल इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था और उप नेता प्रतिपक्ष की ओर से एक पीआईएल भी हाईकोर्ट में दायर की गई है. राठौड़ ने हाईकोर्ट से इस पूरे मामले में दखल करने की मांग रखी है कि आखिर 65 दिन बाद भी इस्तीफे स्वीकार क्यों नहीं किए जा रहे हैं. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी सवाल उठाया है कि जब इस्तीफे दे दिए गए हैं, तो फिर मंत्री कैबिनेट की बैठकों में कैसे भाग ले रहे हैं.

Last Updated : Dec 1, 2022, 11:20 PM IST
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