जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट से पूर्व अलग-अलग संगठनों के साथ में सुझाव को लेकर चर्चाओं का दौर दूसरे दिन भी जारी रखा. सीएम गहलोत ने सीएमओं में हुई इस बैठक में कहा कि सुशासन में सिविल सोसायटी और स्वयंसेवी संगठनों की भूमिका अहम है.
यह बात सीएम गहलोत से स्वयंसेवी संगठनों से साथ बैठक के दौरान कही है. सीएम ने कहा है कि सरकार की विकास योजनाओं कार्यक्रमों और नीतियों को ग्रासरूट तक पहुंचाने में इन संगठनों का योगदान महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार का प्रयास है कि जनकल्याणकारी बजट तैयार करने में ऐसे संगठनों की बराबरी की भागीदारी हो ताकि हर वर्ग तक बजट का वास्तु कला पहुंच सके.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में स्वयंसेवी संगठनों को संबोधित किया. उन्होंने सिविल सोसायटी और उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों से बजट पूर्व चर्चा की. इस दौरान सीएम ने कहा कि संस्थाओं की भागीदारी से विकास योजनाओं का लाभ आखिरी पायदान तक पहुंचाना आसान हो जाता है. हमारी सरकार इनके मान सम्मान में किसी तरह की कोई कमी नहीं रखेगी.
निवेशकों के हित में जल्द लाएंगे प्रोटेक्शन ऑफ डिपॉजिटर्स बिल
स्वयमसेवी संगठनों के कुछ प्रतिनिधियों ने चिटफंड कंपनी द्वारा आमजन के साथ धोखाधड़ी के प्रकरणों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर गंभीर है. जल्दी हम प्रोटेक्शन ऑफ डिपॉजिटर्स बिल ला रहे हैं, जो ऐसी कंपनियों पर अंकुश लगाएगी और निवेशकों को सुरक्षा देने में कारगर साबित होगी.
राजस्थान को बनाएंगे सिलिकोसिस मुक्त
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार पहले भी जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों के हित की रक्षा करने हेतु उन्हें वनाधिकार पट्टे दिए थे. अब शिविर लगाकर पात्र लोगों को ऐसे पट्टे देंगे. ताकि उन्हें उनका हक मिल सके. साथ ही सीएम गहलोत ने खनन क्षेत्रों में सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सिर्फ आर्थिक मदद देना है ही स्थाई समाधान नहीं है सरका का प्रयास है कि राजस्थान में सिलिकोसिस से मुक्त बनाया जाए. सीएम ने इस दिशा में स्वयंसेवी संगठनों से सक्रिय भागीदारी निभाने का अनुरोध किया.
ई- सिगरेट प्रतिबंध को सराहा
बैठक के दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने युवा पीढ़ियों को नशे से बचाने की दिशा में सीएम गहलोत की पहल पर ही सिगरेट पर लगाए गए. प्रतिबंध के निर्णय का खोलकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इसे सकारात्मक निर्णय से ही आने वाली पीढ़ी को व्यसन मुक्त बनाया जा सकता है. प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना की सहारा चर्चा के दौरान शिक्षाविद, दिव्यांग जनों के कल्याण महिला सशक्तिकरण बालकल्याण उपभोक्ता हितों के संरक्षण आदि क्षेत्रों के कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों ने सिविल संगठनों और उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधि ने बजट को लेकर अपनी सुझाव दिए.
मुख्यमंत्री ने इन सुझावों को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उचित सुझाव को बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा. बजट से पूर्व इस चर्चा में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा खान, मंत्री प्रमोद जैन भाया, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री साले मोहम्मद, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, मुख्य सचिव डी बी गुप्ता, सलाहकार मुख्यमंत्री गोविंद शर्मा और अध्यक्ष मुख्य सचिव वित्त योजना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.