जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर ऊर्जा विभाग की महत्वपूर्ण बैठक ली. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम किया जाए. बैठक में गहलोत ने किसानों को रबी फसल के लिए बिजली आपूर्ति, उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण, आवासीय क्षेत्रों में पर्याप्त बिजली आपूर्ति आदि महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विभिन्न स्त्रोतों से उपलब्ध हो रही बिजली की समीक्षा की व आगामी महीनों में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता के लिए कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए.
रबी फसल के लिए सुनिश्चित हो पर्याप्त विद्युत आपूर्ति : गहलोत ने कहा कि राज्य में रबी फसल के लिए किसी भी कीमत पर किसानों को विद्युत आपूर्ति में असुविधा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को रबी की फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, साथ ही सिंचाई के दौरान लोड ज्यादा होने से जहां ट्रांसफार्मर जलने की समस्याएं आती हैं, वहां अधिकारियों को 72 घण्टों के भीतर खराब ट्रांसफार्मर को बदलने को भी कहा. उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर औद्योगिक आपूर्ति में कटौती कर किसानों को राहत देने को कहा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से 'मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना' भी संचालित की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य (CM Gehlot Big Decision) किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 4 लाख 10 हजार विद्युत कनेक्शन देने का बड़ा लक्ष्य रखा है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को संसाधनों की आपूर्ति के लिए उचित योजना बनाकर इस लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए.
शिकायतों का हो त्वरित निस्तारण : गहलोत ने प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों को पूरी संवेदनशीलता के साथ (Review of Energy Department in Jaipur) त्वरित निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि बिजली बिलों को लेकर उपभोक्ताओं के परिवादों का जिला एवं उपखंड स्तर पर ही अभियंताओं की ओर से पूरी गंभीरता के साथ त्वरित समाधान किया जाए. शहरों के साथ-साथ गांव-ढाणी तक उपभोक्ताओं को बिना ट्रिपिंग के निर्बाध विद्युत आपूर्ति करना सुनिश्चित किया जाए.
ग्रामीण एवं शहरी आवासीय क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत छीजत को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए तीनों वितरण कंपनियां प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि छीजत कम होगी तो उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने में आसानी होगी. गहलोत ने अधिकारियों से ट्रांसमिशन नेटवर्क मजबूत करने, उत्पादन क्षमता बढ़ाने, विद्युत संयंत्रों के प्रभावी प्रबंधन, कोयला प्रबंधन एवं नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा.
ये रहे मौजूद : बैठक में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग भास्कर ए. सांवत, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम आशुतोष ए.टी. पेडनेकर, सलाहकार ऊर्जा विभाग ए.के. गुप्ता, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम आर.के. शर्मा, प्रबंध निदेशक, ज.वि.वि.नि.लि. अजीत कुमार सक्सैना, प्रबंध निदेशक, जो.वि.वि.नि.लि. प्रमोद टांक, प्रबंध निदेशक अ.वि.वि.नि.लि. एन.एस. निर्वाण सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.