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सीएम ने PM मोदी का जताया आभार, कहा- DFC का 42 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरता है - राजस्थान की खबर

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रेवाड़ी-मदार खंड का लोकार्पण और डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन फ्लैगऑफ कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रें​सिंग के जरिए शामिल हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राजस्थानवासियों के लिए यह बहुत सौभाग्य की बात है. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 42 पर्सेंट हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरता है. गहलोत ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया.

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सीएम ने PM मोदी का जताया आभार
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Published : Jan 7, 2021, 7:48 PM IST

जयपुर. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की सौगात को लेकर सीएम गहलोत ने पीएम मोदी का आभार जताया है. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से पूर्व में स्वीकृत हुए प्रोजेक्ट का काम फिर से शुरू करवाने की मांग की है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत से कहा कि राजस्थान के लिए कुछ प्रोजेक्ट जो पहले सैंक्शन हो गए थे, वो प्रोजेक्ट कुछ कारणों से बंद हो गए हैं. गहलोत ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि आप स्वयं इतना इंटरेस्ट लेते हो रेलवे के अंदर और मंत्री पीयूष गोयल भी बैठे हुए हैं, रेलवे के अधिकारी भी बैठे हुए हैं. गहलोत ने कहा कि मैं चाहूंगा कि जो प्रोजेक्ट पहले से सैंक्शंड हैं वे शुरू हो चुके थे और किन्हीं कारणों से बंद हो गए हैं. कृपा करके आप उनको प्रायोरिटी दें और पुनः शुरू करवाएं, जिससे कि राजस्थान के अंदर जो माहौल बना था, उस जमाने के अंदर वो माहौल पुनः बन सके.

  • मुझे खुशी है कि आज रेलवे एक नया इतिहास बनाने जा रहा है। आजादी के पहले से ही देश में रेलों का विकास होना प्रारंभ हुआ और लंबा सफर तय करते-करते आज डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन का प्रारंभ होना और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के खंड का देश को समर्पण एक बड़ी उपलब्धि है। pic.twitter.com/Q2JfQPaJLK

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि रेलवे का विस्तार, रेलवे का विकास टॉप प्रायोरिटी पर रहा है और रहना चाहिए, चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो. उसी से हमारी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और देश में सभी यात्रियों और इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र, राज्यपाल हरियाणा सत्यदेव नारायण आर्य, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी के साथ कई मंत्री, सांसद और रेलवे के अफसर वीसी से जुड़े.

स्वीकृत प्रोजेक्ट में फिर शुरू हो काम...

इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कुछ प्रोजेक्ट गिनाए. इनमें 2013 में सरमथुरा, गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन का शिलान्यास हो चुका था, लेकिन काम बंद हो गया. पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन का काम वो परियोजना भी ठप हो गई. एक चौथ का बरवाड़ा से अजमेर वाया टोंक रेलवे लाइन, इसका काम भी रोक दिया गया. इसके साथ ही बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम, इस प्रोजेक्ट में 50 पर्सेंट भागीदारी थी स्टेट गवर्नमेंट की. ढाई सौ करोड़ के लगभग स्टेट गवर्नमेंट दे चुकी थी और काम भी शुरू हो गया, लेकिन उसके बाद में पता नहीं किन कारणों से काम बंद हो गया. लोगों में वहां पर बहुत बड़ा रिएक्शन भी है और ये आदिवासी क्षेत्र है. गहलोत ने इस प्रोजेक्ट को प्रायोरिटी पर शुरू करवाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि राजस्थान की स्थिति अब पहले जैसी नहीं है. पहले तो राज्य ने 50 पर्सेंट राशि का वादा किया था, अब तो वो वादा निभा नहीं पाएंगे. रेलवे को ही पूरा खर्चा करना पड़ेगा.

  • वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर खंड के लोकार्पण कार्यक्रम में राजस्थान के लिए पूर्व में सेंक्शन हो चुके प्रोजेक्ट्स जो प्रारंभ हो चुके थे और किन्हीं कारणों से बंद हो गए हैं उन्हें लेकर प्रधामंत्री जी से आग्रह किया कि उनको प्रायोरिटी दें और पुनः प्रारंभ करवाएं।
    1/ pic.twitter.com/vB6FcCVsS9

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिलान्यास के बावजूद काम रोक दिया गया...

