जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह के बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है. ऐसे में शुक्रवार को सचिवालय के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कहते हुए धन्यवाद दिया कि अब चुनाव आ गए. चुनाव से पहले ऐसी मीटिंग नहीं होगी. इसलिए आज मैं आपको शुभकामनाएं दे रहा हूं और शुक्रिया अदा कर रहा हूं कि आपने हमारा शानदार साथ निभाया.
गहलोत ने कहा कि उम्मीद करता हूं कि इस बार राजस्थान में जो माहौल बना है. हम लोग तो कहते हैं कि चुनाव जीत सकते हैं, तो जनता कह रही है है कि जीत सकते नहीं बल्कि जीत रहे हैं. हम कहते हैं, सरकार बन सकती है, तो जनता कह रही है कि सरकार बन नहीं सकती है, सरकार बन रही है, यह जुमले पब्लिक से आ रहे हैं. गहलोत ने कहा कि अंतिम फैसला तो जनता करेगी, लेकिन जो माहौल बन रहा है लगता है कि सरकार जब बदलती है तो नुकसान बहुत होता है. हमारी योजनाओं को बंद कर दिया जाता है.
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कर्मचारियों के लिए किए बड़े फैसले: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्योंकि सचिवालय कर्मचारियों नए पदाधिकारियों को शपथ दिलवाने पहुंचे थे, ऐसे में उन्होंने कर्मचारियों के लिए हुए फैसलों के बारे में भी अपनी बात रखी. गहलोत ने कहा कि इस बार कर्मचारियों के लिए ओपीएस के अलावा भी विशेष फैसले हुए हैं. उन्होंने कहा कि चाहे आरजीएचएस को सीजीएस के वेटरन में लागू करना हो, चाहे सैलरी एडवांस देने की घोषणा हो, या प्रमोशन के अतिरिक्त मौके दिए गए. इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए 10-20-30 साल में प्रमोशन की जगह फिर से 9-18-27 का फार्मूला लागू किया गया.
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गहलोत ने कहा कि इस बार बोर्ड कॉरपोरेशन में भी सातवां वेतन आयोग लागू किया गया और संविदा कर्मचारियों के लिए कांट्रेक्चुअल सर्विस रूल बनाए. जिससे 1 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. हालांकि इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि कई बार फैसलों को लागू होने में टाइम लगता है और हमारे डीओपी के अधिकारी इस काम को करने में भी लगे हैं. लेकिन यह क्रांतिकारी फैसला है. गहलोत ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में 11000 मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी, तो वहीं 330 सरकारी कर्मचारियों को कोरोना में मृत्यु होने पर 50 लाख रुपए भी दिए.