जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट के अनशन के बाद एक बार फिर सियासी चर्चाओं का बाजार गरम है. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट के अनशन को लेकर जो स्टैंड लिया है, वह उस पर कायम है. कांग्रेस के G-23 का हिस्सा रह चुके वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भी राजस्थान और सचिन पायलट के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कह दिया कि पार्टी ने इस मामले पर अपना स्टैंड साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शानदार योजनाओं के साथ हैं. वहीं, प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कहा कि राजस्थान को पंजाब नहीं बनने दूंगा.
आनंद शर्मा ने भी कहा कि बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो योजनाएं आम लोगों के लिए घोषित की है, पार्टी उनके साथ ही चुनाव में जाएगी. उन्होंने साफ किया कि अभी कांग्रेस पार्टी के लिए राष्ट्रीय मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और वह उसी पर फोकस कर रही है. मतलब साफ है कि कांग्रेस पार्टी अभी राज्यों में अपने नेताओं की आपसी लड़ाई-झगड़े में नहीं पड़ रही. बता दें कि आनंद शर्मा बुधवार को दिल्ली में के एआईसीसी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस करने पहुंचे थे. इस दौरान जब राजस्थान और सचिन पायलट से जुड़े सवाल पूछे गए तो उन्होंने यह जवाब दिया.
पढ़ें : Rajasthan Congress Crisis: सचिन पायलट पर कार्रवाई की संभावना नहीं, अशोक गहलोत कर समझौते की कोशिश
वसुंधरा राजे कल प्रकट नहीं हुई, यह मुद्दे पहले से हैंः आनंद शर्मा ने कहा कि मैं राजस्थान का प्रभारी नहीं हूं, लेकिन पार्टी के प्रभारी ने इस मामले में अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं. उन्होंने सचिन पायलट के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि वसुंधरा राजे कोई कल प्रकट नहीं हुईं ओर कोई नई बातें भी सामने नहीं आईं. उन्होंने कहा कि प्रभारी ने अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं. पार्टी ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. पार्टी के अपने नियम होते हैं कि क्या अनुशासन की परिधि में है और क्या अनुशासन के बाहर है.
मतभेद के साथ गुटबाजी नई बात नहींः आनंद शर्मा ने कहा कि राजनीति में मतभेद (एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जाना) दलों के अंदर कई बार मतभेद के साथ-साथ गुटबाजी भी होती रही है, यह कोई नई बात नहीं है. हर राजनीतिक दल में रहा है. यह कोई पहला वाकया नहीं है कि लोग राजनीतिक दल छोड़ कर जाते हैं या अपना अलग रास्ता चुनते हैं. हर दशक में ऐसा हुआ और कोई ऐसा विशेषज्ञ नहीं है जो किसी दूसरे का मन पढ़कर उसके कारण बता सके. राजनीति में हर व्यक्ति का अपना दृष्टिकोण होता है, हर व्यक्ति की अपनी आजादी होती है. लेकिन दुर्भाग्य आज की राजनीति का यह है कि मतभेद जो स्वीकार्य है वह मनभेद में बदल गए हैं.
रंधावा बोले- राजस्थान को नहीं बनने दूंगा पंजाब : इधर दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे से राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी मुलाकात की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए रंधावा ने कहा कि आज खड़गे से छोटी सी मुलाकात थी. अभी राजस्थान के मामले पर दोबारा बात होगी और जब दोबारा बात होगी, उसके बाद ही कोई निर्णय होगा. रंधावा ने कहा कि राजस्थान पंजाब के रास्ते नहीं जा रहा है और मैं राजस्थान को पंजाब बनने भी नहीं दूंगा. राजस्थान के नेता वैसा व्यवहार भी नहीं कर रहे. पायलट पर कार्रवाई को लेकर रंधावा ने कहा कि अभी सारा घटनाक्रम देख रहा हूं और उनपर स्टडी करने के बाद ही किसी तरह का कोई निर्णय लिया जाएगा.