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जब सीपी जोशी मंत्री थे तब भीलवाड़ा के रूपाहेली में मेमूकोच फैक्ट्री सैंक्शन की गई थी और फिर उसका शिलान्यास भी हो गया, लेकिन वो भी रोक दिया गया. जैसलमेर-बाड़मेर जो पाकिस्तान से लगता बॉर्डर है, वहां पर गैस भी निकल गई है, तेल भी निकल गया है. देश के प्रोडक्शन का 20 पर्सेंट तेल बाड़मेर में निकल रहा है. यह बहुत बड़ा अचीवमेंट हुआ है. आप भी पधारे थे और रिफाइनरी का काम वहां पर शुरू हो चुका है. जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा-कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन की मांग 40 साल से चली आ रही है. ये बॉर्डर एरिया पाकिस्तान से लगता हुआ और सीमावर्ती क्षेत्र है.

यहां हो नई रेल लाइन का काम...

गहलोत ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से नई सोच के साथ आपने भारत माला के काम शुरू करवाए, उसी रूप में आप अगर जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा और कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन का काम शुरू कराते हैं. यह आने वाले वक्त में सभी दृष्टिकोण से यह बहुत उचित होगा. बाकि लोहारू-सीकर-रींगस रेल लाइन पर आमान परिवर्तन चुका है, लेकिन रेलगाड़ी चल नहीं रही है. इस प्रकार से जो प्रोजेक्ट हमारे पहले चल रहे थे, कृपा करके इन प्रोजेक्ट को वापस शुरू कराएं और इसी बजट में इसे शामिल कर लें तो बड़ी कृपा होगी.

नेहरू, यूपीए सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं...

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पंडित नेहरू रेलवे के लिए चाहे इंजन हों चाहे डब्बे हों, सब इम्पोर्ट होते थे. नेहरू की दूरदृष्टि थी कि जिस प्रकार से उन्होंने बड़े-बड़े बांध, कारखाने बनाए, उसी रूप में उन्होंने रेलवे पर ध्यान दिया. डब्बे, इंजन यहां बनने लगे, फ्रांस से एग्रीमेंट हुआ, उसके बाद में लंबा सफर तय करते-करते 2006 के अंदर जब यूपीए गवर्नमेंट के समय डीएफसीसीआईएलए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की स्थापना हुई, डॉ. मनमोहन सिंह के वक्त में एक नया इतिहास रचा गया. एक नई दृष्टि सामने लाई गई. किस प्रकार से पैरेलल ईस्टर्न वेस्टर्न कॉरिडोर बने फ्रेट के लिए, ताकि देश की आर्थिक गतिविधियां तेज गति से बढ़ सकें.

इतिहास रचने के बराबर काम...

इस कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज रेलवे एक नया इतिहास बनाने जा रहा है. देश की आजादी के पहले से ही देश में रेलों का विकास होना प्रारंभ हुआ और 170 साल का लंबा इतिहास है. भारतीय रेलवे का इतिहास वर्ष 1853 से शुरू हुआ और लंबा सफर तय करते.करते अब डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन का शुरू होना और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बनना, एक इतिहास रचने के बराबर है.

डीएफसी स्टेशन बनाने की मांग रखी...

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोविड के बाद में राज्यों की स्थिति बहुत ही विकट हो चुकी है, फिर भी हमारा प्रयास है कि खुशखेड़ा, भिवाड़ी, नीमराणा, और जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के काम साथ-साथ में चलें और राज्य में भिवाड़ी में भी एक स्टेशन बनें ताकि उसका लाभ मिल सकें. क्योंकि नीमराणा के अंदर भिवाड़ी क्षेत्र में जापानी जोन है और वो अपने आप में पूरे देश के अंदर अनूठा जोन है जो कि स्पेसिफिक जापानीज इन्वेस्टमेंट जोन हो रहा है. भिवाड़ी में लगभग 6521 औद्योगिक इकाइयां हैं. अगर वहां रेलवे स्टेशन बनता है तो आने वाले समय में उसका लाभ सभी को मिलेगा. गहलोत ने कार्यक्रम में भिवाड़ी के सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र में डीएफसी स्टेशन बनाने की मांग रखी.

