जयपुर. महज 2 साल में बनकर तैयार हुए विधायक आवासों का शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकार्पण किया. इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी मंच साझा किया. जिन्होंने मंच से सीएम के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए दीर्घकालीन पट्टियां जल्दी खुलने की बात कही. जिसके जवाब में सीीएम ने मंच पर ही राठौड़ को अपने पैरों की चोट की जानकारी दी और इसमें भी उनके हाव-भाव से डाउट किए जाने की बात कही. फिर एक पुराना वाकिया याद करते हुए राठौड़ पर चुटकी ली. जिसपर राठौड़ हाथ जोड़ते दिखे.
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की ओर से विधायक नगर पश्चिम में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार विधायक आवास परियोजना का शनिवार को सीएम अशोक गहलोत ने फीता काटकर लोकार्पण किया. इस दौरान मौजूद रहे विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इन आवासों की जमकर तारीफ की. हालांकि लोकार्पण समारोह के इस मंच पर नेता प्रतिपक्ष और सीएम ने एक-दूसरे पर चुटकियां भी ली.
राजेन्द्र राठौड़ ने अपने संबोधन में कहा कि यक्ष प्रश्न ये है कि विधायक आवास तो दिखाए और ये कहा कि एक चाबी से सिर्फ ताला खोलना है. लेकिन चाबी से ताला खोलेगा कौन. जब विधानसभा का पिछला इतिहास को देख रहे थे तो पता लगा कि 13वीं विधानसभा में 12वीं विधानसभा के सिर्फ 57 विधायक जीतकर आए. 14वीं विधानसभा में 13वीं विधानसभा के 71 विधायक जीत कर आए और 15वीं विधानसभा में 14वीं विधानसभा के सिर्फ 59 विधायक वापस जीतकर आए. अब ये चाबी किसकी किस्मत खोलेगी. निश्चित तौर पर ये समय बताएगा. लेकिन एक बता निश्चित है कि इस काम के लिए विधानसभा अध्यक्ष को हमेशा-हमेशा के लिए याद किया जाएगा.
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इस दौरान राजेंद्र राठौड़ ने मंच से विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की कि 15वीं विधानसभा के सत्र का आखिरी दिन जिसमें वो गर्म हो गए. एक डायरी की गर्मी से. विधानसभा में चाह रहे थे कि उनके साथ एक फोटो हो, वो लजीज व्यंजन खिलाएं, उससे विधायक महरूम जरूर हो गए. वहीं उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी से भी सार्वजनिक तौर पर पहली बार मिल रहे हैं. उनके पैरों की चोट ठीक हो, वो स्वस्थ रहें पैरों की दीर्घकालिक पट्टियां खुलें और स्वस्थ होकर इसी तरह सब का मार्गदर्शन करते रहें.
इसके बाद जब सीएम अशोक गहलोत ने माइक थामा तो उन्होंने राजेंद्र राठौड़ पर जमकर चुटकियां ली. उन्होंने कहा कि राठौड़ अगर कामना करें उनके अच्छे स्वास्थ्य लाभ की, तो इस पर उनका हक बनता है. उनकी कामना को स्वीकार करने का, क्योंकि ये तो डेमोक्रेसी है. डेमोक्रेसी में नेता प्रतिपक्ष को घर आना चाहिए था पूछने के लिए कि क्या हो गया, कहां लग गई. घर आते तो कद बढ़ता कि ये डेमोक्रेसी के नॉर्म्स अडॉप्ट कर रहे हैं. इसकी बजाए उन्होंने और उनकी पार्टी के नेताओं ने इसका मजाक उड़ा दिया कि चीफ मिनिस्टर नाटक कर रहे हैं. उन्होंने अपने पैरों की ओर इशारा करते हुए कहा कि दोनों अंगूठे में एक में नाखून बाहर आ गया और हेयर लाइन फ्रैक्चर हो गया और दूसरे में तीन टुकड़े हो गए हैं. फिर आप आश्चर्य कर रहे हो तो ये सच्ची वाला है या आर्टिफिशियल वाला, क्योंकि जो बॉडी लैंग्वेज है, उससे डाउट हो रहा है कि इसमें भी वो डाउट कर रहे हैं क्या.
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सीएम ने उन्हें घर पर चाय के लिए आमंत्रित किया और एक पुराना वाकया याद करते हुए कहा कि राजेंद्र राठौड़ से एक शिकायत है. एक बार वो उनके घर आए. उनके भतीजे की शादी थी. कार्ड देने आए, बड़ी खुशी हुई. उस वक्त वो नेता प्रतिपक्ष नहीं थे. राजेंद्र राठौड़ आए थे तो घर पर नाश्ता बनाने के लिए कहा. चाय पिएंंगे, गपशप कर लेंगे. लेकिन ये कुछ इस तरह से आए जैसे छुप कर आए हो. कार्ड पढ़ते इतनी देर में नमस्कार बोल कर भाग गए. इसी वजह से और सब नेता शादी में गए लेकिन वो नहीं गए. सिर्फ इसलिए की राठौड़ साहब आए क्यों थे और जिस तरह इनवाइट किया गया, ये कोई इनविटेशन हुआ क्या. इसलिए शादी में नहीं गए. वरना वो भी आकर शादी में शोभा बढ़ाते. मुख्यमंत्री आते तो दूल्हा-दुल्हन को भी खुशी होती कि मुख्यमंत्री आए और क्यों आए, क्योंकि उनके अंकल राजस्थान के बड़े नेता हैं. राजेन्द्र राठौड़ का भी परिवार में सम्मान बढ़ता, उसमें वो चूक गए.
