जयपुर. राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा स्कीम के तहत लाभ लेने वाले लाभार्थियों को पेंशन का कानूनी अधिकार मिलेगा. इसको लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार 14 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सभा सत्र में बिल लेकर आएगी. इस पेंशन के अधिकार में हर वर्ष 15 फीसदी इंक्रीमेंट का भी कानूनी प्रावधान होगा. इसके साथ 125 दिन रोजगार गारंटी स्कीम को भी सरकार कानूनी रूप देगी.
पेंशन स्कीम बनेगी कानूनी अधिकार : प्रदेश में 7 सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत आर्थिक संबल देने करने के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है. मौजूदा वक्त में प्रदेश में 93 लाख 50 हजार व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्कीम के तहत इसका लाभ मिल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 75 वर्ष तक की आयु के लाभार्थियों को देय न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह की थी, जिसमें लगभग 67 लाख पेंशनर्स को लाभ मिल रहा है.
पढे़ं. राजस्थान के लोगों को अशोक गहलोत का गिफ्ट, अब बिजली बिल में 200 यूनिट तक मिलेंगे ये बड़े फायदे
15 प्रतिशत की स्वतः बढ़ोतरी : उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार इस पर 2,222 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्रतिवर्ष वहन करेगी, लेकिन इस स्कीम को अब हमारी सरकार कानूनी रूप देने जा रही है. 14 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा बजट सत्र में सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्कीम को कानूनी रूप देने के लिए बिल लेकर आएंगे. इसके बाद प्रदेश के पेंशन धारियों को पेंशन का कानूनी अधिकार मिल जाएगा. गहलोत ने कहा कि पेंशन बिल में पेंशन राशि में प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की स्वतः बढ़ोतरी करने का भी प्रावधान रखा जाएगा.
ग्रामीण और शहरी रोजगार स्कीम भी बनेगी कानून : राजस्थान में इंदिरा गांधी शहरी और ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को भी अब प्रदेश की गहलोत सरकार स्कीम के साथ कानूनी रूप देने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां पर शहरी लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. अब इस योजना को जल्द ही कानूनी रूप दिया जाएगा. इसके बाद ग्रामीणों के साथ शहरी लोगों को भी 125 दिन का रोजगार का अधिकार मिलेगा. इस योजना को कानूनी रूप देने की तैयारी की जा रही है.
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान के सभी नगर निकायों में 9 सितंबर 2022 को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना में 125 दिन तक के रोजगार का प्रावधान किया हुआ है. इसके साथ ही गहलोत सरकार ने 100 ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में 25 दिन राज्य सरकार की ओर रोजगार देने की घोषणा की थी, यानी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन का रोजगार दिया जा रहा है.
सरकार बदलने पर योजना बंद नहीं हो : पेंशन स्कीम और रोजगार गारंटी योजना को भी कानून रूप देने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार की मंशा है कि जो भी योजना आम जनता के लिए लागू की जा रही हैं वह सरकार बदलने के साथ नहीं बदले, इसलिए इन्हें कानूनी रूप दिया जा रहा है. अक्सर देखा जाता है कि सरकार बदलने के साथ ही नई सरकार योजनाओं को बदल देती है, लेकिन अब सामाजिक पेंशन सुरक्षा स्कीम और 125 दिन शहरी और ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को कानूनी रूप दिया जाएगा. इससे हर व्यक्ति को अपनी योजना का लाभ लेने का कानून अधिकार होगा.