जयपुर. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉक्टर सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित 3 सदस्य कमेटी ने सोमवार को जैसलमेर के 28 प्रकरणों में सुनवाई की.
खान विभाग द्वारा नवंबर 2014 से 12 जनवरी 2015 के दौरान खनन पट्टों के लिए जारी मंशा पत्र एवं पूर्वेक्षण अनुज्ञा पत्रों के निस्तारण पर दायर याचिकाओं पर जयपुर और जोधपुर उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय की पालना में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से याचियों के पक्ष को कमेटी द्वारा 14 सितंबर से 25 सितंबर तक शाम 3:30 से 5:30 तक वृत स्तर के अधीक्षण खनिज अभियंताओं के कार्यालयों में याचियों के सुनवाई की जा रही है.
कमेटी द्वारा सोमवार को खनिज अभियंता कार्यालय जैसलमेर से जैसलमेर के 28 वादियों का पक्ष सुना गया. राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी में एसीएस माइंस डॉक्टर सुबोध अग्रवाल के साथ ही प्रमुख सचिव ग्रह अभय कुमार और आयोजना सचिव सिद्धार्थ महाजन ने सुनवाई की.
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गौरतलब है कि खान विभाग द्वारा नवंबर 2014 से 12 जनवरी 2015 के दौरान जारी खनन पट्टों हेतु मंशा पत्र एवं पूर्वेक्षण अनुज्ञा पत्र के संबंध में राज्य सरकार को शिकायत प्राप्त होने पर इस दौरान जारी सभी स्वीकृतियों को निरस्त कर दिया गया था.
राज्य सरकार के निरस्तीकरण के आदेश के विरुद्ध जोधपुर और जयपुर के उच्च न्यायालय में विभिन्न रिट याचिकाएं दायर की गई. न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के क्रम में प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया.
समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार संबंधित याचिका अधीक्षण अभियंता जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर, भीलवाड़ा, जैसलमेर के कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम में सुनवाई की जाएगी. सरकार द्वारा सभी याचियों को पत्र द्वारा सूचित किया जा चुका है.