जयपुर. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की सौगात को लेकर सीएम गहलोत ने पीएम मोदी का आभार जताया है. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से पूर्व में स्वीकृत हुए प्रोजेक्ट का काम फिर से शुरू करवाने की मांग की है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत से कहा कि राजस्थान के लिए कुछ प्रोजेक्ट जो पहले सैंक्शन हो गए थे, वो प्रोजेक्ट कुछ कारणों से बंद हो गए हैं. गहलोत ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि आप स्वयं इतना इंटरेस्ट लेते हो रेलवे के अंदर और मंत्री पीयूष गोयल भी बैठे हुए हैं, रेलवे के अधिकारी भी बैठे हुए हैं. गहलोत ने कहा कि मैं चाहूंगा कि जो प्रोजेक्ट पहले से सैंक्शंड हैं वे शुरू हो चुके थे और किन्हीं कारणों से बंद हो गए हैं. कृपा करके आप उनको प्रायोरिटी दें और पुनः शुरू करवाएं, जिससे कि राजस्थान के अंदर जो माहौल बना था, उस जमाने के अंदर वो माहौल पुनः बन सके.

  • मुझे खुशी है कि आज रेलवे एक नया इतिहास बनाने जा रहा है। आजादी के पहले से ही देश में रेलों का विकास होना प्रारंभ हुआ और लंबा सफर तय करते-करते आज डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन का प्रारंभ होना और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के खंड का देश को समर्पण एक बड़ी उपलब्धि है। pic.twitter.com/Q2JfQPaJLK

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि रेलवे का विस्तार, रेलवे का विकास टॉप प्रायोरिटी पर रहा है और रहना चाहिए, चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो. उसी से हमारी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और देश में सभी यात्रियों और इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र, राज्यपाल हरियाणा सत्यदेव नारायण आर्य, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी के साथ कई मंत्री, सांसद और रेलवे के अफसर वीसी से जुड़े.

स्वीकृत प्रोजेक्ट में फिर शुरू हो काम...

इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कुछ प्रोजेक्ट गिनाए. इनमें 2013 में सरमथुरा, गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन का शिलान्यास हो चुका था, लेकिन काम बंद हो गया. पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन का काम वो परियोजना भी ठप हो गई. एक चौथ का बरवाड़ा से अजमेर वाया टोंक रेलवे लाइन, इसका काम भी रोक दिया गया. इसके साथ ही बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम, इस प्रोजेक्ट में 50 पर्सेंट भागीदारी थी स्टेट गवर्नमेंट की. ढाई सौ करोड़ के लगभग स्टेट गवर्नमेंट दे चुकी थी और काम भी शुरू हो गया, लेकिन उसके बाद में पता नहीं किन कारणों से काम बंद हो गया. लोगों में वहां पर बहुत बड़ा रिएक्शन भी है और ये आदिवासी क्षेत्र है. गहलोत ने इस प्रोजेक्ट को प्रायोरिटी पर शुरू करवाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि राजस्थान की स्थिति अब पहले जैसी नहीं है. पहले तो राज्य ने 50 पर्सेंट राशि का वादा किया था, अब तो वो वादा निभा नहीं पाएंगे. रेलवे को ही पूरा खर्चा करना पड़ेगा.

  • वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर खंड के लोकार्पण कार्यक्रम में राजस्थान के लिए पूर्व में सेंक्शन हो चुके प्रोजेक्ट्स जो प्रारंभ हो चुके थे और किन्हीं कारणों से बंद हो गए हैं उन्हें लेकर प्रधामंत्री जी से आग्रह किया कि उनको प्रायोरिटी दें और पुनः प्रारंभ करवाएं।
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शिलान्यास के बावजूद काम रोक दिया गया...

