जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को गृह और कारावास विभाग की अनुदान मांगों पर बहस हुई. इस दौरान कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने भी सरकार पर पेपर लीक मामले में बार-बार नेट बंद करने पर सवाल खड़े कर दिए. मीणा ने यहां तक कह दिया कि यूक्रेन और रशिया के बीच युद्ध चल रहा है, वहां नेट बंद नहीं किया गया और हमारे यहां जब कोई पेपर होता है तो नेटबंदी कर दी जाती है. "सरकार पेपर लीक रोकना चाहती है या व्यापार रोकना चाहती है".
नेटबंदी में राजस्थान देश में नंबर एक पर - मीणा जब बोल रहे थे तो उनके आगे की तरफ बैठे मंत्री टीकाराम जूली ने कुछ कहा तो विधायक ने एक अखबार की कटिंग लहराते हुए कहा कि भारत में नेटबंदी के मामले में राजस्थान देश में नंबर एक है". मेरे भाई सुन, मैं जानता हूं तू मंत्री है, ना जाने कहां-कहां से.... इसके आगे उन्होंने बात बदलते हुए कहा कि हर चीज पर सरकार को डिफरेंट करने से काम नहीं चलेगा. दिसंबर में चुनाव आ रहे हैं।
पेपर लीक के कारणों को जानने की जरूरत - हरीश मीणा ने कहा कि हम सभी ने परीक्षाएं दी हैं और आईएएस का एग्जाम भी हर साल होता है, लेकिन मैंने नहीं सुना कि भारत सरकार उस परीक्षा को करवाने के लिए नेट को बंद करती है. उन्होंने कहा कि हमें पेपर लीक के कारणों को जानने की जरूरत है, न कि इंटरनेट को बंद करने की. पेपर राजस्थान में छपता है और यहीं के लोग उसे लीक कर रहे हैं. हम आज तक यह पता नहीं लगा पाए कि यह पेपर आरपीएससी से लीक होता है या किसी अन्य संगठन से. हम उस नाकामी को छुपाने के लिए इंटरनेट बंद कर देते हैं. उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले हरियाणा में जिन दो युवकों को जलाकर मारा गया, आज उनके गांव में भी कोई मीटिंग है, जिसके चलते वहां नेट बंद कर दिया गया है. जिन्हें मरना था वह मर चुके अब इंटरनेट बंद करने से क्या होगा, इससे तो केवल बच्चों के एग्जाम में फर्क पड़ेगा और व्यापारियों के व्यापार पर.
गैंगवार चिंता का विषय - हरीश मीणा ने गैंगवार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में डकैती, हिंसा और मर्डर होते थे, लेकिन इंटर स्टेट गैंगवार जो चल रहा है, वह नया है और चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इस बात का पता लगाना चाहिए कि क्या उन्हें ऐसी सुविधाएं मिल रही हैं, जो राजस्थान को इंटरस्टेट अपराधियों के लिए फर्टाइल ग्राउंड बना रही हैं. लॉरेंस बिश्नोई पंजाब का रहने वाला और ऑपरेशन राजस्थान से चलाता है. राजस्थान की जेल में बैठकर वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार कर रहा है. यही हालात आनंदपाल और राजू ठेठ के भी थे. उन्होंने कहा कि सरकार यदि यह कहेगी कि उसके कार्यकाल में इतना होता था, हमारी कार्यकाल में इतना तो उससे काम नहीं चलेगा. अगर कोई चीज गलत हो रही है तो उसमें स्वीकार करना कोई गुनाह नहीं है. उन्होंने महिला अपराधों के लिए भी सेल बनाने की जगह कार्रवाई करने की बात सरकार से कही.
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दिल्ली के समान मिले राजस्थान पुलिस को सुविधाएं - विधानसभा में हरीश मीणा ने राजस्थान पुलिस को भी दिल्ली पुलिस के समान अलाउंस देने की वकालत की. हरीश मीणा खुद राजस्थान के पूर्व डीजीपी रहे हैं तो उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमारे सिपाहियों को दिल्ली पुलिस के समान वेतन भत्ते मिलने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रमोशन के लिए जो व्यवस्था बनाई गई है वह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बनने और हेड कांस्टेबल से एएसआई बनने के लिए तो लिखित परीक्षा और शारीरिक परीक्षा पास करनी होती है, लेकिन आरपीएस को आईपीएस बनने के लिए ऐसा नहीं होता. अगर वह फार्मूला ठीक है तो फिर इसे सब पर लागू किया जाना चाहिए.