इस दौरान सीएम ने कहा कि शानदार फ्लैट बने हैं. ये 6 महीने देख लिए थे. ये सब शुभ संकेत हैं. कांग्रेस सरकार के रिपीट होने के. शुभ संकेत की कड़ी में ये एक काम और हुआ है. राठौड़ ने तो चोट की मजाक उड़ा दी, लेकिन उनके पैर में चोट लगना भी शुभ संकेत हैं. अगर ये कैंपेन के वक्त लगती तो क्या होता है. चार-पांच महीने पहले ही निपट गए. अब आराम से जमकर उनके खिलाफ कैंपेन करेंगे. इसलिए जो होता है, वो ठीक ही होता है. उसी रूप में देखता हूं, इसलिए उनकी बातों को माइंड नहीं करता.
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इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान के बढ़ते कदम के साथ विजन 2030 पेश किया. साथ ही कहा कि अब तक यहां कई बड़े एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी, कॉलेज और हेल्थ स्कीम लाई जा चुकी हैं. 70 हजार किलोमीटर तक सड़क बन चुकी है. जल्द 980 करोड़ की लागत से मेट्रो का विस्तार का काम किया जाएगा. जिसका सितंबर में शिलान्यास भी होगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में पक्ष-विपक्ष का रिश्ता हमेशा से अच्छा रहा है. ये देश में मिसाल है. इन संबंधों को तोड़ने वालों को कभी बख्शा नहीं जाएगा. इस दौरान सीएम ने मंच से ही राठौड़ से महंगाई राहत शिविर का विरोध किए जाने को लेकर प्रश्न किया. साथ ही कहा कि पिछली गवर्नमेंट में हाउसिंग बोर्ड को बंद करने की नौबत आ गई थी. उस दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेंद्र राठौड़ ही थे. लेकिन ये पवन अरोड़ा की करामात है, जिसने हाउसिंग बोर्ड को 5000 करोड़ इकट्ठे करके दिए. और जहां तक बात कांग्रेस सरकार के प्रोजेक्ट की है, तो जो काम कांग्रेस शिलान्यास करती है, उसका उद्घाटन भी करती है.
बाद में सार्वजनिक मंच से सीएम की ओर से दी गई चुटकी पर राठौड़ ने कहा कि वो इन बातों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. ये सरकारी कार्यक्रम था, इसलिए शिरकत की. सीएम की आदत है वो हर चीज को मौके बे मौके भुनाने की कोशिश करते रहते हैं. उन्होंने जो कुछ कहा एल्डरली कहा, वो इसे अन्यथा नहीं लेते, लेकिन अच्छा रहता की गरिमा के आधार पर बात होती. उन्होंने जो सवाल खड़े किए लाल डायरी के उसके बारे में बोलते तो अच्छा रहता. किस तरह विधानसभा स्थगित हुई, उन्हीं पर इशारा करते हुए कहा था.
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इससे पहले कार्यक्रम में मौजूद रहे विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब वो पहली बार 1980 में विधानसभा के सदस्य बन कर आए थे, तब इतने आवास नहीं थे. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के लिए ऐसे आवासों की व्यवस्था की है जो जनप्रतिनिधि की क्वालिटी इंप्रूव करने में अहम भूमिका निभाएंगे. वहीं यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर हाउसिंग बोर्ड को विधायक आवास परियोजना का काम दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष की जिद से ये सपना पूरा हुआ और महज 2 साल में फुली फर्निश्ड फ्लैट बनकर तैयार हो गए हैं. जेडीए ने पूरा खर्च उठाया और हाउसिंग बोर्ड ने इस परियोजना को तैयार कर दिया. इस दौरान उन्होंने आने वाले विधायकों को एडवांस मुबारकबाद देते हुए कहा कि ये सीएम गहलोत की ओर से उनके लिए अनुपम भेंट होगी.
बता दें कि इन आवासों में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ फिटनेस के लिए योगा, मेडिटेशन सेंटर और स्विमिंग पूल भी बनाए गए हैं. साथ ही विधायकों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा गया है. यहां स्मार्ट पार्किंग की सुविधा और विधायकों से मिलने आने वाले आगंतुकों का भी ख्याल रखा गया है. पूरे परिसर में ग्रीनरी और लैंडस्कैपिंग की गई है. विधायक आवास परियोजना के लोकार्पण समारोह के दौरान राजस्थान के कई विधायक और मंत्री गण मौजूद रहे. वहीं योजना से जुड़े अधिकारियों और संवेदकों को सम्मानित भी किया गया.
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