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लॉकडाउन ने लगाया अपराधियों पर नकेल, प्रदेश में अपराधों का आंकड़ा 14 फीसदी घटा

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Published : Apr 6, 2020, 12:40 PM IST

कोरोना से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के चलते घरों में ही रहने को मजबूर हैं. इसका एक दूसरा पहलू यह है की प्रदेश के अपराध के आकड़ों में कमी आई है. बीते साल के मुकाबले इस साल अप्रैल तक के आकड़ों में 14 फीसदी की गिरावट देखी गई है.

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प्रदेश में अपराधों का आंकड़ा 14 फीसदी घटा

जयपुर. राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन है और इसका दूसरा पहलू ये है की इसने अपराधियों पर लगाम लगा दी है. प्रदेश में अपराध गत वर्ष मार्च की तुलना में इस वर्ष मार्च में 14 फीसदी और राजधानी में 36 फीसदी कम हुए है. इसका मुख्य बड़ा कारण यह है कि लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रहें और बेखौफ अपराधियों की आवाजाही पर पाबंदी रही.

पढ़ें: जयपुर में 5 साल की मासूम बच्ची की हत्या, बोरे में बंद मिला शव

इस बीच आमजन को सर्वाधिक राहत बेलगाम हो रही चोरी की वारदातों से मिली हैं. वही जयपुर में गत वर्ष जनवरी से मार्च तक की तुलना में इस बार 17 फीसदी अपराध घटे है. राजस्थान में पिछले वर्ष केवल मार्च में 23066 अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे. और इस वर्ष मार्च में मुकदमों की संख्या घटकर 19779 रह गई. यानी इस वर्ष 3287 मुकदमें कम दर्ज हुए जबकि साल 2018 में इनकी संख्या 20068 थी.

पढ़ें: कोटा: घर के बाहर सो रहे व्यक्ति की धारदार हथियार से हत्या, जांच में जुटी पुलिस

आपको बता दें कि राजस्थान में इस वर्ष मार्च में लॉकडाउन से पहले रोजाना 600 से 1200 तक मुकदमे दर्ज हो रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते मार्च के आपराधिक आंकड़ों पर गौर करें तो लूट 80 फीसदी कम हुई है. इसके अलावा चोरी की वारदात में 45 फीसदी की कमी आई है. वहीं दुष्कर्म के मामले 41 फीसदी कम हुए हैं. जो कि प्रदेशवासियों के लिए एक सुखद खबर है.

जयपुर. राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन है और इसका दूसरा पहलू ये है की इसने अपराधियों पर लगाम लगा दी है. प्रदेश में अपराध गत वर्ष मार्च की तुलना में इस वर्ष मार्च में 14 फीसदी और राजधानी में 36 फीसदी कम हुए है. इसका मुख्य बड़ा कारण यह है कि लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रहें और बेखौफ अपराधियों की आवाजाही पर पाबंदी रही.

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इस बीच आमजन को सर्वाधिक राहत बेलगाम हो रही चोरी की वारदातों से मिली हैं. वही जयपुर में गत वर्ष जनवरी से मार्च तक की तुलना में इस बार 17 फीसदी अपराध घटे है. राजस्थान में पिछले वर्ष केवल मार्च में 23066 अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे. और इस वर्ष मार्च में मुकदमों की संख्या घटकर 19779 रह गई. यानी इस वर्ष 3287 मुकदमें कम दर्ज हुए जबकि साल 2018 में इनकी संख्या 20068 थी.

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आपको बता दें कि राजस्थान में इस वर्ष मार्च में लॉकडाउन से पहले रोजाना 600 से 1200 तक मुकदमे दर्ज हो रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते मार्च के आपराधिक आंकड़ों पर गौर करें तो लूट 80 फीसदी कम हुई है. इसके अलावा चोरी की वारदात में 45 फीसदी की कमी आई है. वहीं दुष्कर्म के मामले 41 फीसदी कम हुए हैं. जो कि प्रदेशवासियों के लिए एक सुखद खबर है.

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