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जब सीपी जोशी मंत्री थे तब भीलवाड़ा के रूपाहेली में मेमूकोच फैक्ट्री सैंक्शन की गई थी और फिर उसका शिलान्यास भी हो गया, लेकिन वो भी रोक दिया गया. जैसलमेर-बाड़मेर जो पाकिस्तान से लगता बॉर्डर है, वहां पर गैस भी निकल गई है, तेल भी निकल गया है. देश के प्रोडक्शन का 20 पर्सेंट तेल बाड़मेर में निकल रहा है. यह बहुत बड़ा अचीवमेंट हुआ है. आप भी पधारे थे और रिफाइनरी का काम वहां पर शुरू हो चुका है. जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा-कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन की मांग 40 साल से चली आ रही है. ये बॉर्डर एरिया पाकिस्तान से लगता हुआ और सीमावर्ती क्षेत्र है.

यहां हो नई रेल लाइन का काम...

गहलोत ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से नई सोच के साथ आपने भारत माला के काम शुरू करवाए, उसी रूप में आप अगर जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा और कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन का काम शुरू कराते हैं. यह आने वाले वक्त में सभी दृष्टिकोण से यह बहुत उचित होगा. बाकि लोहारू-सीकर-रींगस रेल लाइन पर आमान परिवर्तन चुका है, लेकिन रेलगाड़ी चल नहीं रही है. इस प्रकार से जो प्रोजेक्ट हमारे पहले चल रहे थे, कृपा करके इन प्रोजेक्ट को वापस शुरू कराएं और इसी बजट में इसे शामिल कर लें तो बड़ी कृपा होगी.

नेहरू, यूपीए सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं...

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पंडित नेहरू रेलवे के लिए चाहे इंजन हों चाहे डब्बे हों, सब इम्पोर्ट होते थे. नेहरू की दूरदृष्टि थी कि जिस प्रकार से उन्होंने बड़े-बड़े बांध, कारखाने बनाए, उसी रूप में उन्होंने रेलवे पर ध्यान दिया. डब्बे, इंजन यहां बनने लगे, फ्रांस से एग्रीमेंट हुआ, उसके बाद में लंबा सफर तय करते-करते 2006 के अंदर जब यूपीए गवर्नमेंट के समय डीएफसीसीआईएलए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की स्थापना हुई, डॉ. मनमोहन सिंह के वक्त में एक नया इतिहास रचा गया. एक नई दृष्टि सामने लाई गई. किस प्रकार से पैरेलल ईस्टर्न वेस्टर्न कॉरिडोर बने फ्रेट के लिए, ताकि देश की आर्थिक गतिविधियां तेज गति से बढ़ सकें.

इतिहास रचने के बराबर काम...

इस कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज रेलवे एक नया इतिहास बनाने जा रहा है. देश की आजादी के पहले से ही देश में रेलों का विकास होना प्रारंभ हुआ और 170 साल का लंबा इतिहास है. भारतीय रेलवे का इतिहास वर्ष 1853 से शुरू हुआ और लंबा सफर तय करते.करते अब डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन का शुरू होना और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बनना, एक इतिहास रचने के बराबर है.

डीएफसी स्टेशन बनाने की मांग रखी...

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोविड के बाद में राज्यों की स्थिति बहुत ही विकट हो चुकी है, फिर भी हमारा प्रयास है कि खुशखेड़ा, भिवाड़ी, नीमराणा, और जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के काम साथ-साथ में चलें और राज्य में भिवाड़ी में भी एक स्टेशन बनें ताकि उसका लाभ मिल सकें. क्योंकि नीमराणा के अंदर भिवाड़ी क्षेत्र में जापानी जोन है और वो अपने आप में पूरे देश के अंदर अनूठा जोन है जो कि स्पेसिफिक जापानीज इन्वेस्टमेंट जोन हो रहा है. भिवाड़ी में लगभग 6521 औद्योगिक इकाइयां हैं. अगर वहां रेलवे स्टेशन बनता है तो आने वाले समय में उसका लाभ सभी को मिलेगा. गहलोत ने कार्यक्रम में भिवाड़ी के सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र में डीएफसी स्टेशन बनाने की मांग रखी.

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