जयपुर. नए संसद भवन के लोकार्पण समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सवाल खड़े किए हैं. सीएम गहलोत ने बुधवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में सामाजिक संस्था के कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि आखिर किस बात की जल्दबाजी है, जो इस तरह से आनन-फानन में उद्घाटन किया जा रहा है. गहलोत ने कहा कि लोकार्पण समारोह में राष्ट्रपति को बुलाया जाना चाहिए.
सीएम का सवाल- जल्दबाजी क्यों ? : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संसद भवन के लोकार्पण समारोह में राष्ट्रपति को बुलाना चाहिए था. राष्ट्रपति पद की गरिमा होती है, उसको बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है. इसमें पक्ष-विपक्ष की कोई बात नहीं है. राजस्थान में जब असेंबली का उद्घाटन किया गया तब भी राष्ट्रपति को बुलाया गया था. राज्यपाल को, नेता प्रतिपक्ष को बुलाया गया था. अब नए संसद भवन का लोकार्पण हो रहा है, इसमें राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया.
अभी भी सुधार लें अपनी भूल : सीएम ने कहा कि जल्दबाजी क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा कि 1 महीने पहले सबके पास सूचना जारी होती तो सभी राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री वहां पहुंचते. ऐसे मौके बार-बार नहीं आते हैं. इस तरह के भवन 100 साल में एक बार ही बनते हैं, उसका गरिमा के साथ में प्रोग्राम होना चाहिए. गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी और बाकी सब ने जो मुद्दा उठाया, वह सही मुद्दा है. अभी भी देर नहीं हुई है, लोकसभा स्पीकर और प्रधानमंत्री बात कर लें, अभी भी राष्ट्रपति को बुलाते हैं तो कोई बुराई नहीं है. गहलोत ने कहा कि कोई गलती हो जाती है तो उसमें सुधार किया जा सकता है.
पीएम नगर निगम के चुनाव में जाने लग गए : प्रधानमंत्री नरेंद्र के राजस्थान दौरे को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि ये पहली बार देखने को मिल रहा है कि पीएम नगर निगम के चुनाव में पहुंच रहे हैं. पीएम का अपना एक कद होता है. इनका बस चले तो यह उप चुनाव में भी चले जाएं. सीएम गहलोत ने उदाहरण देते हुए कहा कि हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह मुख्य किरदार में पहुंच जाते हैं. वहां पर रोड शो करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उसी दिन उसी जिले में पहुंच जाते हैं, हालांकि वो सभा नहीं करते लेकिन उनकी मौजूदगी रहती है.
कर्नाटक ने आईना दिखा दिया है : सीएम गहलोत ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हमें उनका मुकाबला करना है. हम कम पैसों में चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मुद्दों पर आधारित चुनाव लड़ेंगे. गहलोत ने कहा कि अभी तो ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई की भी एंट्री होगी, लेकिन हम इन सबका मुकाबला करेंगे. गहलोत ने कहा कि कर्नाटक में जनता ने सबक सिखा दिया है कि खरीदने से सरकार नहीं बनती है. कर्नाटक में जो माहौल बना, अब वो देश में बन रहा है. जनता चाहती है देश में अमन-चैन, विकास के मुद्दों पर बात हो. अब हिन्दू-मुस्लिम करने से कुछ नहीं होगा. इसके साथ ही गहलोत ने नीति आयोग की बैठक में शामिल होने को लेकर कहा कि राज्य के 76 हजार करोड़ रुपए बाकी हैं, उसकी डिमांड करेंगे.
महिलाओं का सम्मान : सीएम गहलोत इससे पहले बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित सखी गुलाबी नगरी संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सीएम गहलोत ने सम्मान किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहले महिलाओं को मौका नहीं मिलता था, अब महिलाएं सरपंच और मेयर बन रही हैं. गहलोत ने कहा कि घूंघट प्रथा भी धीरे-धीरे समाप्त हो रही है. हमने जनाधार कार्ड में महिलाओं को घर की मुखिया बनाया है. सीएम गहलोत ने कहा कि महिलाओं को बराबरी का दर्जा देना चाहिए. संसद और विधानसभा में आरक्षण की मांग चल रही है. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि जिस दिन ऐसा होगा उस दिन हो सकता है मुझे और बीडी कल्ला को घर बैठना पड़े, लेकिन हमें अच्छा लगेगा जब महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी.